अमेरिका के प्रमुख संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथोनी फाउची कोरोना वायरस संक्रमण पर कुछ ना कुछ नई जानकारियां देते रहते हैं. फाउची ने अब शरीर के इम्यून सिस्टम को लेकर कुछ नई बातें बताई हैं. अमेरिकी अभिनेत्री जेनिफर गार्नर ने इंस्टाग्राम पर फाउची का इंटरव्यू लिया. इस लाइव इंटरव्यू में फाउची ने विटामिन सप्लीमेंट्स की जरूरत के बारे में बताया.
डॉक्टर फाउची का कहना है कि कुछ सप्लीमेंट्स इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं. डॉक्टर फाउची ने कहा, 'अगर आपमें विटामिन डी की कमी है तो आपमें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. मैं लोगों को विटामिन डी का सप्लीमेंट लेने की सलाह देता हूं क्योंकि मैं खुद भी ये लेता हूं.' हालांकि शरीर के लिए सिर्फ इतना काफी नहीं है.
डॉक्टर फाउची ने एक और विटामिन सप्लीमेंट लेने की सलाह दी है. फाउची ने कहा, 'लोग विटामिन C भी लेते हैं क्योंकि ये एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट है. इसलिए अगर लोग विटामिन C सप्लीमेंट लेना चाहते हैं तो इसमें कोई हर्ज नहीं है.
ये पूछे जाने पर कि क्या पालक, एल्डरबेरी या कोई अन्य सप्लीमेंट्स इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का काम करता है, डॉक्टर फाउची ने कहा, 'बहुत से लोग ये सुनकर निराश हो सकते हैं, लेकिन इसका जवाब नहीं है.' जॉन्स हॉपकिन्स सेंटर फॉर हेल्थ सिक्योरिटी के वरिष्ठ स्कॉलर अमेश ए अदलजा ने कहा, 'इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि विटामिन डी श्वसन संक्रमण से लड़ने में मदद करता है.'
विटामिन डी एक घुलनशील विटामिन है जो प्राकृतिक रूप से कुछ खाद्य पदार्थों में भी पाया जाता है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डाइटरी सप्लीमेंट्स (NIH) के अनुसार फैटी फिश, बीफ लीवर, चीज़, और अंडे की जर्दी में विटामिन डी पाया जाता है. NIH का कहना है कि विटामिन डी शरीर में अलग-अलग काम करता है जैसे हड्डियों को मजबूत बनाना, सूजन को कम करना और इम्यून फंक्शन की मदद करना.
डॉक्टर अदलजा का कहना है कि यही वजह है कि सप्लीमेंट के रूप में विटामिन डी शरीर के लिए बहुत जरूरी है. कुछ लोगों में इसकी कमी होती है. NIH के डेटा के अनुसार लगभग 18 फीसदी लोगों पर्याप्त विटामिन डी नहीं पाया जाता है. जबकि 5 फीसदी लोगों में इसकी खतरनाक कमी पाई जाती है.
मेडिकल जर्नल The BMJ में छपे एक डेटा के अनुसार 11,321 लोगों में जो लोग हर दिन या हफ्ते में एक बार विटामिन डी का सप्लीमेंट लेते थे उनमें सप्लीमेंट ना लेने वालों की तुलना में श्वसन संक्रमण की शिकायत कम पाई गई. जिन लोगों में विटामिन डी की सबसे अधिक कमी थी, उन्हें सप्लीमेंट का सबसे ज्यादा फायदा हुआ.
वहीं विटामिन सी पानी में घुलनशील विटामिन है. NIH के अनुसार, विटामिन सी प्राकृतिक रूप से संतरे, स्ट्रॉबेरी, ब्रोकोली और टमाटर जैसे अन्य खाद्य पदार्थों में पाया जाता है. NIH का कहना है कि इसे एल-एस्कॉर्बिक एसिड के रूप में भी जाना जाता है, यह एक एंटीऑक्सीडेंट है जो इम्यून फंक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक समीक्षा और मेटा-विश्लेषण में पाया गया कि जिन लोगों ने विटामिन C का सप्लीमेंट लिया उनमें सर्दी-खांसी होने के बावजूद संक्रमण का खतरा कम पाया गया. एक्सरसाइज करने वालों को विटामिन C सप्लीमेंट का फायदा ज्यादा होता है.
ओहियो चिकित्सा विश्वविद्यालय में एक संक्रामक रोग चिकित्सक प्रोफेसर रिचर्ड वाटकिंस का कहना है ये नहीं कहा जा सकता कि हर किसी को सप्लीमेंट्स लेने चाहिए. हालांकि इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए विटामिन C और D का सप्लीमेंट लिया जा सकता है. NIH के अनुसार, एक स्वस्थ वयस्क को एक दिन में 15 mg विटामिन डी जबकि स्वस्थ महिलाओं को 75 mg विटामिन सी लेने की कोशिश करनी चाहिए. वहीं पुरुषों को एक दिन में 90 mg विटामिन लेने का लक्ष्य रखना चाहिए. हालांकि कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार जरूर संपर्क कर लें.