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Covid-19 Surge in India: भारत में COVID-19 के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और कुल एक्टिव मामलों की संख्या 6,559 हो गई है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के पीछे कोविड-19 का XBB 1.16 वैरिएंट है. XBB1.16 वैरिएंट COVID के ओमिक्रॉन वैरिएंट के रिकॉम्बिनेशन XBB वैरिएंट का वंशज है जो देश में तेजी से फैल रहा है. INSACOG के नए आंकड़ों के अनुसार, देश में XBB1.16 के अभी 76 मामले हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के इस वैरिएंट से नई लहर की आशंका बढ़ सकती है. XBB1.16 वैरिएंट कितना खतरनाक है, यह किन देशों में कहर मचा चुका है और किन लोगों को इसका अधिक खतरा है? इस बारे में भी जान लीजिए.
कितना खतरनाक है यह वैरिएंट ?
कोरोना के नए वैरिएट्स पर नजर रखने वाले और WHO के वैक्सीन सेफ्टी नेट के सदस्य, इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के पूर्व संयोजक और मंगला हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, बिजनौर के कंसल्टेंट डॉ. विपिन एम वशिष्ठ (Vipin M Vashishtha) ने कहा, "नया XBB.1.16 वैरिएंट कम से कम 12 देशों में पाया गया है जिसमें से सबसे अधिक मामले भारत में पाए गए हैं.
किन देशों में फैला XBB.1.16 वैरिएंट
डॉ. विपिन एम वशिष्ठ के मुताबिक, "XBB.1.16 वैरिएंट कम से कम 12 देशों में पाया गया है जिसमें से सबसे अधिक मामले भारत में पाए गए हैं. भारत के अलावा अमेरिका, ब्रुनेई, सिंगापुर, चीन और यूके भी इस लिस्ट में शामिल हैं जहां XBB.1.16 वैरिएंट के मामले बढ़े हैं. वैश्विक स्तर पर XBB.1.16 के बारे में चिंताएं हैं क्योंकि इस सब-वैरिएंट में वायरस के गैर-स्पाइक क्षेत्र में कुछ म्यूटेशन हुआ है जो इम्यूनिटी को प्रभावित करता है."
कितनी तेजी से फैलता है यह वैरिएंट?
डॉ. वशिष्ट के मुताबिक, "XBB.1.16 वैरिएंट XBB.1.5 की अपेक्षा 140 प्रतिशत तेजी से वृद्धि करता है जो इसे और अधिक आक्रामक बनाता है. इस वैरिएंट में तीन अतिरिक्त स्पाइक म्यूटेशन, E180V, K478R, और S486P हैं जिन्हें हाल ही में ब्रीफिंग द्वारा पहचाना गया है."
डॉ. वशिष्ट ने आगे बताया, "अगर XBB.1.16 वैरिएंट भारत में आ चुके पुराने वैरिएंट BA.2.75, BA.5, BQs, XBB.1.5 की तरह भारतीयों की मजबूत इम्युनिटी के सामने पस्त नहीं हुआ तो पूरे विश्व को इस स्थिति को गंभीरता से लेना होगा.इस स्थिति ने निपटने के लिए बारीकी से निगरानी करना और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक सावधानी बरतना काफी महत्वपूर्ण है."
भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के को-चेयरमैन डॉ. सौमित्र दास (Dr. Saumitra Das) के मुताबिक, जनवरी 2023 की शुरुआत में सबसे पहले कोविड XBB1.16 की पहचान की गई थी. इस वैरिएंट की वर्तमान में निगरानी की जा रही है. अभी हमारे पास इसे पूरी तरह से समझने के लिए पर्याप्त डेटा नहीं है लेकिन हमें सुरक्षा बरतने और मास्क लगाने की जरूरत है."
इन लोगों को खतरा अधिक
सरकार द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन में सरकार ने 8 अधिक जोखिम वाले लोगों को इस वैरिएंट से अधिक खतरा बताया है. 8 तरह के लोगों को कोविड का खतरा तो हो ही सकता है साथ ही साथ गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैजा कर सकता है या उनके लिए मौत का कारण भी बन सकता है. जब कि जिन लोगों को अधिक खतरा नहीं होता है वे लोग जल्दी ठीक हो जाते हैं.
एम्स/आईसीएमआर कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स/जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप द्वारा जारी की गई सूची में 8 तरह के लोगों को कोविड के इस वैरिएंट का खतरा अधिक है. उन लोगों में शामिल हैं: वृद्ध या 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग, जिन्हें हृदय रोग और कोरोनरी धमनी रोग है, डायबिटीज वाले लोग, इम्यूनिटी कमजोर वाले लोग, एचआईवी पॉजिटिव लोग, ऐसे मरीज जिन्हें फेफड़े, किडनी या लीवर की पुरानी बीमारी है, सेरेब्रोवास्कुलर रोग से पीड़ित लोग, मोटापे से ग्रसित लोग और जिनका वैक्सीनेशन नहीं हुआ है.
एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल पर चेतावनी
सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि एंटीबायोटिक्स का उपयोग तब तक नहीं किया जाना चाहिए जब तक इंफेक्शन का नैदानिक संदेह ना हो. इसके अलावा मोनोक्लोनल एंटीबॉडी, स्वास्थ्य लाभ करने वाला प्लाज्मा, मोल्नुपिराविर, फेविपिराविर, एज़िथ्रोमाइसिन और डॉक्सीसाइक्लिन ना लेने की भी सलाह दी गई है.
मोटे लोगों को अधिक खतरा क्यों? 2021 में संक्रामक रोगों के लिए हुई रिसर्च जिसका शीर्षक 'ओबेसिटी एंड सीओवीआईडी -19' था और जो इम्यूनिटी एंड एजिंग में पब्लिश हुई थी उसके मुताबिक, मोटापा इम्मूयन सिस्टम और फेफड़ों के काम को प्रभावित करता है. हॉस्पिटल और आईसीयू में भर्ती होने की संभावना को भी बढ़ाता है जिससे मृत्यु दर का खतरा बढ़ जाता है. मोटापा कई स्वास्थ्य जटिलताओं जैसे टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग, स्ट्रोक और कुछ प्रकार के कैंसर से भी जुड़ा हुआ है जो कोविड की जटिलताओं के करीब है. 2009 में HIN1 महामारी के दौरान, गंभीर मोटापे वाले रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने, आईसीयू में भर्ती होने और बीमारी के कारण मृत्यु होने की अधिक संभावना थी. डाटा के मुताबिक, मोटापा इम्यूनिटी को नेगेटिव रूप से प्रभावित करता है जिससे वह कमजोर हो जाती है.
XBB 1.16 के लक्षण
अभी तक इस नए सर्कुलेटिंग कोविड वैरिएंट XBB 1.16 से संबंधित कोई अलग लक्षण नहीं बताया गया है. कोविड के पुराने लक्षण जो संक्रमण की पुष्टि करते हैं जैसे सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान, गले में खराश, नाक बहना और खांसी आदि इस वैरिएंट के भी लक्षण हो सकते हैं. इसके अलावा कुछ लोगों को पेट दर्द और बेचैनी और दस्त की शिकायत भी हो सकती है.
COVID को हल्के और मध्यम संक्रमण से ऐसे पहचानें
यदि आप सांस की तकलीफ या हाइपोक्सिया के बिना ऊपरी श्वसन पथ के लक्षण या बुखार का अनुभव कर रहे हैं तो यह एक हल्की बीमारी है जिसे होम आइसोलेशन से सही किया जा सकता है. वहीं जिनकी रेस्पिरेटरी रेट 24 प्रति मिनट से अधिक है और एसपीओ2 90 से 93 प्रतिशत के बीच रहती है तो उन्हें वार्ड में भर्ती करने की आवश्यकता होती है. वहीं अगर किसी की रेस्पिरेटरी रेट प्रति मिनट 30 से अधिक है तो उसे एचडीयू या आईसीयू में भर्ती करने की आवश्यकता होती है.