इंटरनेट की उपलब्धता और वेब कनेक्शन की तेजी ने पोर्न कंटेंट पर युवाओं की पहुंच को आसान बना दिया है. पोर्नोग्राफी न सिर्फ रिश्तों को नुकसान पहुंचा सकती है, बल्कि हमारे व्यवहार पर भी बुरा असर डालती है. इसके अलावा, पोर्न देखने के ऐसे और भी कई नुकसान जिनका हमारी सेहत और स्ट्रेस से सीधा कनेक्शन होता है.
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पोर्न कंटेंट में दिलचस्पी रखने वाले लोग शायद इस बात से वाकिफ नहीं है कि ये इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बन सकता है और हमारी सेक्स लाइफ को तबाह भी कर सकता है. कई स्टडीज में ये बात पहले भी साबित हो चुकी है.
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एक स्टडी के मुताबिक, पोर्न देखने वाले पुरुष अपनी सेक्स लाइफ से ज्यादा संतुष्ट नहीं रहते हैं. इतना ही नहीं, पोर्नोग्राफी कंटेंट पुरुषों में इरेक्टाइल डिसंफ्क्शन को भी बढ़ावा देता है.
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इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि पोर्न की लत के शिकार लोगों के जीवन में असफल होने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं. शर्मिंदगी के कारण लोग प्राइवेसी में पोर्न कंटेंट देखना पसंद करते हैं. इस तरह की प्राइवेसी और शर्मिंदगी दूसरों के साथ रीयल इंटीमेसी को साझा करना मुश्किल बना सकती है. एक व्यक्ति के रूप में हमारे विकास और क्षमता पर भी इसका बुरा असर पड़ता है.
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पोर्न कंटेंट की तुलना आप एल्कोहल के सेवन से कर सकते हैं. ये हर इंसान के लिए बुरा नहीं है, लेकिन कुछ रिस्क फैक्टर और पूरी तरह से पोर्न पर निर्भर लोगों को दुष्कर्म या यौन हिंसा जैसा अपराध करने के लिए बढ़ावा दे सकता है. पोर्नोग्राफी और यौन हिंसा पर कई स्टडीज ने इसके संकेत दिए हैं कि सेक्सुअली एग्रेसिव और बहुत ज्यादा पोर्न देखने के आदी लोगों में अपराध करने की संभावना ज्यादा रहती है.
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एक रिपोर्ट के मुताबिक, पोर्नोग्राफी की लत में पड़े लोगों के जीवन में फाइनेंशियल, रिलेशनशिप और रोजगार से जुड़ी परेशानियां ज्यादा रहती हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि हमारा नर्व सिस्टम डोपामाइन नाम का एक न्यूरोट्रांसमीटर प्रोड्यूस करता है. ये हमारे दिमाग के आशावादी व्यवहार का प्रमुख घटक है. पोर्न कंटेंट डोपामाइन रिलीज को गैर-व्यावहारिक रूप से ट्रिगर करता है, जो इंसान को निराशावादी बना सकता है.
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पोर्न कंटेंट अश्लील विचारों और सेक्स लाइफ में अवास्तविक अपेक्षाओं को बढ़ावा देता है. इससे महिलाओं के प्रति पुरुषों का रवैया ज्यादा नकारात्मक और रूढ़िबद्ध हो सकता है. पोर्न एक 'ओपन माइंडेड बिहेवियर' को भी प्रमोट करता है जो कि एक नाखुश इंसान को सेक्स के लिए ज्यादा पार्टनर तलाशने या अफेयर चलाने पर मजबूर करता है.
एक और खास बात ये कि पोर्नोग्राफी कंटेंट में कॉन्डम जैसी जरूरी चीज का इस्तेमाल बहुत कम ही देखने को मिलता है. हालांकि इसमें काम करने वाले लोग नियमित रूप से STDs (सेक्सुअल ट्रांसमिट डिसीज) की जांच करवाते हैं. लेकिन ये लोगों को सुरक्षा के उपायों से दूर रहने के लिए प्रेरित करता है. ऐसे में कोई भी व्यक्ति STDs का शिकार हो सकता है.
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एक हेल्दी रिलेशनशिप को मेंटेन रखने के लिए एक्सपर्ट लोगों को पोर्न देखने का समय कम करने की सलाह देते हैं. यह सेक्स की गलत धारणाओं पर विश्वास न करने में भी आपकी मदद करेगा. ये बात भी ध्यान रखें कि पोर्न कटेंट सेक्स या इंटीमेसी के प्रति अपनी समझ को विकसित करने का सही साधन नहीं है.
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बहुत से लोग पहले से ही पोर्नोग्राफी की वजह से पहले ही बहुत दुखी हैं. पोर्न की लत से जूझ रहे लोग चाहें तो सोशल मीडिया पर दोस्तों के साथ रीकनेक्ट हो सकते हैं. आपकी हेल्थ के लिए क्या जरूरी है और क्या नहीं, ये अंतर आपको समझना होगा.
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हर रात पोर्न देखने की लत से जूझ रहे लोगों को सोने से पहले अगले दिन की प्लानिंग करनी चाहिए. अपनी लिस्ट में मौजूद सभी कार्यों को समय पर पूरा करने की कोशिश करें. अगर कुछ छूट जाए तो उसे अगले दिन की सूची में शामिल करें. अंत में अपने समेटे गए काम को पूरा करने के लिए खुद को पुरस्कृत करें. इससे आपको बड़े फायदे होंगे.
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