आमतौर पर आंखों में पानी आना या दर्द होना एक आम समस्या लगती है. लोगों को लगता है कि टीवी, मोबाइल या लैपटॉप ज्यादा समय देने की वजह से आंखों में दिक्कत हो रही है. पर नई स्टडी के अनुसार आंखों में दर्द भी कोरोना वायरस का एक प्रमुख लक्षण (Coronavirus Symptoms) हो सकता है. ये स्टडी UK के भारतीय मूल की प्रोफेसर शाहीना प्रधान के नेतृत्व में की गई है.
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शाहीना प्रधान ने बताया है कि कोरोना वायरस किस तरह पूरे शरीर में चक्कर लगाता है. UK की एंग्लिया रस्किन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कोरोना पॉजिटिव लोगों पर एक सर्वे कर उनके लक्षणों के बारे में पूछा. लोगों से ये भी सवाल किया गया कि टेस्ट में पॉजिटिव आने से पहले उनकी सेहत कैसी थी.
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शाहीना प्रधान ने कहा, 'ये पहली ऐसी स्टडी है जिसमें आंखों से संबंधित सारे लक्षणों की कोरोना वायरस से जोड़कर जांच की गई है. इसके अलावा, ये भी जानने की कोशिश की गई है कि COVID-19 के अन्य लक्षणों की तुलना में आंखों से जुड़े ये लक्षण कितने दिनों तक शरीर में बने रहते हैं.'
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ये स्टडी BMJ Open Ophthalmology नामक पत्रिका में छपी है. शोधकर्ताओं के अनुसार स्टडी में शामिल कोरोना वायरस के ज्यादातर मरीजों ने आंखों में तकलीफ होने की बात कही. इनमें से 16 फीसदी प्रतिभागियों ने आंखों में दर्द के लक्षण बताए जबकि सिर्फ 5 फीसदी लोगों ने बताया कि उन्हें आंखों में पहले से दिक्कत थी.
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स्टडी में शामिल 18 फीसदी लोगों ने फोटोफोबिया या फिर रौशनी से दिक्कत होने जैसे लक्षण बताए. हालांकि, कुछ लोगों को कोरोना होने से पहले से ही शिकायत थी लेकिन कोरोना होने के बाद समस्या और बढ़ गई.
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कुल मिलाकर स्टडी में शामिल 83 में से 81 फीसदी लोगों ने कहा कि COVID-19 के लक्षण दिखने के दो सप्ताह बाद आंखों से जुड़ीं समस्याएं हुईं. इनमें से 80 फीसदी लोगों ने बताया कि उनकी आंखों की ये समस्या कम से कम दो सप्ताह तक रही.
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कोरोना वायरस का सबसे आम लक्षण थकान है. स्टडी में शामिल 90 फीसदी लोगों ने बताया कि उन्हें संक्रमण के दौरान जरूरत से ज्यादा थकान महसूस हुई, 76 फीसदी लोगों ने बुखार और 66 फीसदी लोगों ने सूखी खांसी की शिकायत की.
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प्रधान ने कहा, 'हालांकि ये जरूरी है कि आंखों की दिक्कतों को COVID-19 के संभावित लक्षणों की सूची में शामिल करना चाहिए लेकिन कंजंक्टिवाइटिस को इससे अलग रखना चाहिए क्योंकि इन लक्षणों को दूसरे तरह के बैक्टीरियल इंफेक्शन से अलग रखना जरूरी है.
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प्रधान ने कहा, 'ये स्टडी बहुत मायने रखती है क्योंकि ये समझाने में मदद करती है कि COVID-19 कैसे आंखों को संक्रमित कर सकता है और ये वायरस किस तरह पूरे शरीर में फैल जाता है.
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