मोटापा, एल्कोहल का अत्यधिक सेवन और धूम्रपान जैसी आदतें खराब लाइफस्टाइल का हिस्सा हैं. ये आदतें कम उम्र के लोगों में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ा रही हैं. पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले धीमी गति से बढ़ रहे हैं. यदि इन पर समय रहते ध्यान ना दिया गया तो मेल ब्रेस्ट कैंसर पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ेगी.
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले महिलाओं के मुताबिक कम हैं. हम हर साल कम से कम दो ऐसे मामले देख रहे हैं. पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर उस वक्त अटैक करता है जब मेल ब्रेस्ट टिशू में कैंसर सेल्स बन जाते हैं. करीब 10 साल पहले ब्रेस्ट कैंसर की समस्या केवल 50-70 साल के लोगों में दिखाई देती थी, लेकिन अब 40-50 साल की उम्र में भी लोग इसका शिकार होने लगे हैं.'
मंगलुरू के केएमसी अस्पताल के डॉक्टर हरीष ई के मुताबिक, पिछले साल जो 140 कैंसर पीड़ितों के मामले देखे थे, उनमें से दो मामले मेल ब्रेस्ट कैंसर के ही थे. डॉ. हरीष बताते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर के 100 में से एक मामला पुरुषों से जुड़ा है. हालांकि मेल ब्रेस्ट कैंसर के 60-70 प्रतिशत मामलों का पता थर्ड या लास्ट पर चलता है. महिलाओं की तुलना में कैंसर सेल्स पुरुषों में ज्यादा आक्रामक तरीके से फैलता है.
ये लक्षण ना करें इग्नोर
मेल ब्रेस्ट कैंसर में अक्सर लोग गांठ या अल्सर जैसे लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं. यही लक्षण आगे चलकर कमर दर्द, जॉन्डिस और सांस में तकलीफ को पैदा करते हैं. पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर अनुवांशिक कारणों से हो सकता है. इसके अलावा गाइनेकोमैस्टिया से पीड़ित लोगों में ब्रेस्ट कैंसर की संभावना अधिक होती है.