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Diabetes Warning: पैरों पर दिखते हैं डायबिटीज के ये 3 संकेत, भूलकर भी न करें अनदेखा

आजकल के समय में बड़़ी संख्या में लोग डायबिटीज की समस्या का सामना कर रहे हैं. डायबिटीज होने पर शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना काफी जरूरी होता है. हाल ही में जारी हुई रिपोर्ट के मुताबिक, डायबिटीज के 3 लक्षण पैरों में भी नजर आ सकते हैं.

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(Image credit: Gettyimages)
(Image credit: Gettyimages)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • छोटी उम्र के लोगों को भी डायबिटीज की शिकायत हो रही है
  • डायबिटीज कम करने के लिए लोग काफी तरीके अपनाते हैं
  • डायबिटीज के कुछ लक्षण पैरों पर भी नजर आते हैं

भारत में पिछले कुछ वर्षों में डायबिटीज के मरीजों की संख्या में काफी बढ़त हुई है. यह ऐसी बीमारी है जो एक बार हो जाए तो पूरी जिंदगी साथ रहती है. डायबिटीज में शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है या फिर जितना इंसुलिन बनता है, बॉडी उसका इतना इस्तेमाल नहीं कर पाती है. आंखों में धुंधलापन, मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, घाव जल्दी न भरना, थकान बने रहना, बार-बार सिरदर्द, इम्युनिटी कमजोर होना, हार्ट रेट तेज होना, बार-बार पेशाब आना डायबिटीज के संकेत हो सकते हैं.

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डायबिटीज के कुछ नए लक्षण सामने आए हैं जो इंसान के पैरों में नजर आते हैं. कई बार इंसान इन लक्षणों को सामान्य मानकर अनदेखा कर देता है. लेकिन इनको अनदेखा करना भारी पड़ सकता है. इसलिए अगर आपको भी अपने पैरों में ये 3 संकेत दिखें तो अनदेखा करने की अपेक्षा तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. 

डायबिटीज के ये 3 संकेत न करें इग्नोर

'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज' के अनुसार, सभी को रोजाना अपने पैरों को देखना चाहिए और अगर पैरों में कोई भी अंतर समझ आता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. अगर पैरों में लालिमा है, पैर गर्म हैं या पैरों में सूजन है तो यह लंबे समय से अनियंत्रित ब्लड शुगर के हाई लेवल का संकेत हो सकते हैं. लेकिन ऐसा चारकोट्स फुट (Charcot's foot) नामक कंडीशन के कारण भी हो सकता है. अब आपको क्या प्रॉब्लम है, यह डॉक्टर ही बता पाएंगे. 

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इन बातों पर भी दें ध्यान

मधुमेह वाले लोगों को कट, घाव, लाल धब्बे, सूजन या फफोले और पैर के नाखूनों पर नजर रखनी चाहिए, क्योंकि ये सभी संक्रमण का कारण बन सकते हैं. जब किसी को डायबिटीज होती है तो शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने के लिए काफी मेहनत करता है या शरीर पर इंसुलिन प्रभावी नहीं होता.

टाइप 1 डायबिटीज में किसी का अग्नाशय इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता और टाइप 2 डायबिटीज में शरीर में कोशिकाएं इंसुलिन के लिए प्रतिरोधी बन जाती हैं इसलिए ब्लड शुगर का लेवल सामान्य रखने के लिए अधिक इंसुलिन की जरूरत होती है. लेकिन अगर आप अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में नहीं रखते हैं तो यह खतरनाक हो सकता है. 

NHS का कहना है कि यदि आप घर पर अपने स्तर की निगरानी करते हैं तो खाने से पहले सामान्य शुगर 4 से 7 mmol/l होती है और भोजन के 2 घंटे बाद 8.5 से 9mmol/l से कम होना चाहिए.
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