कई लोगों को अपने दिन की शुरुआत एक कप गर्मा गर्म कॉफी से करना अच्छा लगता है. कॉफी पीते ही लोग एनर्जेटिक और फ्रेश महसूस करने लगते हैं. दरअसल, कॉफी में कैफीन होता है जो खून में मिल जाता है और ब्रेन की थकावट को दूर करके उसे एक्टिव बना देता है. डॉ. माइकल मोस्ले ने बताया है कि सुबह उठते ही जो लोग कॉफी पीते हैं उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए. दरअसल, अगर आप सुबह उठकर सबसे पहले कॉफी पीते हैं तो इससे ब्लड शुगर बढ़ सकती है और हाई ब्लड शुगर से कई समस्याएं हो सकती हैं जिसमें डायबिटीज भी शामिल है.
कैसे काम करती है कैफीन
डॉ. मोस्ले के मुताबिक, 'जागने से पहले आपका शरीर आपको दिन भर के लिए तैयार करने के लिए कोर्टिसोल/तनाव हार्मोन रिलीज करता है. यदि इस समय कॉफी पिएंगे तो जब आपका कोर्टिसोल लेवल पहले से ही बढ़ा हुआ है तो आपके ब्लड शुगर को किक मिल सकती है. लेकिन यह भी ध्यान रखें यह खतरा बिना दूध वाली ब्लैक कॉफी पीने वालों को भी होता है क्योंकि जब आप जागते हैं तो आपका ब्लड शुगर पहले से ही बढ़ा होता है और वहीं अगर कोई कैफीन पी लेता है तो वह ब्लड शुगर को और अधिक बढ़ा सकता है.
डॉ. मोस्ले सलाह देते हुए कहते हैं, 'सुबह जागने के कम से कम एक घंटे बाद तक कॉफी का सेवन ना करें. इससे कार्टिसोल हार्मोन का लेवल कम होना शुरू हो जाएगा और इस तरीके से ब्लड शुगर को भी कंट्रोल किया जा सकता है. मैंने यह भी पाया कि खाने के तुरंत बाद तेज चलना ब्लड शुगर को कम करने का अच्छा तरीका है. ऐसा इसलिए है क्योंकि चलने से मसल्स भी एक्स्ट्रा चीनी का उपयोग कर लेती हैं. ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना कई लोगों के लिए जरूरी है नहीं तो वह धमनियों और तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है.'
भारत में डायबिटीज के मरीज
भारत में करीब 10 करोड़ लोग डायबिटीज, 13 करोड़ 60 लाख लोग प्री-डायबिटीज और 31.5 करोड़ लोग हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं. हालांकि केवल एक चौथाई ग्रामीणों और आधे से भी कम शहरी लोगों को पता है कि वो इन बीमारियों से जूझ रहे हैं.
डॉ. मोस्ले ने कहा, 'यूके में अनुमानित सात मिलियन लोगों को प्रीडायबिटीज है यानी उनकी ब्लड शुगर बढ़ी हुई है और उन्हें टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम है. भले ही आपको पता न हो लेकिन टाइप 2 डायबिटीज से पहले केवल प्रीडायबिटीज होने से भी आपकी असामयिक मृत्यु का जोखिम 60 प्रतिशत से अधिक बढ़ जाता है.