scorecardresearch
 
Advertisement
लाइफस्टाइल न्यूज़

Summer Diseases- गर्मियों में बढ़ जाता है इन 13 बीमारियों का खतरा, रहें सावधान

गर्मियों में बीमारियों और इंफेक्शन का खतरा
  • 1/14

गर्मियों का मौसम अपने साथ कई तरह की परेशानियां लेकर आता है. इस मौसम में होने वाली चिलचिलाती धूप और पसीने से सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. ऐसे में जरा सी लापरवाही सेहत बिगड़ भी सकती है. इस मौसम में कई तरह की बीमारियों और इंफेक्शन का खतरा बना रहता है. आइए जानते हैं गर्मियों के मौसम में किन बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है.

हीट-स्ट्रोक
  • 2/14

हीट-स्ट्रोक- गर्मियों के मौसम में ज्यादा देर तक तेज धूप में रहने की वजह से हीट-स्ट्रोक यानी लू लगना आम बात है. लू लगने से सिरदर्द, कमजोरी, जुकाम, मांसपेशियों में दर्द, बुखार और तेजी से सांस चलना जैसे लक्षण होते हैं.

डायरिया
  • 3/14

डायरिया- डायरिया यानी दस्त एक ऐसी समस्या है जो गलत खानपान से होती है. अक्सर गर्मियों में ज्यादा तला-भुना, तेज मसालेदार और जंक फूड का सेवन करने से डायरिया हो सकता है.

Advertisement
चिकनपॉक्स
  • 4/14

चिकनपॉक्स- गर्मियों में ज्यादातर लोगों में चिकनपॉक्स यानी चेचक की बीमारी देखने को मिलती है. इससे पूरे शरीर में खुजली, फफोले, चकत्ते हो जाते हैं. इसके अलावा बुखार और भूख ना लगना इसके अन्य लक्षणों में शामिल हैं.

फूड प्वाइजनिंग
  • 5/14

फूड प्वाइजनिंग- यह दूषित खाने की वजह से होने वाली समस्या है. गर्मी और उमस की वजह से इस मौसम में बैक्टीरिया आसानी से पनप जाते हैं जिसकी वजह से खाना दूषित हो जाता है. इसलिए गर्मी के मौसम में रखा हुआ भोजन और बाहर का खाने से बचना चाहिए.

अस्थमा
  • 6/14

अस्थमा- गर्मी के मौसम में अस्थमा के मरीजों को सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए. इस मौसम में होने वाले पॉल्यूशन से या अन्य कारण से वायरस से इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. इससे व्यक्ति को सांस लेने में दिकक्त होती है.

डिहाइड्रेशन
  • 7/14

डिहाइड्रेशन- गर्मियों के मौसम में शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिससे व्यक्ति डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाता है. इस मौसम में पसीने के जरिए शरीर से बहुत सारा पानी बाहर निकल जाता है और इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस अनियंत्रित हो जाता है. इसलिए गर्मियों में खुद को हाइड्रेट रखना जरूरी है.

फ्लू
  • 8/14

फ्लू- गर्मियों में लू आदि में कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया होते हैं. जिससे मौसमी फ्लू होने का खतरा बढ़ जाता है. इसमें व्यक्ति को बुखार, थकान, सिरदर्द, जुकाम आदि हो सकते हैं.

मम्स
  • 9/14

मम्स- यह एक तरीके का वायरल इंफेक्शन है. मम्स में पेराटिड ग्रंथि (कान और जबड़े के बीच) प्रभावित होती हैं. इस बीमारी में गाल के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है.

Advertisement
सर्दी-जुकाम
  • 10/14

सर्दी-जुकाम- अक्सर गर्मी के मौसम में लोग ठंडी चीजें खाना ज्यादा पसंद करते हैं. कई बार चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए बहुत ज्यादा ठंडा जैसे कोल्ड ड्रिंक, ठंडा पानी या आइस क्रीम खा लेतें हैं. इससे सर्दी-जुकाम होने का खतरा बढ़ जाता है.

सिसदर्द
  • 11/14

सिसदर्द- गर्मियों की चिलचिलाती धूप में सिसदर्द होना तो लाजमी है. इस मौसम में शरीर में पानी की कमी हो जाती है जो सिरदर्द का कारण बनता है.

आंखों की परेशानी
  • 12/14

आंखों की परेशानी- गर्मी में सूर्य की तेज किरणें और धूप आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं. इससे कई तरह के बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन हो सकते हैं. इस मौसम में कांजेक्टिवआइटिस सबसे ज्यादा होने वाला एलर्जिक रिएक्शन से होता है. इससे आंखों में पानी आना, चुभन होना और लालपन हो सकता है.

सनबर्न
  • 13/14

सनबर्न- तेज धूप में काफी देर तक रहने के कारण सनबर्न होता है. इसकी वजह से त्वचा पर चकत्ते पड़ जाते हैं. सूर्य की तेज किरणों से निकलने वाली यूवी रेज स्किन के लिए हानिकारक होती है. इसलिए धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाने की सलाह जी जाती है.

टाइफाइड
  • 14/14

टायफॉइड- टायफॉइड भी दूषित खानपान से होने वाली बीमारी है. इसमें पेट दर्द, बुखार, थकान, कमजोरी, सिरदर्द आदि के लक्षण शामिल होते हैं.

Advertisement
Advertisement