जोड़ (ज्वॉइंट) हमारे शरीर का एक ऐसा हिस्सा होता है जहां दो या दो से अधिक हड्डियां आपस में मिलती हैं. जैसे कि कूल्हे में हड्डियों का होता है, जहां जांघ की हड्डी का ऊपरी सिरा पेल्विस के सॉकेट में फिट होता है. जोड़ की हड्डियां एक लचीली मगर मजबूत कार्टिलेज से कवर होती हैं जिसकी मदद से ये आपस में टकराए बिना मूव करती हैं.
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ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) जोड़ों की हड्डी पर चढ़ी कार्टिलेज की इस परत को कमजोर करता है. परिणामस्वरूप हमारे जोड़ों का सरफेस खुरदरा (रफ) हो जाता है. इसकी वजह से जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न होने लगती है. हालांकि ये लक्षण हर इंसान को महसूस नहीं होते हैं.
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'आर्थराइटिस हेल्थ' के मुताबिक, जब ओस्टियोआर्थराइटिस की बात आती है तो इसके लक्षण व्यापक रूप से अलग हो सकते हैं. जोड़ों को हिलाते वक्त अगर आपको इनमें से चटकने की आवाज सुनाई देती है तो ये हड्डी से हड्डी के टकराव का एक संकेत हो सकता है. मेडिकल की भाषा में इस लक्षण को क्रेपिटस कहते हैं.
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लेकिन आर्थराइटिस (गठिया) को किसी अन्य लक्षण के बिना, सिर्फ एक लक्षण के आधार पर नहीं पहचाना जा सकता है. क्रेपिटस के अलावा कुछ अन्य लक्षण जैसे कि जोड़ों में दर्द ऑस्टियोआर्थराइटिस के संकेत हो सकते हैं. जोड़ों में अकड़न भी खासतौर से सुबह के वक्त या इनैक्टिविटी पीरियड के बाद ऑस्टियोआर्थराइटिस का वॉर्निंग साइन हो सकती है.
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इससे प्रभावित जोड़ों की गति में भी धीमापन आ सकता है. ब्रिटेन में आर्थराइटिस के प्रति लोगों को जागरुक करने वाली संस्था 'वर्सज आर्थराइटिस' का कहना है कि कई तरह की परिस्थितियों में एक इंसान ऑस्टियोआर्थराइटिस का शिकार हो सकता है. 40 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में इसका जोखिम ज्यादा होता है. इसके अलावा औरतों और ओवरवेट लोगों में भी इसका खतरा ज्यादा रहता है.
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इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को पहले कभी ज्वॉइंट इंजरी हुई हो या कोई व्यक्ति जन्म से ही असामान्य जोड़ों के साथ पैदा हुआ हो, उनमें भी इसका खतरा ज्यादा रहता है. वर्सज आर्थराइटिस के मुताबिक, विरासत में मिलने वाले जीन्स भी हाथ, घुटने और कूल्हे पर ऑस्टियोआर्थराइटिस का कारण बन सकते हैं. ऑस्टियोआर्थराइटिस के कुछ रूप सिंगल जीन के म्यूटेशन्स से भी जुड़े होते हैं, जो कॉलेजन नाम के एक प्रोटीन को प्रभावित करते हैं.
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ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण प्रगतिशील नहीं होते हैं. मतलब ये समय के साथ खुद-ब-खुद बदतर नहीं हो जाते हैं. दरअसल, ऑस्टियोआर्थराइटिस में आपका सबसे दर्दनाक समय पहली बार लक्षण दिखने के कई साल बाद भी हो सकता है. लक्षण सामने आने के कुछ साल बाद कुछ लोगों की स्थिति पहले की तरह समान रह सकती है या उसमें सुधार भी आ सकता है. वहीं कुछ लोग जोड़ों में दर्द के कई चरणों से गुजर सकते हैं.
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