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Covid 4th Wave India: कोरोना की चौथी लहर में किन लोगों को खतरा? कहीं आपको तो नहीं ये 5 दिक्कत

Covid 4th Wave India: भारत समेत दुनियाभर में कोरोना के बढ़ते मामलों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. भारत में बढ़ते मामलों को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि जल्द ही कोरोना की चौथी लहर आ सकती है. राजधानी दिल्ली और आसपास के राज्यों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी नजर आ रही है. ऐसे में कोरोना की चौथी लहर आने से पहले जानें किन लोगों को है इस दौरान सतर्क रहने की जरूरत.

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Covid 4th Wave India Who Is at More Risk
Covid 4th Wave India Who Is at More Risk
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना के मामलों में उछाल
  • ये लोग रखें अपना खास ख्याल

Covid 4th Wave India: दुनियाभर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. भारत में भी अब इसके कई मामले नजर आ रहे हैं. राजधानी दिल्ली में पिछले कई दिनों से कोरोना के मामलों में उछाल देखने को मिल रही है. इन बढ़ते मामलों को देखते हुए कोरोना की चौथी लहर आने की आशंका जताई जा रही है. इस बार ओमिक्रॉन और उसके सब-वैरिएंट ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. पिछले 24 घंटे में दिल्ली में 1520 कोरोना मामले सामने आ गए हैं, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई है. संक्रमण दर भी राजधानी में पांच फीसदी से ऊपर चली गई है. 

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ओमिक्रॉन की तुलना में इसका सब वैरिएंट BA.2 ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है. इसे स्टील्थ ओमिक्रॉन भी कहा जा रहा है. CDC ने इसे ओमिक्रॉन के मूल रूप से 60 फीसदी ज्यादा संक्रामक बताया है. ज्यादा संक्रामक होने के बावजूद BA.2 को मूल ओमिक्रॉन से अधिक गंभीर नहीं माना जा रहा है, लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये लंबे समय तक शरीर में बना रह सकता है. 

बता दें कि वैक्सीन लगवा चुके लोग भी दोबारा से कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को हैं जिनकी इम्युनिटी कमजोर है. कई लोगों में कोरोना के गंभीर लक्षण नजर आ रहे हैं, जबकि बहुत से लोग ऐसे हैं जिनमें कोरोना के काफी हल्के लक्षण दिख रहे हैं. कोरोना के आम लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, सिरदर्द, नाक बहना और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी दिक्कतें शामिल हैं. कोरोना की इस चौथी लहर को देखते हुए जानते हैं कि किन लोगों को सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. 

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इन लोगों में कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा 

बुजुर्गों को कोरोना का खतरा ज्यादा- कुछ स्वास्थ्य संगठनों के मुताबिक, 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों में कोरोना का खतरा काफी ज्यादा होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि 60 साल की उम्र के बाद लोगों का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है और उन्हें कई तरह की बीमारियों का सामना भी करना पड़ता है.

क्रॉनिक डिजीज़ से पीड़ित लोग- अगर आपको काफी लंबे समय से कोई बीमारी है तो ऐसे लोगों को भी कोरोना का खतरा काफी ज्यादा रहता है. ऐसे में जिन लोगों को भी डायबिटीज, कैंसर, अस्थमा, किड़नी की बीमारी या लिवर से संबंधित बीमारी है तो उनमें कोरोना का खतरा ज्यादा होता है. 

दिल के मरीजों को- कई अध्ययनों से इस बात का पता चला है कि हृदय संबंधित बीमारियों से पीड़ित लोगों को कोरोना का खतरा ज्यादा होता है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबित, कोरोना का यह वायरस दिल के दौरे का खतरा बढ़ा सकता है.

इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड लोगों में- इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड उसे कहा जाता है जिन लोगों का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है. ऐसे लोगों के शरीर में संक्रमण से लड़ने की शक्ति नहीं होती और इन्हें आसानी से संक्रमण हो सकता है. 

मोटापे से पीड़ित लोगों को- कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि मोटापे से पीड़ित लोगों को कोरोना संक्रमण का खतरा काफी ज्यादा होता है. इसके पीछे का कारण यह है कि मोटापे से ग्रस्त लोगों का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है जिस कारण वह संक्रमण की चपेट में जल्दी आते हैं. 

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