अगर आपको भी कभी फूड पॉइजनिंग या पेट के इंफेक्शन हुआ है तो आप इसमें होने वाले दर्द, उल्टी और दस्त का भी सामना किया होगा जो अक्सर इस तरह की बीमारियों में होता है. हालांकि ये बीमारियां कुछ ही दिन में ठीक हो जाती हैं और पेट दर्द भी दवा लेने के बाद दूर हो जाता है लेकिन अगर पेट दर्द कई दिनों तक रहे तो इसे भूलकर भी नजरअंदाज ना करें और तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. पेट दर्द का इलाज उसकी कारणों के आधार होता है लेकिन दर्द को कम करने और बेहतर महसूस करने के तरीके हैं.
कैसे पता चलेगा कि पेट दर्द गंभीर है?
पेट दर्द कितना गंभीर हो सकता है यह बिना जांच के पता लगाना मुश्किल होता है क्योंकि ऐसा बहुत सारी बीमारियों में होता है जिसमें वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस (पेट का फ्लू), फूड पॉइजनिंग, फूड एलर्जी और कब्ज शामिल हैं.
अमेरिका के कैलिफॉर्निया स्थित प्रोविडेंस सेंट जोसेफ अस्पताल के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. हरदीप सिंह कहते हैं, ''पेट दर्द के कारण होते हैं लेकिन इसके कुछ संकेत ऐसे भी हैं जो इसके गंभीर होने की तरफ इशारा करते हैं और इस स्थिति में तुरंत इलाज की जरूरत होती है.''
ये लक्षण बताते हैं कि ये पेट दर्द साधारण नहीं
अगर आपको 24 घंटे से अधिक समय तक उल्टी और दस्त रहता है तो इसको हल्के में ना लें. मल, पेशाब, उल्टी में खून आना, अचानक वजन कम होना, भूख न लगना, पेट में सूजन, लगातार बुखार रहना और तेज दर्द भी किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है.
कैलिफॉर्निया के पोमोना वैली हॉस्पिटल में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसीस डिपार्टमेंट की निदेशक डॉक्टर. निश्चिता मेरला कहती हैं, ''अगर आपका पेट दर्द कुछ दिन में ठीक नहीं होता है या ये इतना तेज है कि आप कोई काम नहीं कर पा रहे तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए.''
वो बताती हैं, पेट दर्द हमेशा पेट तक ही सीमित नहीं होता है. बहुत से लोग अक्सर पेट के पास हो रहे दर्द को पेट का दर्द समझते हैं लेकिन हो सकता है कि ये दर्द पास के किसी अंग में हो रहा हो और ये आपकी पसलियों और पेडू को प्रभावित कर सकता है.
पेट में दर्द के सात गंभीर कारण और संकेत
यहां हम आपको पेट दर्द उन सात कारणों के बारे में बता रहे हैं जो गंभीर बीमारी का लक्षण होते हैं.
1. एपेंडिसाइटिस (Appendicitis)
एपेंडिसाइटिस अपेंडिक्स में सूजन के कारण होने वाली बीमारी है जो इलाज ना मिलने की स्थिति में भयानक हो जाती है. एपेंडिसाइटिस में पेट में तेज दर्द उठता है जो आमतौर पर नाभि के आसपास शुरू होता है और पेट के दाहिने निचले हिस्से तक महसूस होता है. इसके अलावा इस कंडीशन में लगातार दर्द होता है जो समय के साथ और बदतर हो जाता है. ये खांसने या चलने पर भी महसूस होता है. इसमें बुखार, भूख ना लगना, उल्टियां भी हो सकती हैं. एपेंडिसाइटिस को एक मेडिकल इमरजेंसी माना जाता है और हालात खराब होने पर सर्जरी से अपेंडिक्स को हटाया जाता है. अगर इसे बिना ट्रीटमेंट के छोड़ दिया जाए तो 48 से 72 घंटों के भीतर अपेंडिक्स फट भी सकता है.
2. कोलेसिस्टिटिस (Cholecystitis)
कोलेसिस्टिटिस (पित्ताशय) एक ऐसी स्थिति है जिसमें पित्ताशय की थैली में सूजन हो जाती है और पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में अचानक असहनीय दर्द होने लगता है. यह कई बार दाहिने कंधे या पीठ तक भी पहुंच जाता है. इसके अलावा कोलेसिस्टिटिस के अन्य लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, उल्टी तेज से सांस लेने या खाना खाने के बाद उठने वाला दर्द शामिल हैं.
कोलेसिस्टिटिस का इलाज डॉक्टर उसकी गंभीरता के आधार पर करते हैं. पहले दवा और एंटीबायोटिक्स दी जाती है. अगर फायदा ना मिले तो पित्ताशय की थैली की सर्जरी की जा सकती है.
3.पैंक्रियाटाइटिस (Pancreatitis)
पैंक्रियाटाइटिस की बीमारी में पैनक्रियास (अग्नाशय) में सूजन हो जाती है. इस बीमारी में तेज दर्द होता है जो आपके पेट के ऊपरी मध्य भाग में शुरू होता है और आपकी पीठ या छाती तक फैल सकता है. इसमें उल्टी, बुखार, पेट में सूजन, खराश और हृदय गति का तेज होना जैसे लक्षण भी शामिल हैं.
4. इरिटेबल बॉउल सिंड्रोम (IBS)
इरिटेबल बॉउल सिंड्रोम हालांकि बहुत ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन इसमें होने वाला दर्द आपको परेशान कर सकता है. आईबीएस एक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी है जो बड़ी आंत को प्रभावित करती है. IBS के कारण पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है. इसमें आपको पेट में ऐंठन, सूजन, गैस, डायरिया, कब्ज जैसी परेशानियां हो सकती हैं. इसके इलाज में दवाएं और एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं.
5.बाउल ऑब्स्ट्रक्शन (Bowel obstruction)
बाउल ऑब्स्ट्रक्शन की स्थिति तब पैदा होती है जब शरीर में रेशेदार ऊतक जैसी कोई चीज आंतों को ब्लॉक कर देती है. इससे भोजन ठीक तरह से पच नहीं पाता और व्यक्ति को दर्द होने लगता है. यह बीमारी उन लोगों को ज्यादा होती है जिनकी कोई सर्जरी हुई हो और उसके बाद उनके अंदर स्कार टिश्यू (रेशेदार ऊतक) बन गए हों. (स्कार टिश्यू वो होते हैं जो किसी बीमारी या चोट के बाद आपके सामान्य टिश्यू की जगह बनते हैं). इसमें पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होता है. इसके अलावा लोगों को उल्टी, पेट में सूजन, गैस जैसी दिक्क्तें भी होती हैं. इसके इलाज में डॉक्टर मरीज को IV fluids देता है. दरअसल IV fluids का मतलब एक ट्यूब के माध्यम से एक व्यक्ति की नसों में दवा को इंजेक्ट करना है.
6. पेप्टिक अल्सर की बीमारी (Peptic Ulcer Disease)
ये बीमारी पेट के अंदर और छोटी आंत के पहले भाग में अल्सर या खुले घाव बनने के कारण होती है. इसमें पेट में दर्द जो खाना खाने पर और बढ़ जाता है. इसके अलावा मतली-उल्टी, सूजन, गैस, पेट में जलन और वजन घटना भी इसके लक्षण हैं.
इसके इलाज के लिए आमतौर पर एसिड सप्रेसेंट दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है. ये एसिड को कम करती हैं जिससे अल्सर ठीक हो जाता है.
7. डायवर्टीकुलिटिस (Diverticulitis)
ये बीमारी तब होती है जब आंतों की दीवारों पर मौदूग छोटे उभरे हुए पाउच, जिन्हें डायवर्टीकुला कहा जाता है, उनमें सूजन हो जाती है. सूजन की वजह से आंत्र के कामकाज में रुकावट हो जाती है जिससे पेट में दर्द और कब्ज होता है.
डायवर्टीकुलिटिस के अन्य लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, मतली और उल्टी, मल के साथ खून आना शामिल हैं. डायवर्टीकुलिटिस का इलाज बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करता है. सामान्य तौर पर डॉक्टर रोगी को एंटीबायोटिक्स देते हैं. अधिक गंभीर मामलों में मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है और उसकी सर्जरी भी की जा सकती है.