कोरोना वायरस वैक्सीन पर कई देशों से अच्छी खबरें आने लगी हैं. चीन की सिनोवैक बायोटेक कंपनी भी अपनी वैक्सीन का ट्रायल जोरों पर कर रही है. कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव के अनुसार सिनोवैक के लगभग 90 फीसदी कर्मचारियों और उनके परिवारों ने कोरोना वायरस की ये प्रायोगिक वैक्सीन लगवाई है. ये वैक्सीन लोगों को जुलाई में लॉन्च इमरजेंसी प्रोग्राम के तहत दी जा रही है.
कंपनी की तरफ से इस वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल कार्यक्रम की कुछ जानकारियां साझा की गईं हैं. कंपनी की तरफ से बताया गया है कि कोरोना वायरस के दोबारा बढ़ रहे मामलों को ध्यान में रखते हुए श्रमिकों को ये प्रायोगिक वैक्सीन दी जा रही है. हालांकि वैक्सीन का ट्रायल अभी भी जारी है. वैक्सीन का इमरजेंसी प्रोग्राम कुछ खास समूह के लोगों के लिए है जिसमें चिकित्सा कर्मचारी, फूड मार्केट में काम करने वालो लोग, ट्रांसपोर्टेशन और सेवा क्षेत्रों में काम करने वाले लोग शामिल हैं.
सिनोवैक की वैक्सीन कोरोनावैक के तीसरे चरण का ट्रायल जारी है. वैक्सीन की इमरजेंसी स्कीम भी इसी ट्रायल की हिस्सा है. कंपनी के सीईओ यिन वेइडोंग ने रॉयटर्स को बताया कि ये वैक्सीन लगभग 2000 से 3000 कर्मचारियों और उनके परिवारों को वॉलंटरी आधार पर दी गई है. इमरजेंसी प्रोग्राम की जरूरत पर यिन वेइडोंग ने कहा, 'डेवलपर और मैन्युफैक्चरर के तौर पर कोरोना वायरस का नया प्रकोप हमारे वैक्सीन प्रोडक्शन को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकता है.'
वैक्सीन के डेटा पर यिन वेइडोंग ने कहा, 'इमरजेंसी प्रोगाम से मिलने वाले डेटा इस बात का प्रमाण दे सकते हैं कि ये सुरक्षित है या नहीं. ये डेटा रजिस्टर्ड क्लीनिकल ट्रायल प्रोटोकॉल का हिस्सा नहीं है इसलिए कमर्शियल इस्तेमाल की मंजूरी देते समय रेगुलेटर्स इसका डेटा नहीं देखते हैं.'
यिन ने बताया कि वैक्सीन के इमरजेंसी कार्यक्रम में हिस्सा लेना वाले कर्मचारियों, उनकी पत्नी और माता-पिता को वैक्सीन के साइट इफेक्ट के बारे में पहले ही बता दिया गया था. यिन ने बताया कि उन्होंने खुद भी इस वैक्सीन की डोज ली है.
यिन ने बताया कि वैक्सीनेशन से पहले डॉक्टर ने इन वॉलंटियर्स से उनकी सेहत की पूरी जानकारी ली थी. वैक्सीन लेने के बाद इन लोगों पर इसके बहुत मामूली दुष्प्रभाव देखे गए. वैक्सीन के इमरजेंसी ट्रायल में करीब 600 लोगों ने हिस्सा लिया.
कोरोनावैक के मिड स्टेज ट्रायल के नतीजे से पता चला कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स में थकान, बुखार और दर्द जैसे लक्षण शामिल हैं. इनमें से ज्यादातर लक्षण बहुत हल्के पाए गए.