Diabetes: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता. इस बीमारी में बॉडी में इंसुलिन बिल्कुल नहीं बन पाता या या बहुत ही कम मात्रा में बनता है. डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल का स्तर सही बनाए रखना बहुत जरूरी होता है. ये एक ऐसी बीमारी है जो पूरी तरह से गलत खानपान और खराब लाइफस्टाइल से जुड़ी है. ब्लड शुगर लेवल बढ़ने के कई कारण हैं लेकिन कुछ खास बातें इस समस्या को बढ़ाने का काम ज्यादा करती हैं. डायबिटीज तीन तरह का होता है- टाइप 1, टाइप 2 और जेस्टेशनल डायबिटीज.
टाइप 1 डायबिटीज का मुख्य कारण- टाइप 1 डायबिटीज होने पर पैनक्रियाज में इंसुलिन का उत्पादन बिल्कुल भी नहीं होता. इंसुलिन खून में ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करने का काम करता है. इसके बिना शरीर में ग्लूकोज का लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाता है जिससे रक्त वाहिकाओं (blood vessels) को नुकसान पहुंचता है और पूरा शरीर डैमेज हो जाता है. टाइप 1 डायबिटीज ऑटोइम्यून रिएक्शन की वजह से होता है. यह रिएक्शन पैनक्रियाज में उन कोशिकाओं को नष्ट करता है जो इंसुलिन बनाने का काम करती हैं, इन्हें बीटा कोशिकाएं कहा जाता है. हमारे आसपास मौजूद वायरस टाइप 1 डायबिटीज का कारण बन सकते हैं.
इस वजह से बढ़ता है टाइप-2 डायबिटीज- इस डायबिटीज का मुख्य कारण मोटापा है. ज्यादातर लोगों को इस समस्या का सामना युवावस्था में ही करना पड़ता है. खराब लाइफस्टाइल और डाइट के चलते मोटापा जल्दी बढ़ता है और इस वजह से युवा टाइप 2 डायबिटीज के ज्यातदा शिकार हो रहे हैं. इसके अलावा आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का सेवन भी टाइप 2 डायबिटीज को बढ़ाने का काम करता है. इसकी वजह से लिवर और पैनक्रियाज में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ने लगता है. इससे इंसुलिन का स्राव भी काफी ज्यादा बढ़ जाता है.
क्यों होता है जेस्टेशनल डायबिटीज- जेस्टेशनल डायबिटीज प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को होता है. कई बार जिन महिलाओं को पहले से डायबिटीज नहीं है उन्हें भी जेस्टेशनल डायबिटीज का सामना करना पड़ सकता है. ये तब होता है जब प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ जाती है. अगर मां के खून में ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है तो वह गर्भनाल से होता हुआ बच्चे के खून में भी पहुंच जाता है. जिस कारण बच्चे का भी ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है. जेस्टेशनल डायबिटीज की वजह से होने वाले बच्चे में कई तरह के जन्मजात विकार भी देखने को मिल सकते हैं. इसके लिए डॉक्टर्स गर्भवती महिलाओं को ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखने की सलाह देते हैं.