अमेरिका के अटलांटा क्षेत्र में स्पा सेंटर में गोलीबारी के आरोप में 21 साल के एक लड़के को गिरफ्तार किया गया था. इस गोलीबारी में 8 लोगों की मौत हो गई थी. पूछताछ के दौरान संदिग्ध आरोपी ने पुलिस को बताया है कि इस हमले के पीछे उसका कोई नस्लीय कारण नहीं था. रॉबर्ट एरोन लॉन्ग नाम के इस आरोपी ने कबूला है कि उसे सेक्स की लत थी और इसी वजह से उसने इस घटना को अंजाम दिया.
लॉन्ग का कहना है कि उसके मन में बार-बार स्पा में जाने का ख्याल आता था. इससे उसका सेक्स एडिक्शन बढ़ता था और इसलिए वो इन स्पा को खत्म करना चाहता था. इस हमले में छह एशियाई महिलाओं की भी मौत हो गई थी. यही वजह है कि कई लोग इसे एक नस्लीय हमला मान रहे हैं.
अमेरिका में ये पहला मामला नहीं है जिसमें आरोपी ने अपने सेक्सुअल बिहेवियर की वजह से किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया हो. इससे पहले यौन उत्पीड़न मामले में दोषी पाए गए हॉलीवुड डायरेक्टर हार्वे वेनस्टेन, सीरियल किलर टेड बन्डी और तीन लड़कियों के अपहरण के बाद उन्हे बंदी बनाकर रखने वाले एरियल कास्त्रो भी अपने गुनाहों के लिए अपनी सेक्स और पोर्नोग्राफी की लत को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं.
हालांकि, सेक्सुएलिटी और सेक्स एडिक्शन पर स्टडी कर रहे शोधकर्ताओं की इस मामले में अलग राय है. शोधकर्ताओं का कहना है कि इन दोनों चीजों का मानसिक बीमारी से कोई संबंध नहीं है और किसी भी गुनाह के लिए ये चीजें जिम्मेदार नहीं हो सकती हैं.
मनोवैज्ञानिक और 'द मिथ ऑफ सेक्स एडिक्शन' के लेखक डेविड जे ले ने 'द वॉशिंगटन पोस्ट' को बताया, 'ऐसा माना जाता है कि कुछ लोग जब बहुत ज्यादा उत्तेजित हो जाते हैं तो वो खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं लेकिन शोध के अनुसार सेक्स की लत वाले लोग ऐसी स्थितियों में भी खुद पर नियंत्रण रख सकते हैं.' कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि अपराधी इन चीजों का इस्तेमाल अपना गुनाह छिपाने के लिए करते हैं.
न्यूरोसाइंटिस्ट डॉक्टर प्रॉज ने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की एक स्टडी का हवाला देते हुए बताया कि सिगरेट-शराब पीने या जुआ खेलने जैसी आदतों और सेक्स को लेकर दिमाग अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया देता है. कुछ लोगों को धीरे-धीरे सेक्स की इतनी लत लग जाती है कि वो किसी भी तरह की नेगेटिव चीजों से दूर रहने के लिए भी सेक्स का ही सहारा लेते हैं.
इस घटना के बाद अब बुरी लतों को छुड़ाने वाले रिहैब सेंटर पर भी सवाल उठने लगे हैं क्योंकि लॉन्ग भी पिछले छह महीने से जॉर्जिया के एक रिहैब सेंटर में रह रहा था. लॉन्ग यहां अपने सेक्स एडिक्शन का इलाज करा रहा था जबकि उसके साथ के कुछ लोग ड्रग्स और शराब की लत छुड़वाने के लिए यहां भर्ती थे. मनौवैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसी जगहों पर लोगों के आसपास रूढ़िवादी या धार्मिक वातावरण बनाया जाता है ताकि लोग अपने उन विचारों को दबा सकें.
लॉन्ग द्वारा स्पा सेंटर पर हमला किए जाने के पीछे भी कुछ लोग इन्हीं विचारों का तर्क दे रहे हैं. वैज्ञानिकों ने सेंटर पर सेक्स एडिक्शन और सेक्सुअल बिहेवियर डिसऑर्डर ठीक किए जाने के तरीकों पर भी शंका जताई है. हालांकि, चीफ क्लिनिकल ऑफिसर रॉब वेस लॉन्ग के मामले में इस तर्क से इत्तेफाक नहीं रखते हैं.
चीफ क्लिनिकल ऑफिसर रॉब वेस का कहना है, 'सेक्स एडिक्शन और हिंसा इन दोनों का आपस में कोई संबंध नहीं है. लोग अपनी, अपने पार्टनर और परिवार की जिंदगियां बस इसलिए खराब कर देते हैं क्योंकि वो अपने व्यवहार पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं लेकिन वो किसी को जान से नहीं मारते हैं, जैसा कि लॉन्ग ने किया.'