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लाइफस्टाइल न्यूज़

कोरोना: गेमचेंजर साबित हो सकता है ये 'वंडर ड्रग', ऑक्सफोर्ड करेगा ट्रायल

कोविड-19 के लिए 'वंडर ड्रग' टेस्ट करेगी ऑक्सफोर्ड
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कोरोना वायरस के संक्रमण को जड़ से खत्म करने के लिए वैज्ञानिक नए-नए एक्सपेरीमेंट कर रहे हैं. इसी बीच ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता एक ऐसी दवा पर ट्रायल शुरू करने की योजना बना रहे हैं, जिसने विकासशील देशों में कोविड-19 की मौत का ग्राफ कम करने के संकेत दिए हैं. अगर वैज्ञानिकों को कामयाबी मिली तो यह दवा कोरोना से जंग में एक मजबूत हथियार की तरह काम आएगी.

Photo: Getty Images

आइवरमेक्टिन 1
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टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस ट्रायल का उद्देश्य एक ऐसी दवा खोजना है जो मरीज में वायरस के लक्षण दिखने के बाद जल्द काम कर सके. एक ऐसी दवा जो बीमारी के शुरुआती चरण में ही अपना असर दिखा सके. रिपोर्ट के अनुसार, इस ट्रायल में वैज्ञानिक आइवरमेक्टिन नाम की दवा पर खोज करेंगे.

Photo: Getty Images

आइवरमेक्टिन 2
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आइवरमेक्टिन का इस्तेमाल लाइवस्टोक और परजीवी कीड़ों से संक्रमित व्यक्ति के इलाज में किया जाता है. कुछ लोग इसे 'वंडर ड्रग' भी कहते हैं, जिसमें हजारों लोगों के जान बचाने की क्षमता है. हालांकि कुछ वैज्ञानिक कहते हैं कि इस दवा का सही मूल्यांकन नहीं किया गया है और इसकी प्रभावशीलता को लेकर अभी कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है.

Photo: Reuters

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आइवरमेक्टिन 3
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ऑक्सफोर्ड में प्राइमरी केयर के प्रोफेसर और इस ट्रायल के सह-प्रमुख क्रिस बटलर कहते हैं, 'इस दवा में प्रभावशाली एंटीवायरल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण हैं. कई निम्न और मध्यम आय वाले देशों में इसे लेकर छोटे ट्रायल कंडक्ट किए गए हैं. ट्रायल के मुताबिक, यह दवा तेज रिकवरी, इन्फ्लेमेशन में कमी और हॉस्पिटलाइजेशन का खतरा कम करता है.'

Photo: Getty Images

आइवरमेक्टिन 4
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हालांकि प्रोफेसर बटलर ने ये भी कहा कि ट्रायल के डेटा में गैप है और इसे एक मजबूत परीक्षण के रूप में नहीं देखा जा सकता है. यह दवा कोशिकाओं की न्यूक्ली में प्रोटीन की एंट्री को ब्लॉक करती है. वायरस की प्रतिकृति (कॉपी) बनाने की क्षमता को सीमित करती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के शुरुआती विश्लेषण में भी इसने अच्छे संकेत दिए हैं.

Photo: Getty Images

आइवरमेक्टिन 6
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ईस्टर्न वर्जीनिया मेडिकल स्कूल के पॉल मरिक कहते हैं, 'यह दवा एक दिन में हजारों लोगों की जान बचा सकती है.' हालांकि, ब्रिटेन के सबसे बड़े कोविड-19 ट्रायल को आगे बढ़ाने वाले ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पीटर हॉर्बी ने कहा, 'इसके ट्रायल का नया डेटा दिलचस्प है, शायद उत्साह भी बढ़ाए, लेकिन ये ठोस नहीं है.'

आइवरमेक्टिन 6
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प्रोफेसर बटलर और उनकी टीम एक ऐसी दवा खोजने में जुटे हैं जो वायरस को शरीर में मजबूत पकड़ बनाने से रोक सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के NHS (नेशनल हेल्थ सर्विस) के जरिए, इस ट्रायल के लिए 65 साल या इससे ज्याद उम्र के लोगों को देखा जा रहा है. साथ ही 50 साल की उम्र के ऐसे लोग जो पहले से किसी बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें भी ट्रायल में शामिल किया जाएगा.

Photo: Getty Images

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