scorecardresearch
 
Advertisement
लाइफस्टाइल न्यूज़

कोविड-19 से ज्यादा भयानक हो सकती हैं ये 7 बीमारियां, वैज्ञानिक दे रहे चेतावनी

कोविड-19 से ज्यादा भयानक ये 7 बीमारियां
  • 1/8

कोरोना वायरस (Corona virus) ने दुनिया भर में खूब तबाही मचाई. इस जानलेवा वायरस ने न सिर्फ लोगों की जानें लीं, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी तहस-नहस कर दिया. हालांकि, वैक्सीन के आने से अब इस बीमारी से छुटकारा मिलने की उम्मीद जगी है. कोविड-19 के खतरे को देखते हुए अब एपिडेडियोलॉजिस्ट और मेडिकल एक्सपर्ट्स हमें दूसरे कई बीमारियों और इंफेक्शन (Most Dangerous Virus or Infection) से सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं. अगर हमने सतर्कता नहीं दिखाई तो भविष्य में ये भी किसी भयानक महामारी के रूप में उभर सकते हैं. आइए आपको ऐसी ही 10 बायोलॉजिकल और घातक बीमारियों के बारे में बताते हैं जो कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती हैं.

Photo Credit: The university of texas medical branch at galveston

इबोला
  • 2/8

इबोला- अफ्रीका से फैलने वाले इबोला का ट्रांसमिशन बहुत तेज नहीं है, लेकिन यह बुखार बेहद घातक है. ये बीमारी जानवरों से इंसान में फैलती है. WHO का दावा है कि इबोला इंसान से इंसान में भी ट्रांसमित होता है. हाल ही में सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, इबोला के 3400 मामलों में से 2270 लोगों की मौत हुई है. जनवरी 2020 में इबोला का एक वैक्सीन भी आई थी, लेकिन उसे बड़े पैमाने पर रोलआउट नहीं किया गया. वैज्ञानिक कहते हैं कि अगर इबोला को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया तो भविष्य में इसके बुरे नतीजे देखने को मिल सकते हैं.

Photo Credit: Getty Images

लासा फीवर
  • 3/8

लासा फीवर- लासा बुखार एक वायरल इंफेक्शन है, जो रक्तस्रावी बीमारी (हेमोरेजिक इलनेस) के लक्षणों का कारण बनता है. लासा फीवर की चपेट में आने वाले हर पांचवें शख्स की किडनी, लिवर और स्प्लीन पर बहुत बुरा असर होता है. घर की दूषित चीजों, यूरीन, मल और ब्लड ट्रांसफ्यूशन के जरिए यह बीमारी लोगों में फैल सकती है. अफ्रीकी देशों में यह बीमारी अभी भी उग्र है. सैकड़ों लोगों की जान लेती है और इसकी कोई वैक्सीन भी नहीं है.

Photo Credit: Getty Images

Advertisement
मार्गबर्ग वायरस डिसीज
  • 4/8

मार्गबर्ग वायरस डिसीज- यह बीमारी उसी फैमिली के वायरस फैलती है जो इबोला जैसी खतरनाक बीमारी के लिए जिम्मेदार है. ये रोग बेहद संक्रामक है और जीवित या मृत लोगों को छूने से भी फैल जाता है. इस महामारी का पहला प्रकोप साल 2005 में युगांडा में देखा गया था, जहां इसने संक्रमित हुए 90 प्रतिशत लोगों की जानें ले ली थीं.

Photo Credit: Reuters

MERS-COV
  • 5/8

MERS-COV- 'दि मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम' (MERS) भी एक बेहद खतरनाक इंफेक्शन है, जो रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट के जरिए इंसानों में फैलता है. वैज्ञानिक कहते हैं, 'भले ही इस बीमारी का खौफ आज कम हो गया हो, लेकिन रेस्पिरेटरी हाइजीन में गलती या लापरवाही दुनियाभर में इसके मामले बढ़ने की वजह बन सकती है.' यह SARS-COV-2 से भी संबंधित एक बीमारी है, क्योंकि दोनों एक ही तरीके से फैलते हैं.

Photo Credit: Reuters

SARS
  • 6/8

SARS- सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) भी उसी वायरस की फैमिली से आता है जो कोविड-19 के लिए जिम्मेदार है. इस बीमारी का पहला मामला साल 2002 में चीन में दर्ज किया गया था. SARS करीब 26 देशों में फैला और करीब 8,000 लोग इसकी चपेट में आए. इसका डेथ रेट काफी ज्यादा था. लोगों में कोविड के ही लक्षण देखे गए थे. रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट से फैलने वाली इस बीमारी का कोई इलाज भी नहीं था.

निपाह वायरस
  • 7/8

निपाह वायरस- निपाह वायरस को खसरे के वायरस से जोड़कर देखा जाता है जो साल 2018 में केरल में बड़े पैमाने पर फैला था. इस बीमारी को सफलतापूर्वक नियंत्रित कर लिया गया था. लेकिन इसके लक्षण और ट्रांसमिट होने के तरीकों से भविष्य में इसके फैलने की संभावना काफी बढ़ जाती है. चमगादड़ से इंसानों में फैली इस बीमारी से नवर्स इन्फ्लेमेशन, सूजन, तेज सिरदर्द, उल्टी, चक्कर और घबराहट जैसे लक्षण देखे जाते हैं.

Photo Credit: Getty Images

डिसीज एक्स
  • 8/8

डिसीज एक्स- पिछले कुछ समय से डिसीज एक्स का नाम सुर्खियों में काफी ज्यादा है, हालांकि, ये अभी एक आशंका ही है. वैज्ञानिक आगाह कर रहे हैं कि 2021 में ये एक महामारी के रूप में उभर सकता है. कांगों में एक महिला में रक्तस्रावी बुखार के लक्षण दिखाई दिए हैं. वैज्ञानिकों को डर है कि यह किसी नए और संभावित वायरस के कारण हो सकता है. वैज्ञानिकों को आशंका है कि इसकी चपेट में आने वाले 80-90 प्रतिशत लोगों की मौत हो सकती है. हालांकि इसे लेकर किसी के पास ज्यादा जानकारी नहीं है. WHO खुद इसे एक संभावित बीमारी मान रहा है.

Photo Credit: Getty Images

Advertisement
Advertisement