भागदौड़ वाली लाइफस्टाइल में ज्यादातर लोग अपनी दिनचर्या पर ध्यान नहीं दे पाते हैं. बाहर जाना हो या घर से काम करना हो, हर व्यक्ति किसी ना किसी दबाव से गुजर रहा है. काम की चिंता में हमारा पूरा दिन कैसे निकल जाता है, हमें पता ही नहीं चलता. खासतौर से सुबह के कुछ घंटों में हम क्या करते हैं और अपना समय कैसे बिताते हैं, इन सबका असर हमारे पूरे दिन के रूटीन पर पड़ता है. आयुर्वेद में सुबह के कुछ खास नियम बताए गए हैं जो ना सिर्फ लाइफस्टाइल को बेहतर बनाते हैं बल्कि व्यक्ति में आत्मविश्वास, अनुशासन और संतुलन जैसे गुण भी विकसित करते हैं. इन गुणों की बदौलत आपकी कामयाबी का रास्ता भी खुलता है. आइए जानते हैं इनके बारे में.
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सुबह जल्दी उठें- आयुर्वेद में ब्रह्म मुहूर्त में उठने की सलाह दी गई है यानी कि सूर्योदय के 2 घंटे पहले. इसका कारण ये है कि दिन की शुरुआत करने से पहले अपनी शरीर की सफाई और इस पर ध्यान देने के लिए पर्याप्त समय होता है. अगर आप इतनी जल्दी नहीं उठ सकते हैं तो धीरे-धीरे इसकी आदत डालें. जल्दी ही आपको इसकी आदत पड़ जाएगी.
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चेहरे पर पानी डालें- सुबह उठने के बाद आपको सबसे पहले अपने चेहरे पर पानी डालना चाहिए. खासतौर से आंखों पर पानी के छीटें डालना आयुर्वेद में एक अच्छी एक्सरसाइज मानी गई है. ध्यान रखें कि ये पानी ना तो ज्यादा ठंडा होना चाहिए और ना ही गर्म. ये पानी कमरे के तापमान पर होना चाहिए.
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पेट रखें साफ- आयुर्वेद में रात में सोने से पहले बाथरूम जाना अच्छा माना जाता है. रात के समय बाथरूम जाने से शरीर से सारे विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं. आयुर्वेद में एक बार सुबह और एक बार रात में शौच जाने की सलाह दी जाती है. इससे आप सुबह हल्का और स्वस्थ महसूस करते हैं, वहीं रात में पेट साफ होने से नींद अच्छी आती है.
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दांतों को अच्छे से साफ करें- आयुर्वेद में दांत और जीफ साफ करने का खास महत्व है. सुबह उठने के बाद अच्छी तरह से ब्रश करें. मुंह की सफाई पर ज्यादा ध्यान दें क्योंकि मुंह की गंदगी से कई सारे बैक्टीरिया पनपते हैं जो कई बीमारियों को जन्म देते हैं. ब्रश को समय-समय पर बदलते रहना चाहिए. मीठे की बजाय कड़वे टूथपेस्ट से ब्रश करना बेहतर होता है.
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गरारा- ज्यादातर लोग गले में खराश होने पर ही गरारा करते हैं लेकिन आयुर्वेद के हिसाब से हमें अपने डेली रूटीन में भी गरारा करने चाहिए. गरारा नमक के पानी से किया जाता है और नमक मसूड़ों सहित मुलायम ऊतकों की सफाई करता है.
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शरीर की मालिश- अपने रूटीन में ऑयलिंग यानी गर्म तेल से मालिश करने की आदत शामिल करें. आयुर्वेद के अनुसार, तेल से शरीर को जो मॉइश्चराइजर मिलता है, वो किसी क्रीम से नहीं मिलता. अगर आपके पास हर दिन शरीर मालिश करने का समय नहीं है तो सप्ताह में कम से कम तीन दिन जरूर करें. गर्मी के दिनों में आप सप्ताह में दो दिन भी मालिश कर सकते हैं.
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वैसे तो पूरे शरीर की मालिश जरूरी है लेकिन अगर आपके पास समय की कमी है तो कम से कम शरीर के पांच अंगों की मालिश जरूर करें. ये अंग नाभि, पैरों के तलवे, सिर, कान, हाथ और कोहनी हैं. तेल की मालिश नहाने से पहले करनी चाहिए. इसके लिए आप ऑलिव ऑयल, नारियल का तेल, सरसों का तेल और तिल के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
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हल्की एक्सरसाइज करें- आयुर्वेद के अनुसार, दिन की शुरुआत हल्की एक्सरसाइज से करनी चाहिए. इससे शरीर में ब्लड फ्लो और लचीलापन बढ़ता है. इसके लिए आप टहलने जा सकते हैं या फिर योग कर सकते हैं लेकिन याद रखें कि इसे ज्यादा मेहनत के साथ ना करें. जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करने से आप ज्यादा थक सकते हैं.
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