दुनिया भर में 6 जुलाई को इंटरनेशनल किसिंग डे मनाया जाता है. इस दिन कपल्स किस के जरिए एक-दूसरे से अपने प्यार का इजहार करते हैं. किस हमेशा से ही प्यार का प्रतीक रहा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि किस के जरिए भी सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STIs) हो सकते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में और इससे बचने के लिए आपको किस तरह की सावधानियां रखनी चाहिए.
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हर्पीस- हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस की वजह से होने वाली एक संक्रामक बीमारी है. ये एक-दूसरे के संपर्क में आने से त्वचा में तेजी से फैलता है. हर्पीस का संक्रमण दो तरीके से फैलता है. हर्पीस का एक प्रकार HSV-1 है जिसे ओरल हर्पीस भी कहते हैं. ओरल हर्पीस किस के जरिए आसानी से फैल सकता है. इसका सबसे आम लक्षण मुंह या जननांगों पर छोटे सफेद या लाल छाले होना है. कभी-कभी इससे खून भी निकल सकता है. किस करने से ये वायरस एक से दूसरे में जा सकते हैं. कोई लक्षण न होने पर भी ये वायरस फैल सकता है. ये लार या एक ही बर्तन में खाने से भी एक से दूसरे में फैल सकता है.
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हर्पीस का दूसरा प्रकार HSV-2 है जिसे जेनिटल हर्पीस भी कहते हैं. वैसे तो इस तरह का हर्पीस मुख्य रूप से सेक्स संपर्क से फैलता है, लेकिन किस के जरिए भी फैलने की इसकी संभावना है. HSV-2 के लक्षण भी ओरल हर्पीस की तरह ही होते हैं. ये दोनों तरह के हर्पीस पूरी तरह ठीक नहीं हो पाते हैं. अगर आपका इम्यून सिस्टम मजबूत है तो आपको इसके हल्के लक्षण ही पता चलेंगे. इस संक्रमण को दूर करने के लिए डॉक्टर मरीज को एंटीवायरल दवाएं देते हैं.
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साइटोमेगालोवायरस- साइटोमेगालोवायरस (CMV) एक वायरल संक्रमण है जो लार के संपर्क में आने से हो सकता है. इसमें वायरस होता है. इसके अलावा ये खून, सीमन या फिर ब्रेस्ट से भी फैलता है. इसे सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन इसलिए माना जाता है क्योंकि यह अक्सर ओरल और जननांग के संपर्क के माध्यम से फैलता है.
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साइटोमेगालोवायरस के लक्षण- थकान, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द इसके प्रमुख लक्षण हैं. अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है तो साइटोमेगालोवायरस का भी इलाज पूरी तरह संभव नहीं है. इसका इलाज भी हर्पीस की दवाओं के जरिए किया जा सकता है.
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सिफलिस- सिफलिस एक तरह का बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो आमतौर पर किस से नहीं फैलता है. ये आमतौर पर ओरल या जेनिटल सेक्स के जरिए फैलता है. सिफलिस से मुंह में घाव हो जाता है और किस करने से ये बैक्टीरिया एक से दूसरे के मुंह में चला जाता है. डीप या फ्रेंच किस से ये इंफेक्शन फैलने का खतरा ज्यादा होता है. समय पर सिफलिस का इलाज नहीं किया गया तो ये गंभीर भी हो सकता है.
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सिफलिस के लक्षण- बुखार, सिर दर्द, गले में खराश, लिम्फ नोड में सूजन, बाल झड़ना, शरीर में दर्द, थकान, असामान्य धब्बे, फुंसी या मस्से, आंखों का कमजोर होना, दिल का कमजोर होना, मानसिक बीमारी, ब्रेन डैमेज और यादाश्त का कमजोर होना इसके प्रमुख लक्षण हैं. इसका इलाज भी कुछ एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए किया जा सकता है.
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पार्टनर से कैसे करें बात- सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन एक ऐसा विषय है जिस पर लोग खुलकर बात नहीं कर पाते हैं. अगर आपके मन में STIs को लेकर कोई भी झिझक है तो अपने पार्टनर से इस पर बात करें. अगर आप अपने पार्टनर के साथ सेक्स को लेकर कोई सीमा निर्धारित करना चाहते हैं तो इस बारे में भी अपने पार्टनर को बताएं. अपनी भावनाओं को लेकर ईमानदार रहें और पार्टनर से इस पर जरूर बात करें. अगर आपको कोई सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है तो इसकी जानकारी भी अपने पार्टनर को दें.
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