scorecardresearch
 
Advertisement
लाइफस्टाइल न्यूज़

Winters Health: सर्दी में पानी की कमी से डीहाइड्रेशन, किडनी समेत इन अंगों पर बुरा असर

सर्दी में पानी की कमी से डीहाइड्रेशन
  • 1/9

सर्दी के मौसम में लोगों को बहुत कम प्यास लगती है. लेकिन कम प्यास लगने पर ये न समझें कि शरीर को पानी की जरूरत ही नहीं है. आपको शायद मालूम न चले लेकिन पानी की कमी के कारण आपका शरीर धीरे-धीरे डीइहाइड्रेट होने लगता है. हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो डीहाइड्रेशन से शरीर के प्रमुख अंगों पर बहुत बुरा असर पड़ता है. आइए जानते हैं कि डीहाइड्रेशन से हमारी सेहत को कितने भयानक नुकसान हो सकते हैं.

दिमाग पर बुरा असर
  • 2/9

डिहाइड्रेशन की वजह से इलेक्ट्रोलाइट का स्तर बहुत कम हो जाता है जो दिमाग में कई तरह की दिक्कतें पैदा कर सकता है. इलेक्ट्रोलाइट पोटेशियम और सोडियम जैसे मिनरल्स हैं जो कोशिकाओं के बीच सिग्नल भेजने का काम करती है. मेयो क्लिनिक के अनुसार, अगर आपके इलेक्ट्रोलाइट्स बहुत कम हैं, तो वो कोशिकाओं को संकेत भेजने का काम नहीं कर सकेंगे और इसकी वजह से मांसपेशियों में खिंचाव से लेकर दौरे पड़ने तक की समस्या आ सकती है.

मांसपेशियों में खिंचाव और दौरे
  • 3/9

जब शरीर में पानी की कमी होती है तब कोशिकाएं मस्तिष्क को इस बात का संकेत भेजती हैं कि आपको प्यास लगी है. हालांकि डिहाइड्रेशन का असर दिमाग पर और भी तरीकों से पड़ता है. डिहाइड्रेशन का सीधा असर मूड और परफॉर्मेंस से भी जुड़ा होता है. अमेरिकन कॉलेज ऑफ न्यूट्रीशन की पत्रिका के मुताबिक, सिर्फ 2 फीसदी डिहाइड्रेशन भी ध्यान से करने वाले किसी काम को बिगाड़ सकता है. डिहाइड्रेशन का असर यादाश्त पर भी पड़ता है.

Advertisement
किडनी पर बुरा असर
  • 4/9

जब शरीर में पानी की कमी होती है तो कोशिकाएं हाइपोथैलेमस को एक संकेत भेजती हैं, जो वैसोप्रेसिन नाम का हार्मोन निकालती हैं. इसे एंटीडायरेक्टिक हार्मोन (एडीएच) के नाम से भी जाना जाता है. यह हार्मोन किडनी को खून से कम पानी निकालने का संकेत देता है, जिससे पेशाब कम, गाढ़ा और गहरे रंग का निकलता है. किडनी खून के प्रमुख फिल्टर हैं और पर्याप्त तरल पदार्थ के बिना वो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर नहीं निकाल पाते हैं. डॉक्टर बुश का कहना है, 'आश्चर्यजनक रूप से, आपकी किडनी एक दिन में 55 गैलन तक तरल पदार्थ ले जाने में सक्षम है.'

किडनी फेलियर का खतरा
  • 5/9

ज्यादा समय तक प्यासे रहने पर किडनी को बहुत मेहनत करनी पड़ती है. नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार, इस तरीके से किडनी को चोट आ सकती है और आपको किडनी की बीमारी भी हो सकती है. शरीर में पानी की कमी से पथरी की भी समस्या होने लगती है. मेयो क्लिनिक के मुताबिक, जो लोग गर्म, शुष्क मौसम में रहते हैं और जिन लोगों को दूसरों की तुलना में बहुत अधिक पसीना आता है, उन लोगों में ये खतरा ज्यादा पाया जाता है.

ब्लड प्रेशर में दिक्कत
  • 6/9

शरीर को खून बनाने के लिए तरल पदार्थ की जरूरत होती है. जब शरीर में तरल पदार्थ की कमी हो जाती है तो खून का स्तर भी कम हो जाता है. प्रसिद्ध डाइटीशियन स्टेफन्स्की कहती हैं, 'शरीर में उचित ब्लड प्रेशर को बनाए रखने के लिए पर्याप्त तरल पदार्थ की जरूरत होती है.' शरीर में पानी की कमी की वजह से हाइपोटेंशन या लो ब्लड प्रेशर की शिकायत हो सकती है और इसकी वजह से व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है.

सेक्स ड्राइव की समस्या
  • 7/9

यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, डिहाइड्रेशन की गंभीर स्थिति की वजह से हाइपोवॉल्मिक शॉक जैसी इमरजेंसी हालत भी आ सकती है. जहां खून में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है और खून की कमी की वजह से ये पूरे शरीर में नहीं फैल पाता है जिससे कई अंग काम करना बंद कर सकते हैं. डॉक्टर बुश का कहना है कि इसकी वजह से सिर दर्द, चक्कर, आखों पर दबाव, सेक्स ड्राइव में कमी या फिर नींद ना आने जैसी समस्या हो सकती है.

डायजेशन सिस्टम पर असर
  • 8/9

डायजेशन सिस्टम पर असर- पाचन तंत्र को सही से काम करने के लिए पर्याप्त पानी की जरूरत पड़ती है. पानी के जरिए ही शरीर से अपशिष्ट पदार्थ बाहर आते हैं और पाचन तंत्र दुरूस्त रहता है. स्टेफन्स्की कहती हैं, 'शरीर में तरल पदार्थ की कमी का असर शौच क्रिया पर पड़ता है.'

स्किन पर असर
  • 9/9

स्किन पर असर- पानी की कमी का सीधा असर स्किन पर भी पड़ता है. पानी की कमी की वजह से स्किन रूखी होने लगती है और होंठ फटने लगते हैं. अच्छी और सेहतमंद स्किन के लिए अच्छा हाइड्रेशन होना जरूरी है.

Advertisement
Advertisement
Advertisement