अभिनेता और बिग बॉस 13 के विनर सिद्धार्थ शुक्ला की गुरुवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई है. 40 साल के सिद्धार्थ की मौत से हर कोई हैरान है. कूपर हॉस्पिटल ने हार्ट अटैक से सिद्धार्थ की मौत की पुष्टि की है. सिद्धार्थ बिल्कुल फिट थे और उन्हें पहले से दिल से संबंधित कोई बीमारी भी नहीं थी. ऐसे में सिद्धार्थ की अचानक मौत की खबर से हर कोई सदमे में है. आमतौर पर दिल से संबंधित बीमारियां एक उम्र के बाद लोगों में देखी जाती हैं लेकिन पिछले एक साल में हार्ट अटैक से युवाओं की हो रही मौत तेजी से इजाफा हुआ है. आइए जानते हैं क्या हैं वो मुख्य कारण जो युवाओं में दिल से जुड़ी बीमारी के लिए जिम्मेदार हैं.
नशा- आजकल ज्यादातर युवा 18 से 25 साल की उम्र में ही धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन करना शुरू कर देते हैं. डॉक्टरों की मानें तो युवाओं की ये आदत उन्हें कार्डियोवस्कुलर डिजीज का शिकार बना रही हैं. दरअसल, कार्डियोवस्कुलर हार्ट डिजीज एक गंभीर समस्या है, जो अनेक प्रकार के हृदय रोगों का कारण बनती है. डॉक्टर्स का कहना है कि जो युवक दिन भर में 10 सिगरेट पीते हैं उनमें हार्ट अटैक का खतरा 50 फीसदी तक बढ़ जाता है.
जंक फूड- आज की ज्यादातर युवा पीढ़ी अपनी भूख मिटाने के लिए घर के खाने की जगह जंक फूड पर निर्भर रहती हैं. उनकी थाली में ज्यादातर तली-भुनी चीजों के साथ चाइनीज फूड शामिल रहता है. जिसकी वजह से शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है, जिसका बुरा असर सीधा दिल पर पड़ता है.गलत खानपान से कॉलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ जाता है जो दिल की धड़कन तेजी से बढ़ाने का काम करता है.
वर्क प्रेशर- बिजी लाइफस्टाइल और भागदौड़ के चलते युवा आजकल अपनी डाइट को अनदेखा कर रहे हैं. भूख लगने पर वो बाहर मिलने वाले जंक फूड पर निर्भर रहने लगते है. लगातार घंटों काम करने और जंक फूड के सेवन का सीधा असर ब्लड वेसेल्स पर पड़ता है. यही वजह है कि कम उम्र में ही आजकल युवा ब्लड प्रेशर का शिकार बनते जा रहे हैं.
स्टेरॉयड के साइड इफेक्ट- युवाओं पर बॉलीवुड सेलिब्रिटीज का क्रेज इतना ज्यादा है कि वो उनकी तरह ही बॉडी बनाने के लिए घंटों जिम में पसीना बहाते हैं. पसीना बहाने तक तो ठीक है लेकिन कई जगह जिम में युवाओं को हैवी न्यूट्रीशन लेने की सलाह दी जाती है. न्यूट्रीशन के चक्कर में युवा एम्बोलिक स्टेरॉयड जैसी प्रोडक्ट इस्तेमाल करने लग जाते हैं. जिसकी वजह से हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है.
तनाव- काम की वजह से आजकल युवा मानसिक तौर पर बहुत परेशान रहते हैं. ज्यादा तनाव सेहत के लिए बहुत हानिकारक है. एंग्जाइटी डिसऑर्डर की वजह से स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल भी बढ़ जाता है. इसकी वजह से हार्ट अटैक की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. कुछ लोग तनाव कम करने के लिए स्मोकिंग शुरू कर देते हैं जो दिल के दौरे का खतरा दोगुना करने का काम करता है.
सिद्धार्थ शुक्ला की मौत पर एक्टर समीर सोनी का एक पोस्ट भी वायरल हो रहा है. उन्होंने लिखा है कि तनाव का स्तर बढ़ने से युवाओं में हार्ट अटैक/ आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं. युवाओं में अच्छा और फिट दिखने का दबाव है. यह इंडस्ट्री बाहर से अच्छी दिखती है लेकिन अंदर से ऐसा नहीं है. आपको मानसिक रूप से खुद को स्थिर रखने की बहुत जरूरत है. खासतौर पर एक्टर्स पर अच्छा दिखने का बहुत दबाव है वरना काम ना मिलने का प्रेशर रहता है. सिक्स पैक्स और अच्छी बॉडी की चाहत इस खतरे को और बढ़ा रही है. हर कोई दबाव में हैं. रोल्स के लिए वेट कम करने और बढ़ाने के भी साइड इफेक्ट्स पड़ते हैं.
पूरी नींद ना लेना- नींद का दिल से गहरा कनेक्शन है. डॉक्टर्स का कहना है कि दिल को सेहतमंद रखने के लिए 7-8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है. स्टडीज के मुताबिक तय समय से कम सोने पर हार्ट अटैक का खतरा 24 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पर्याप्त नींद ना लेने वालों में डिप्रेशन भी ज्यादा पाया जाता है.
हाई ब्लड प्रेशर- हाई ब्लड प्रेशर की वजह से हार्ट अटैक खतरा हमेशा बना रहता है. बहुत ज्यादा तनाव से भी ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है. . हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन का कनेक्शन आर्टिरियल्स धमनियों से है. ये धमनियां शरीर में ब्लड फ्लो को रेगुलेट करने का काम करती हैं. पतली हो जाने पर ये ब्लड प्रेशर को बढ़ा देती है. डॉक्टर कहते हैं कि अगर इन रक्त धमनियों का इलाज न किया जाए तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर कॉम्प्लीकेशन देखने को मिलते हैं.
हार्ट अटैक के लक्षण- यूं तो हार्ट अटैक आने का कोई निश्चित समय नहीं होता है. व्यक्ति कभी भी इस बीमारी की चपेट में आ सकता है. बावजूद इसके हार्ट अटैक आने से एक महीना पहले कई ऐसे लक्षण होते हैं जो व्यक्ति को सचेत करते हैं कि आप हार्ट अटैक का शिकार बन सकते हैं. बहुत अधिक थकान होना, नींद न आना, सांस लेने में दिक्कत, सीने में बेचैनी, खट्टी डकार,अनियमित दिल की धड़कन और पैर और टखने की सूजन हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षण हैं.
ऐसे करें बचाव- युवा इस गंभीर बीमारी को एक्सरसाइज करके दूर रख सकते हैं. डॉक्टरों की मानें तो आज के तनाव भरे लाइफस्टाइल के चलते युवा पीढ़ी रोजाना एक्सरसाइज करके ब्लड फ्लो को ठीक रख सकती है. इसके अलावा इसके अलावा भोजन में प्रचुर मात्रा में फल और सब्जियां शामिल करें .स्वस्थ हृदय के लिए कम वसा वाले आहार को शामिल करें.जंक फूड का सेवन कम से कम करें और भोजन समय पर करें.