Curd Or Buttermilk: गर्मियों का मौसम शुरू होने वाला है. सभी इस मौसम में बड़े चाव से दही खाते हैं और छाछ पीते हैं. जहां कुछ लोग खाली दही और छाछ पीना पसंद करते हैं, वहीं बहुत से दाल, रोटी या सब्जी के साथ इन्हें पीना चाहते हैं. दोनों ही फरमेंटेड डेयरी प्रोडक्ट्स हैं, जो लोगों को बहुत पसंद हैं. हम में से बहुत से लोग सोचते हैं कि दही और छाछ शरीर को एक जैसे बेनेफिट्स देते हैं, लेकिन यह सच नहीं है. दोनों में बहुत अंतर है और दोनों ही आपकी सेहत को अलग-अलग फायदे देते हैं.
लेकिन अब सवाल उठता है कि आखिर आपके लिए दही और छाछ में से कौन सा ज्यादा बेहतर है? क्या आपने कभी इस सवाल के बारे में सोचा है? आयुर्वेदिक हेल्थ कोच डॉ. डिंपल जांगड़ा ने इस पर अपनी एक्सपर्ट राय शेयर की है. उनके मुताबिक, गर्मियों में दही और छाछ में से क्या पीना ज्यादा बेहतर होता है, जान लीजिए.
दही और छाछ में अंतर?
दही और छाछ दोनों डेयरी प्रोडक्ट्स हैं, लेकिन दोनों में बहुत अंतर होता है. दोनों के बीच मुख्य अंतर कंसिस्टेंसी का है. दही गाढ़ा होता है, जबकि छाछ लिक्विड होता है. इतना ही नहीं, दही की तुलना में छाछ कम खट्टी होती है. इसके अलावा, दही और छाछ का पाचन पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है. डॉ. डिंपल बताती हैं कि दही एक हेवी फूड है, जिसका मतलब है कि इसे पचने में ज्यादा समय लगता है, जबकि छाछ हल्का और पचाने में आसान होता है.
दही के फायदे क्या हैं?
दही, प्रोटीन और विटामिन बी12 और विटामिन डी का एक बढ़िया सोर्स है, जो इसे इम्युनिटी बढ़ाने और हड्डियों के स्वास्थ्य का समर्थन करने के लिए बहुत अच्छा बनाता है. इसमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है. ऐसे में अगर आप इसे खाते हैं तो आपको आपका पेट लंबे समय तक भरा हुआ लगता है. इसके अलावा, दही में प्रोबायोटिक्स भी होते हैं जो गट हेल्थ को बनाए रखने में मदद करते हैं.
छाछ के फायदे क्या हैं?
छाछ आपके स्वास्थ्य को बेहतरीन ढंग से बदल सकती है. प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होने के साथ-साथ यह लैक्टिक एसिड का भी अच्छा सोर्स है, जो इसे स्किन हेल्थ के लिए बहुत अच्छा बनाता है. इसे पीना आपकी बॉडी को कूलिंग इफेक्ट देता है और उसे डिहाइड्रेट होने से भी बचाता है. रोजाना छाछ का सेवन ब्लड प्रेशर और ओरल हेल्थ को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकता है.
दही या छाछ, क्या है बेहतर?
अब जान लेते हैं कि आखिर दोनों में से आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर ऑप्शन क्या है. डॉ. डिंपल के अनुसार, दही और छाछ दोनों ही बहुत से हेल्थ बेनिफिट्स देते हैं. हालांकि, जब डाइजेस्टिव हेल्थ की बात आती है तो छाछ, दही को पीछे छोड़ देता है. फैक्ट यह है कि यह हल्का होता है और इसमें जीरा, काला नमक, हींग, करी पत्ता आदि जैसे मसाले होते हैं, जो इसे दही से बेहतर बनाते हैं. वहीं दही की तासीर गर्म होती है, जिसके कारण पेट में मौजूद लाइव बैक्टीरिया फर्मेंट होना शुरू हो जाते हैं.
इसलिए, जिन लोगों को पित्त की समस्या रहती है उन्हें या जिन लोगों को जलन रहती है, एसिड रिफ्लक्स, सोरायसिस या एक्जिमा जैसी समस्याएं हैं उन्हें दही न खाने की सलाह दी जाती है. दूसरी ओर, छाछ प्रकृति में त्रिदोषिक है, जिसका मतलब है कि इसे वात, कफ और पित्त तीनों तरह की बॉडी वाले लोग आराम से पी सकते हैं. इसके साथ ही छाछ का सेवन साल के सभी मौसमों में किया जा सकता है.