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Omicron in India: हल्के लक्षण के बावजूद ओमिक्रॉन हो सकता है खतरनाक, फोर्टिस के चेयरमैन ने किया सावधान

Omicron in India: फोर्टिस अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर अशोक सेठ ने आजतक से खास बातचीत में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बारे में कई अहम जानकारियां दी हैं. उन्होंने इस वैरिएंट को हल्का समझने की गलती ना करने की सलाह दी है. इसके साथ ही डॉक्टर सेठ ने बताया कि किन उपायों से इस वैरिएंट की गंभीरता से बचा जा सकता है.

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एक्सपर्ट्स ने ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है
एक्सपर्ट्स ने ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ओमिक्रॉन पर एक्सपर्ट्स की खास सलाह
  • संक्रमण को ना समझें हल्का
  • सतर्कता है जरूरी

Omicron variant: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले पूरी दुनिया में बढ़ रहे हैं. ओमिक्रॉन देश के कई राज्यों में दस्तक दे चुका है. डेल्टा के कहर को ध्यान में रखते हुए सरकार इस बार काफी सतर्क हो चुकी है. टेस्टिंग, जीनोम सिक्वेंसिंग और वैक्सीनेशन पर पूरा जोर दिया जा रहा है. ओमिक्रॉन का ये वैरिएंट क्या डेल्टा की ही तरह ड्रॉपलेट्स से फैलेगा, ये कितना गंभीर होगा और आम लोगों को इससे बचने के क्या तरीके अपनाने चाहिए? इन सारे सवालों के जवाब फोर्टिस अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर अशोक सेठ ने आजतक से खास बातचीत में दिए हैं.

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कितना खतरनाक है ओमिक्रॉन- डॉक्टर सेठ ने बताया कि इस नए वैरिएंट में इतनी ज्यादा वैरिएसंस है जो कि डेल्टा में भी नहीं थी. उन्होंने कहा,  इस वायरस में बहुत सारे म्यूटेशन हुए हैं. इतने सारे म्यूटेशन डेल्टा में भी नहीं थे. इतने सारे म्यूटेशन की वजह से वायरस ने अपना चेहरा ही बदल लिया है. वैक्सीन या पहले के कोरोना के इंफेक्शन की वजह से हमारे शरीर में जो इम्यूनिटी बनी थी, वो इस वैरिएंट को पहचान नहीं पा रही है कि यही वायरस है जिसके खिलाफ हमें लड़ना था और जिसके लिए हमारी एंटीबॉडी बनी थी.' ये वैरिएंट डेल्टा से तीन गुना ज्यादा संक्रामक हो गया है.' 

डॉक्टर सेठ ने कहा, 'एक बात बहुत ध्यान देने वाली बात ये है कि भले ही हम कहते रहें कि ओमिक्रॉन का संक्रमण हल्का है पर वास्तव में पूरी तौर पर ये नहीं कहा जा सकता है. हर देश में बड़े पैमाने पर टेस्टिंग, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और जीनोम टेस्टिंग की जा रही है इसलिए ही ये बहुत गंभीर नहीं हो रहा है. इसके ज्यादातर मरीज एसिम्टोमैटिक ही हैं. इसके हल्के लक्षण होने की बात भी हमें दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टर्स से पता चली है क्योंकि बाकी किसी भी देश में इतनी बड़ी संख्या में किसी ने ये अनुभव नहीं किया है. इसकी सही जानकारी हमें 2-3 हफ्ते बाद ही पता चलेगी.'

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इन लोगों को रहना होगा सतर्क- डॉक्टर सेठ का कहना है कि भारत में ऐसे दो वर्ग के लोग हैं जिनके लिए हमेशा फिक्र रहेगी. पहला वर्ग वो जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है. उन्होंने कहा, 'आपने देखा होगा कि जिन लोगों में भी ओमिक्रॉन पाया जा रहा है वो सभी वैक्सीनेटेड हैं और ट्रैवेल कर रहे हैं. वैक्सीन से बीमारी गंभीर नहीं होती है. वैक्सीन कोरोना वायरस होने से नहीं बचाती है लेकिन जानलेवा स्थिति से बचाती है. दूसरे वर्ग में हमारे कम्यूनिटी के इम्यूनोसप्रेस्ड, कैंसर, ट्रांसप्लाट के मरीज और बुजुर्ग है जिनकी वैक्सीन की इम्यूनिटी अब खत्म हो रही होगी. तो इसलिए हमें और सतर्क रहना है होगा.

क्या ये वायरस खतरनाक हो सकता है- डॉक्टर सेठ ने कहा, 'निश्चित तौर पर ये वायरस खतरनाक हो सकता है. हो सकता है कि कुछ दिनों बाद हम ये बात करते मिलें कि कितने लोगों की हालत गंभीर हो गई है. इसलिए इस बार इसे लेकर बिल्कुल भी ढिलाई बरतने की जरूरत नहीं है. ये ना सोचें कि हमारी जिंदगी सामान्य हो गई है. 6 महीने का इंतजार और करिए. बाहर डबल मास्क लगाकर ही निकलिए. अगर आप कपड़े का मास्क लगा रहे हैं तो इसके नीचे एक सर्जिकल मास्क लगाकर ही निकलें, आपकी 95 फीसद सुरक्षा इसी में हो जाएगी. नियमित रूप से हाथ धोएं, भीड़ से बचें और खुली जगहों पर रहें. अगर हम यही कर लें तो समझें कि हमने अपनी जिम्मेदारी निभा ली.'

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