scorecardresearch
 
Advertisement
लाइफस्टाइल न्यूज़

Covid-19 second wave: क्यों हार्ट अटैक से मर रहे कोरोना पॉजिटिव लोग? लक्षण और इलाज भी जान लें

कोरोना से हार्ट फेल 1
  • 1/13

कोरोना वायरस की दूसरी लहर आने के बाद अस्पतालों मरीजों के लिए पैर रखने की जगह नहीं बची है. हालांकि हेल्थ ऑथोरिटीज का कहना है कि 80 फीसद से ज्यादा मरीजों को हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत नहीं है. वे घर में टेलीकंसल्टेशन की सहायता से रिकवर हो सकते हैं. लेकिन ये भी सच है कि इस इंफेक्शन के साइड इफेक्ट लंबे समय तक शरीर में रह सकते हैं और अब तो हार्ट डैमेज के भी मामले सामने आने लगे हैं.

Photo: Getty Images

कोरोना से हार्ट फेल 2
  • 2/13

ऑक्सफोर्ड जर्नल द्वारा कंडक्ट की गई एक हालिया स्टडी में पता चला है कि कोविड-19 से गंभीर रूप से पीड़ित तकरीबन 50 प्रतिशत हॉस्पिटलाइज्ड मरीजों का रिकवरी के महीने भर बाद हार्ट डैमेज हुआ है. इसलिए रिकवरी के बाद भी मरीज के हार्ट रेट को चेक करते रहना जरूरी हो गया है. इसकी अनदेखी करने पर भी मरीज की जान को खतरा हो सकता है.

Photo: Getty Images

कोरोना से हार्ट फेल 3
  • 3/13

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोविड-19 का इंफेक्शन बॉडी में इंफ्लेमेशन को ट्रिगर करता है, जिससे दिल की मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं. इससे धड़कन की गति प्रभावित होती है और ब्लड क्लॉटिंग की समस्या असामान्य रूप से उत्पन्न होने लगती है.

Photo: Getty Images

Advertisement
कोरोना से हार्ट फेल 4
  • 4/13

दूसरा, वायरस सीधे हमारे रिसेप्टर सेल्स पर हमला कर सकता है, जिसे ACE2 रिसेप्टर्स के रूप में जाना जाता है. यह मायोकार्डियम टिशू के भीतर जाकर भी उसे नुकसान पहुंचा सकता है. मायोकार्डाइटिस जैसी दिक्कतें जो कि हार्ट मसल की इन्फ्लेमेशन है, अगर समय रहते इसकी देखभाल न की जाए तो एक समय के बाद हार्ट फेलियर हो सकता है. ये पहले से दिल की बीमारी झेल रहे लोगों की समस्या बढ़ा सकता है.

Photo: Getty Images

कोरोना से हार्ट फेल 5
  • 5/13

कब होता है हार्ट फेल- किसी इंसान का हार्ट फेल उस वक्त होता है, जब उसके दिल की मांसपेशियां खून को उतनी कुशलता के साथ पम्प नहीं कर पाती जितने की उसे जरूरत है. इस कंडीशन में संकुचित धमनियां और हाई ब्लड प्रेशर दिल को पर्याप्त पम्पिंग के लिए कमजोर बना देते हैं. ये एक क्रॉनिक समस्या है जिसका समय पर इलाज न होने से कंडीशन बिगड़ सकती है. सही इलाज और थैरेपी इंसान की उम्र को बढ़ा सकता है.

Photo: Getty Images

कोरोना से हार्ट फेल 6
  • 6/13

एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि जिन लोगों को कोविड-19 के बाद छाती में दर्द की शिकायत है या संक्रमित होने से पहले जिन्हें कोई मामूली हार्ट डिसीज थी तो वे इसकी इमेजिंग जरूर करवाएं. इसमें आपको पता चल जाएगा कि वायरस ने दिल की मांसपेशियों को कितना नुकसान पहुंचाया है. ये हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए भी मददगार है.

Photo: Reuters

कोरोना से हार्ट फेल  7
  • 7/13

कई मरीजों को वायरल बीमारी के बाद क्रॉनिक हार्ट मसल वीकनेस, कार्डिएक एनलार्जमेंट और लो हार्ट इजेक्शन फ्रैक्शन की शिकायत हो जाती है. इसे डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी भी कहा जाता है. कोविड इंफेक्शन के बाद कार्डियोमायोपैथी ज्यादा खतरनाक हो सकती है और ये हार्ट फेलियर को भी बढ़ावा दे सकती है.

Photo: Getty Images

कोरोना से हार्ट फेल 11
  • 8/13

फॉर्टिस अस्पताल के चेयरमैन डॉ. अशोक सेठ ने भी आज तक बातचीत में बताया था कि ये वायरस इंसान के हृदय को भी नुकसान पहुंचा रहा है. ये हृदय में क्लॉटिंग की समस्या को बढ़ा सकता है. यानी हृदय में खून के थक्के जम सकते हैं. ये खून के थक्के फेफड़े और धमनियों में भी जम सकते हैं. ऐसा होने पर रोगियों में हार्ट अटैक की संभावना भी काफी बढ़ जाती है.

कोरोना से हार्ट फेल 12
  • 9/13

डॉ. सेठ ने बताया था कि कोरोना से हृदय की मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं. हृदय में इंफ्लेमेशन बढ़ने की वजह से ऐसा होता है. इससे हार्ट फेलियर, ब्लड प्रेशर में दिक्कत और धड़कन की गति तेज या धीमी होने लगती है. फेफड़ों में खून के थक्के जमने की वजह से भी दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ता है. ऐसी दिक्कतें युवाओं में ज्यादा देखने को मिल रही हैं.

Advertisement
कोरोना से हार्ट फेल 13
  • 10/13

मेदांता के चेयचरमैन डॉ. नरेश त्रेहन का भी कुछ ऐसा ही कहना था. उन्होंने बताया था कि कोरोना की दूसरी लहर में कम आयु के पुरुष ज्यादा संक्रमित हुए हैं. डॉ. त्रेहन ने बताया कि पिछली बार भी हमने 10-15 प्रतिशत पोस्ट कोविड-19 मरीजों में हार्ट इन्फ्लेमेशन से जुड़ी समस्या देखी थी. लेकिन इस बार ये इन्फ्लेमेटरी रिएक्शन ज्यादा घातक साबित हो रहा है. इसमें कई मरीजों का हार्ट पम्पिंग रेट 20-25 प्रतिशत तक चला जाता है.

Photo: Getty Images

कोरोना से हार्ट फेल 8
  • 11/13

क्या है इलाज- शरुआती स्टेज पर इलाज मिलने से इसे कंट्रोल किया जा सकता है. हार्ट फेलियर के एडवांस केस में जरूरत पड़ने पर लेफ्ट वेंट्रीकुलर असिस्ट डिवाइस (LVAD) प्रोस्यूजर या थैरेपी के साथ एक हार्ट ट्रांसप्लांट किया जा सकता है. LVAD लेफ्ट वेंट्रिकुलर को मदद करता है जो कि हार्ट का सबसे प्रमुख पम्पिंग चैंबर है. इस स्थिति में एक बेहद सुरक्षित विकल्प माना जाता है.

Photo: Getty Images

कोरोना से हार्ट फेल 9
  • 12/13

हार्ट फेलियर के लक्षण- हार्ट फेल होने से पहले मरीज को सांस की तकलीफ हो सकती है. इसके अलावा कमजोरी और थकावट की दिक्कत बढ़ने लगती है. पंजे, एड़ी या पैर में सूजने बढ़ने लगती है. हार्ट बीट तेज और अनियमित हो सकती हैं. आपके एक्सरसाइज करने की क्षमता घट सकती है. लगातार खांसी और फ्लूड रिटेंशन की वजह से वजन बढ़ सकती है. भूख नहीं लगती है और बार-बार पेशाब आता है.

कोरोना से हार्ट फेल 10
  • 13/13

लक्षण दिखने पर क्या करें- अगर किसी इंसान को ये सभी लक्षण महसूस हो रहे हैं तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इसका इलाज खुद करने का प्रयास न करें. डॉक्टर्स ही ये बता सकते हैं कि ऐसा हार्ट फेलियर की वजह से हो रहा है या कोई अन्य दिक्कत है.

Photo: Getty Images

Advertisement
Advertisement