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लाइफस्टाइल न्यूज़

भारत में अब नाक के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन के ट्रायल की तैयारी

नेजल वैक्सीन का ट्रायल जल्द
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भारत में वैक्सीन का काम जोरों पर चल रहा है और अब जल्द ही इंट्रानैसल वैक्सीन का ट्रायल भी शुरू किया जाएगा. ये जानकारी सरकार की तरफ से दी गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि रेगुलेटरी मंजूरी मिलते ही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक नाक के जरिए दी जाने वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर देंगे. फिलहाल भारत में नेजल वैक्सीन पर कोई ट्रायल नहीं चल रहा है.

कंपनी ने किया समझौता
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नेजल कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर भारत बायोटेक ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी और सेंट लुइस यूनिवर्सिटी के साथ एक समझौता किया है. डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा, 'भारत बायोटेक ने वाशिंगटन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत कंपनी Sars-CoV-2 के लिए इंट्रानेजल वैक्सीन का ट्रायल, उत्पादन और व्यापार करेगी.'

अब तक सभी वैक्सीन इंजेक्शन वाली
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डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक अपने नैजल कोरोना वायरस वैक्सीन का लेट स्टेज ट्रायल भारत में जल्द शुरू करेंगे जिसमें 30,000 से 40,000 तक वॉलंटियर्स शामिल हो सकेंगे. WHO के अनुसार, दुनिया भर में वैक्सीन अपने तीसरे चरण के ट्रायल में हैं और ये सभी वैक्सीन इंजेक्शन वाली हैं.
 

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रूस के वैक्सीन को भारत में मंजूरी
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आपको बता दें कि भारत के डॉक्टर रेड्डीज लैब और रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) को भी भारत में Sputnik V वैक्सीन के लेट स्टेज क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति मिल चुकी है. इससे पहले DGCI ने ये कहते हुए मंजूरी देने से इंकार कर दिया था कि रूस में इस वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण का ट्रायल बहुत कम लोगों पर किया गया है.

जल्द आएगी वैक्सीन
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सरकार ने कुछ दिनों पहले कहा था कि भारत में कुछ महीनों मे ही कोरोना वायरस की वैक्सीन आने की उम्मीद है और अगले 6 महीनों में लोगों को वैक्सीन देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. वहीं  WHO का कहना है कि सेहतमंद युवाओं को कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए 2022 तक का इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स और ज्यादा रिस्क वाले लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी.

2022 तक करना होगा इंतजार
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WHO की मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि सेहतमंद युवाओं को Covid-19 वैक्सीन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा, 'ज्यादातर लोग इस पर सहमत हैं कि सबसे पहले वैक्सीन हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को दी जानी चाहिए लेकिन यहां भी ये देखने की जरूरत होगी कि कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा किन लोगों में है और फिर इसके बाद बुजुर्गों का नंबर आता है.'
 

प्राथमिकता के हिसाब से बंटेगी वैक्सीन
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ये पूछे जाने पर कि कोरोना की कारगर वैक्सीन कब तक आएगी और मंजूरी मिलने के बाद किन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, '2021 तक कम से कम एक प्रभावी वैक्सीन आ जाएगी लेकिन ये सीमित मात्रा में उपलब्ध होगी और इसलिए अतिसंवेदनशील लोगों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी.'
 

चीन में वैक्सीन का इमरजेंसी इस्तेमाल
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वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोवैक्स गठजोड़ में शामिल होने के कुछ दिनों बाद चीन ने अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को तीन और शहरों में करने की मंजूरी दे दी है. ये तीनों शहर पूर्वी चीन के झेजियांग प्रांत के हैं.
 

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