पोषक तत्वों से भरपूर आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है. इसे कई तरह की अलग-अलग रेसिपीज के साथ थाली में परोसा जाता है. जमीन में पैदा होने वाले आलू की न्यूट्रिशन वैल्यू जगजाहिर है. लेकिन क्या जानते हैं आलू कई मायनों में हमारी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. ये दिक्कतें मुख्य रूप से आलू में मौजूद कार्बोहाइड्रेट की वजह से होती है.
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हारवर्ड हेल्थ के मुताबिक, आलू में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जिसे हमारी बॉडी बहुत तेजी डाइजेस्ट करती है. इससे हमारे शरीर का ब्लड शुगर और इंसुलिन काफी बढ़ जाता है और अचानक गिर जाता है. तकनीकी रूप से समझें तो जड़ में पैदा होने वाले सब्जियों का रैंक ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) बहुत ज्यादा होता है.
GI 'फूड कंटेनिंग कार्बोहाइड्रेट' के लिए एक रेटिंग सिस्टम है जो ये बताता है कि कोई फूड कितनी तेजी आपके शरीर में ब्लड शुगर (ग्लूकोज) लेवल को प्रभावित करता है. फूड जितनी तेजी से ब्लड ग्लूकोज में टूटता है, ब्लड शुगर लेवल पर उतना ही ज्यादा असर पड़ता है. ये शरीर में टाइप-2 डाइबिटीज के खतरे को ट्रिगर कर सकता है.
इसके अलावा, हाई डायट्री ग्लाइसेमिक चीजें खाने के तुरंत बाद इंसान को फिर से भूख लग सकती है. हारवर्ड हेल्थ ने चेतावनी दी है कि ये चीज इंसानों में ओवरईटिंग की दिक्कत को बढ़ा सकता है. इसलिए डाइट में इसका संतुलन बहुत जरूरी है.
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एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आलू या तेजी से पचने वाली कार्बोहाइड्रेट युक्त किसी भी चीज के लंबे समय तक लगातार सेवन से मोटापा, डायबिटीज और हार्ट डिसीज का खतरा बढ़ सकता है. शोधकर्ता पहले ही लोगों में वजन बढ़ने की समस्या को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं.
'दि न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन' में इस पर एक शोध भी प्रकाशित हुआ है जिसमें करीब 20 सालों तक एक लाख 20 हजार लोगों की डाइट और लाइफस्टाइल को मॉनिटर किया गया था. दरअसल शोधकर्ता इस बात से चिंतित थे कि समय बीतने के साथ-साथ खाने की छोटी-छोटी चीजों ने वजन बढ़ने या मोटापे जैसी दिक्कतों को कैसे बढ़ाया है.
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शोधकर्ताओं ने पाया कि फ्रेंच फ्राइज, बेक या मैश किए हुए आलू ने लोगों को वजन ज्यादा तेजी से बढ़ाया है. इसके अलावा, जिन लोगों ने अपनी डाइट में इन चीजों का इस्तेमाल कम किया है, उनका वजन कम बढ़ा है. इन लोगों ने अपनी डाइट में बाकी हरी सब्जियों की क्वांटिटी बढ़ाई है.
हारवर्ड मेडिकल स्कूल ने इसे लेकर अमेरिका में 1 लाख 87 हजार पुरुष और महिलाओं पर हुई तीन बड़ी स्टडीज को देखा है. इसमें शोधकर्ताओं ने बेक, मैश या बॉइल किए आलू, चिप्स या क्रिस्प की महीने में एक सर्विंग लेने वालों की तुलना सप्ताह में चार या उससे ज्यादा सर्विंग लेने वाले लोगों से की.
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शोधकर्ताओं ने पाया कि बेक, मैश या उबले हुए आलू के सप्ताह में चार या उससे ज्यादा सर्विंग्स लेने वाले लोगों में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बाकियों की तुलना में 11 प्रतिशत ज्यादा था. जबकि फ्रेंच फ्राइज (चिप्स) का सेवन करने वालों में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा महीने में एक सर्विंग लेने वालों के मुकाबले 17 प्रतिशत ज्यादा था.