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ऐसे डिब्बे में खाना खाने से हो सकता है हार्ट फेल! कैंसर-बांझपन का भी जोखिम

नए अध्ययन में पाया गया है कि प्लास्टिक के डिब्बों में पैक खाना कंजेस्टिव हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ा सकता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने इसका कारण का भी पता लगाया है और वो ये है कि पेट के बायोम (बैक्टीरिया) में परिवर्तन के कारण शरीर में सूजन होती है जो सर्कुलेटरी सिस्टम को नुकसान पहुंचाती है जिस वजह से हार्ट फेलियर का रिस्क बढ़ सकता है.

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PC: Meta AI
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आधुनिक दौर में ना केवल लोगों का रहन-सहन बदला है बल्कि खानपान भी बदला है. पहले लोग जहां घर पर ताजा बना शुद्ध खाना खाते थे ,वहीं अब बाहर के खाने का चलन चल पढ़ा है. यहां तक कि लोग रोजमर्रा के खाने के लिए भी रेस्ट्रॉन्ट पर निर्भर होने लगे हैं. बाहर का खाना ना केवल अनहेल्दी होता है बल्कि एक नई स्टडी में पता चला है कि यह जिसमें पैक होता किया जाता है, वो भी आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं. स्टडी के अनुसार, प्लास्टिक के डिब्बों में पैक होने वाला खाना खाने से कंजेस्टिव हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ सकता है. 

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क्या है कंजेस्टिव हार्ट फेलियर

Clevelandclinic की रिपोर्ट के अनुसार, कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (CHF) वो कंडीशन है जिसमें हृदय शरीर की जरूरतों के मुताबिक पर्याप्त खून को पंप नहीं कर पाता है. इसे हार्ट फेलियर के नाम से भी जाना जाता है. इसमें समय के साथ आपके फेफड़ों और पैरों में खून और तरल पदार्थ जमा होने लगते हैं यानी आपका दिल काम तो कर रहा होता है लेकिन यह उतना ब्लड पंप नहीं कर पाता जितना उसे करना चाहिए इसलिए आपके शरीर के दूसरे हिस्सों में खून जमा हो जाता है. 

ज्यादातर खून आपके फेफड़ों, पैरों और पंजों में जमा होने लगता है जो कंडीशन आगे चलकर काफी घातक हो जाती है. कंजेस्टिव हार्ट फेलियर कई लोगों के लिए जानलेवा भी हो सकता है.

खाने वाला डिब्बा दे सकता है हार्ट अटैक

इस नए अध्ययन में पाया गया है कि प्लास्टिक के डिब्बों में पैक खाना CHF का खतरा बढ़ा सकता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने इसका कारण का भी पता लगाया है और वो ये है कि पेट के बायोम में परिवर्तन के कारण शरीर में सूजन होती है जिससे सर्कुलेटरी सिस्टम को नुकसान पहुंचता है. 

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प्लास्टिक के बॉक्स बढ़ाते हैं रिस्क

चीनी शोधकर्ताओं ने दो पार्टस में यह स्टडी की थी. इसमें मिले रिजल्ट्स प्लास्टिक के डिब्बों में खाने से जुड़े जोखिमों के दावों को और बल देते हैं. 

चूहों पर की गई स्टडी

लेखकों ने इसके लिए दो पार्ट्स में स्टडी की. पहले पार्ट में यह देखा गया कि चीन में 3,000 से अधिक लोगों ने कितनी बार प्लास्टिक के टेकआउट डिब्बों से खाना खाया और क्या उन्हें हृदय रोग था. इस दौरान कुछ चूहों पर भी अध्ययन किया गया. इसके लिए चूहों को उस पानी के संपर्क में लाया गया जिसमें प्लास्टिक के डिब्बों में मौजूद रसायन थे. 

शोधकर्ताओं ने कहा, इस डेटा से यह पता चला है कि प्लास्टिक के संपर्क में आने से कंजेस्टिव हार्ट फेलियर का जोखिम काफी हद तक बढ़ जाता है. प्लास्टिक में लगभग 20,000 रसायन हो सकते हैं और उनमें से कई जैसे कि BPA, phthalates और Pfas स्वास्थ्य के लिए बड़ा जोखिम पैदा करते हैं.

कैंसर और इनफर्टिलिटी का रिस्क भी बढ़ाते हैं

ये रसायन अक्सर भोजन और फूड पैकेजिंग में पाए जाते हैं और कैंसर से लेकर प्रजनन संबंधी नुकसान तक कई तरह की समस्याओं से जुड़े होते हैं. हालांकि नए शोधपत्र में शोधकर्ता इस बात का पता नहीं लगा सके कि प्लास्टिक से कौन से खास केमिकल्स निकलते हैं लेकिन उन्होंने सामान्य प्लास्टिक कंपाउंड्स और हृदय रोग के बीच संबंध, साथ ही पेट के बायोम और हृदय रोग के बीच पुराने संबंधों के खतरे अपनी इस स्टडी में भी देखे.

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