Bird flu detected in cats in India: भारत में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने से फिर लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं. हाल ही में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बिल्लियों में बर्ड फ्लू (H5N1) के मामले की पुष्टि हुई है. जानकारी के मुताबिक, छिंदवाड़ा में तीन बिल्लियों की मौत की जानकारी भी सामने आई जो H5N1 के लिए पॉजिटिव पाई गई थीं. प्रभावित बिल्लियों में तेज बुखार, भूख न लगना और अत्यधिक सुस्ती देखी गई जिसके बाद लक्षण दिखने के एक से तीन दिन के भीतर उनकी मौत हो गई. वैज्ञानिक टीम ने वायरस की पहचान 2.3.2.1a लीनेज से की है जो भारत में पोल्ट्री आउटब्रेक के लिए जिम्मेदार स्ट्रेन है.
वहीं वॉशिंगटन (अमेरिका) में भी दो पालतू बिल्लियां कच्चा भोजन खाने के बाद बर्ड फ्लू से संक्रमित हो गईं. वहां के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बीमारी की गंभीरता के कारण बिल्लियों में से एक को मार दिया गया, जबकि दूसरी का इलाज डॉक्टर द्वारा किया जा रहा है.
वॉशिंगटन स्टेट स्टैंडर्ड के मुताबिक, 'बिल्लियां विशेष रूप से वायरस के प्रति संवेदनशील होती हैं, जो अक्सर प्रवासी पक्षियों द्वारा फैलता है. उनके सामान्य लक्षणों में एनर्जी कम होना, भूख कम होना, हाइपोथर्मिया, निमोनिया और ऊपरी श्वसन संक्रमण शामिल हैं. संक्रमित बिल्ली या दूषित भोजन के संपर्क में आने से किसी व्यक्ति के बीमार होने का कोई मामला सामने नहीं आया है. लेकिन जो लोग संक्रमित जानवरों के आसपास रहते हैं या जो कच्चे एनिमल फूड्स खरीदते-बेचते हैं, उनमें इसका खतरा अधिक होता है. साइंटिस्ट जांच कर रहे हैं तथा लोगों से अपने पशुओं को कच्चा भोजन या दूध न खिलाने का आग्रह कर रहे हैं.'
क्या इंसानों में फैल सकता है ये वायरस?
वायरोलॉजिस्ट जैकब जॉन ने चेतावनी दी है, 'बर्ड फ्लू वायरस जो 1996 से ग्रोथ कर रहा है, वो अब पक्षियों से स्तनधारियों में फैल रहा है. हालांकि इंसान से इंसान में संक्रमण अभी भी नहीं फैला है लेकिन वायरस में चल रहे म्यूटेशन संकेत देते हैं कि हमें अलर्ट रहना चाहिए और संभावित महामारी के लिए तैयार रहना चाहिए. इंसानों में संक्रमण फैलने की संभावना नहीं है लेकिन इंसान से इंसान में संक्रमण फैलने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता. H5N1 मनुष्यों के लिए नया है. हमारे पास इसके खिलाफ इम्यूनिटी नहीं है.'
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, एवियन इन्फ्लूएंजा मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है लेकिन मनुष्यों में संक्रमण फैलना असामान्य है. यह संक्रमित पशुओं या दूषित सतहों के सीधे संपर्क में आने से फैल सकता है.
इंसान बर्ड फ्लू के संक्रमण से बचने के लिए कुछ विशेष सावधानियां और उपाय कर सकता है. तो आज हम आपको कुछ तरीके बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर बर्ड फ्लू से सुरक्षित रह सकते हैं.
पक्षियों के संपर्क में आने से बचें
बर्ड फ्लू (H5N1) के खतरे से बचने के लिए हमें पक्षियों और जानवरों (बिल्ली) के साथ सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए. डोमेस्टिक पोल्ट्री फार्म के पक्षियों के संक्रमित होने के बाद इंसान के बीच इसके फैलने की संभावना काफी बढ़ जाती है. ये वायरस पक्षियों के मल, लार, नाक-मुंह या आंख से स्राव से इंसानों में फैल सकता है.
साफ-सफाई और स्वच्छता का ध्यान रखें
अक्सर हाथ धोने से बर्ड फ्लू से बचाव में मदद मिलती है. अपने हाथों को अच्छे से साबुन और पानी से धोएं, खासकर जब आपने किसी संक्रमित जगह पर काम किया हो. यदि पानी और साबुन से हाथ धोना संभव न हो, तो एंटी बैक्टीरियल हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें.
एनिमल प्रोडक्ट से बचें
यदि आप मुर्गे, मुर्गी के अंडे या मांस का सेवन कर रहे हैं तो उन्हें पूरी तरह से पका लें. कच्चे या अधपके मांस और अंडे में वायरस हो सकते हैं, जो बर्ड फ्लू का कारण बन सकते हैं. मांस और अंडे खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि वे अच्छी गुणवत्ता के हों और सुरक्षित रूप से स्टोर किए गए हों.
मास्क और दस्तानों का उपयोग करें
यदि आपको किसी कारणवश पक्षियों के साथ संपर्क करना पड़ता है तो मास्क, दस्ताने और अन्य सुरक्षा उपकरण पहनने चाहिए. यह वायरस को श्वसन और त्वचा के माध्यम से शरीर में प्रवेश करने से रोकता है.
स्वास्थ्य जांच कराएं
यदि आपको बर्ड फ्लू के संभावित लक्षण जैसे बुखार, खांसी, सांस में तकलीफ या मांसपेशियों में दर्द महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. यदि आपको संदेह है कि आपने संक्रमित पक्षी या मांस के संपर्क में आकर बर्ड फ्लू का जोखिम लिया है तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें.
इम्यूनिटी बढ़ाएं
एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं जिसमें बैलेंस डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज, पर्याप्त नींद और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखा गया हो. यह आपके शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करेगा जिससे आप किसी भी वायरस या संक्रमण से बच सकेंगे.