फरवरी के महीने में जन्मे बच्चों को बहुत ज्यादा क्रिएटिव और बहादुर माना जाता है. कुछ स्टडीज में ऐसा दावा किय गया है कि इस महीने जन्मे बच्चे न सिर्फ तनाव मुक्त होते हैं, बल्कि जीवन में कुछ बड़ा कर गुजरने की भी चाहत रखते हैं. 29 फरवरी को पैदा हुए बच्चों का जन्मदिन तो लीप ईयर होने की वजह से 4 साल में एक बार आता है. आइए इस महीने जन्मे लोगों के बारे में 8 दिलचस्प बातें बताते हैं.
बुद्धिमान और लंबे- 21,000 बच्चों पर करीब सात साल तक हुए एक शोध में पता चला है कि फरवरी में जन्मे बच्चे संभवत: ज्यादा बुद्धिमान और लंबी कद काठी के होते हैं. अपने कौशल ज्ञान की वजह से ये अपनी बात ज्यादा बेहतर ढंग पेश कर पाते हैं.
चिढ़चिढ़ेपन से दूर- एक शोध के अनुसार, फरवरी में पैदा होने वाले बच्चों में कम तनाव देखने को मिलता है. गर्मियों में पैदा हुए लोगों के मुकाबले इनमें चिढ़चिढ़ापन भी कम होता है. हालांकि, ये जल्दी ही किसी भी बात को दिल से लगा लेते हैं.
आर्टिस्ट नेचर- न्यूजीलैंड में शोधकर्ताओं ने 4 से 5 साल की उम्र के बच्चों पर एक शोध किया था. इसमें बच्चों के विचार, स्वभाव, फिजूलखर्ची, ध्यान और दोस्तों बनाने की कला का विश्लेषण किया गया था. इस दौरान सर्दी में पैदा होने वाले बच्चों को व्यावहारिक रूप से ज्यादा बेहतर पाया गया.
प्रोफेशन- फरवरी में पैदा हुए लोग जरा हटकर पेशा चुनने में ज्यादा विश्वास रखते हैं. इस महीने में जन्मे ज्यादातर लोग या तो आर्टिस्ट बनते हैं या फिर ट्रैफिक पुलिस में सेवाएं देना पसंद करते हैं. ये लोग इरादों के भी बड़े पक्के होते हैं.
लोकप्रियता- शोध के अनुसार, इंसान की लोकप्रियता का उसके जन्म से भी सीधा कनेक्शन होता है. इस महीने में पैदा हुए लोग क्रिएटिविटी के दम पर लोगों के बीच अपनी खास पहचान बनाते हैं. ये लोग झट से किसी भी समस्या का हल खोजने में भी माहिर होते हैं.
न्यूरोलॉजिकल समस्याएं- फरवरी में पैदा हुए लोग ज्यादा सेहतमंद भी माने जाते हैं. दरअसल फरवरी, मार्च और अप्रैल में जन्मे लोगों में न्यूरोलॉजिकल समस्याएं कम ही देखने को मिलती हैं.
हार्ट डिसीज- हालांकि, हृदय से जुड़ी समस्याओं के मामलों में सबसे ज्यादा इन्हें ही संभलकर रहने की जरूरत होती है. एक रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी में जन्मे लोगों को हार्ट अटैक और स्ट्रोक का सबसे ज्यादा खतरा होता है. इसलिए इन्हें अपने खाने में नमक को लेकर ज्यादा सतर्कता बरतनी चाहिए.
स्लीपिंग डिसॉर्डरइसके अलावा- स्लीपिंग डिसॉर्डर यानी अनिद्रा जैसी बीमारियां भी फरवरी में पैदा हुए लोगों को जल्दी घेरती हैं. ब्रिटेन में स्लीपिंग डिसॉर्डर पर हुए एक शोध में यह बात साबित भी हो चुकी है.