scorecardresearch
 
Advertisement
लाइफस्टाइल न्यूज़

Corona: आपके इम्यून को ही शरीर का दुश्मन बना देगा साइटोकाइन स्टॉर्म, जानें क्या है ये बला

साइटोकाइन स्टॉर्म 1
  • 1/10

कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों में साइटोकाइन स्टॉर्म का खतरा बढ़ रहा है. ये एक ऐसी कंडीशन है जिसमें इंसान को कोरोना होने पर उसे 'मल्टीपल ऑर्गेन फेलियर' की शिकायत हो जाती है. यानी शरीर के प्रमुख अंग काम करना बंद कर देते हैं. कई मामलों में इंसान की मौत भी हो जाती है. आइए आपको बताते हैं कि साइटोकाइन स्टॉर्म क्या है और कोरोना में ये कैसे शरीर पर हमला करता है.

साइटोकाइन स्टॉर्म 2
  • 2/10

साइटोकाइन हमारी बॉडी के सेल्स यानी कोशिकाओं के अंदर एक तरह का प्रोटीन होता है. ये हमारे इम्यूनिटी रिस्पॉन्स सिस्टम का हिस्सा होता है, जो बाहरी रोगजनक वायरसों से हमारा बचाव करता है. साइटोकाइन स्टॉर्म का खतरा तब बढ़ता है जब हमारा इम्यून सिस्टम अनियंत्रित होकर साइटोकाइन का ज्यादा प्रोडक्शन करने लगता है.

Photo: Getty Images

साइटोकाइन स्टॉर्म 3
  • 3/10

शरीर में बढ़े हुए साइटोकाइन हमारी ही कोशिकाओं पर हमला करना शुरू कर देते हैं जिससे उन पर बुरा असर पड़ता है और शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं. आसान भाषा में कहें तो ये हमारे इम्यून को ही शरीर का दुश्मन बना देता है. ऐसा होने पर अक्सर शरीर में ऑक्सीजन की कमी भी होने लगती है और जान को खतरा भी बढ़ जाता है.

Photo: Getty Images

Advertisement
साइटोकाइन स्टॉर्म 4
  • 4/10

शरीर पर कितना असर- डॉक्टर्स कहते हैं कि शरीर में साइटोकाइन के बढ़ने से दिल की धड़कनें अनियंत्रित हो सकती हैं और हार्ट अटैक की संभावना सकती है. ये थ्रोम्बोसिस यानी रक्त वाहिकाओं में ब्लड क्लॉट की समस्या भी उत्पन्न कर सकता है. डॉक्टर्स कहते हैं कि कोरोना मरीजों में इसकी संभावना दूसरे सप्ताह में सबसे ज्यादा होती है.

Photo: Getty Images

साइटोकाइन स्टॉर्म 5
  • 5/10

इस दौरान मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ने पर उसे स्टेरॉयड देने की सख्त जरूरत होती है. मरीज की हेल्थ को लगातार मॉनिटर किया जाना चाहिए. यदि ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल लगातार नीचे जा रहा है तो तुरंत डॉक्टर को इसकी जानकारी देनी चाहिए. हालांकि इंफेक्शन के पहले चरण में हल्के लक्षण दिखने पर ऐसा नहीं किया जाना चाहिए.

Photo: Getty Images

साइटोकाइन स्टॉर्म 6
  • 6/10

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि साइटोकाइन स्टॉर्म कोरोना मरीजों के लिए बेहद घातक साबित हो सकता है. हालांकि इसे लेकर अभी तक कोई बड़ी स्टडी नहीं की गई है. कोरोना संक्रमित कई मरीजों में साइटोकाइन स्टॉर्म शुरू होने के बाद उनकी हालत को तेजी से बिगड़ते देखा गया है. डॉक्टर्स का मानना है कि कोरोना से लगातार हो रही मौतों के पीछे साइटोकाइन स्टॉर्म की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है.

साइटोकाइन स्टॉर्म 7
  • 7/10

webmd की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साइटोकाइन स्टॉर्म को जुवेनाइल आर्थराइटिस जैसी ऑटोइम्यून डिसीज में डेवलप होने के लिए जाना जाता है. फ्लू जैसा साधारण इंफेक्शन भी इसे शरीर में ट्रिगर कर सकता है और कैंसर के इलाज के दौरान भी ये जानलेवा हो सकती है.

साइटोकाइन स्टॉर्म 8
  • 8/10

शरीर में कई तरह के साइटोकाइन सेल्स डेथ को ट्रिगर करते हैं. जब आपके पास एक समय में ऐसी बहुत सी कोशिकाएं हो जाती हैं तो हमारे बहुत सारे टिशू (ऊतक) मर सकते हैं. ज्यादातर टिशू हमारे फेफड़ों में होते हैं.

साइटोकाइन स्टॉर्म 9
  • 9/10

जब इन टिशू को नुकसान होता है तो फेफड़ों की सतह पर मौजूद एयर बैग के लीक होने से वो फ्लूड से भर जाता है. इसी वजह से मरीजों को निमोलिया और ब्लड में ऑक्सीजन की कमी होती है.

Photo: Getty Images

Advertisement
साइटोकाइन स्टॉर्म 10
  • 10/10

एक स्टडी के मुताबिक, H1N1 इन्फ्लूएंजा से मरने वाले तकरीबन 81 प्रतिशत लोगों में साइटोकाइन स्टॉर्म की समस्या देखी जा चुकी है. दुनियाभर में इस पर दर्जनों शोध चल रहे हैं जिसमें ऐसे तरीकों की खोज की जा रही जो शरीर में बढ़ते साइटोकाइन को रोक सकें.

Photo: Getty Images

Advertisement
Advertisement