Frequent cough: खांसी बेहद सामान्य चीज है जिसका सामना हर इंसान करता है. खांसी कोई बीमारी नहीं बल्कि एक रिएक्शन है जो हमारा शरीर फेफड़ों में किसी तरह के इंफेक्शन होने पर या सांस की नली में धूल- मिट्टी के कण घुस जाने पर देता है. आमतौर पर खांसी अपने-आप ठीक हो जाती है और इसके लिए इलाज की जरूरत नहीं होती लेकिन खांसी तीन हफ्तों से ज्यादा रहे तो यह गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती है.
अमेरिका के बाल्टीमोर स्थित जॉन्स हॉपकिन्स स्कूल ऑफ मेडिसिन में पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन के डॉक्टर पनागिस गालियात्सतोस कहते हैं, "आपकी नाक बाहर के वातावरण का शरीर पर असर आपकी नाक के जरिए ही होता है. हर तरह के संक्रमण और एलर्जी धूल-मिट्टी के कणों के जरिए नाक से होते हुए हमारे शरीर में घुसते हैं और हमें बीमार करते हैं."
पोस्टनेजल ड्रिप सिंड्रोम (Postnasal drip)
पोस्टनेजल ड्रिप सिंड्रोम जिसे अपर एयरवे कफ सिंड्रोम भी कहा जाता है, यह लगातार हो रही खांसी की एक सामान्य वजह है. जब कोई वायरस, एलर्जी, धूल या केमिकल आपकी नाक में घुस जाता है तो उस स्थिति में नाक से बलगम निकलता है. जब यही बलगम नाक से बाहर निकलने के बजाय आपके वापस गले में पहुंच जाए तो इस स्थिति को पोस्ट नेजल ड्रिप कहा जाता है. इसमें आपको बहुत ज्यादा खांसी आती है.
उन्होंने कहा, ''आपके शरीर में सबसे ज्यादा कफ रिसेप्टर्स शरीर में सांस की नली और वोकल कॉर्ड्स (गले के पिछले भाग में स्थित स्वर उत्पन्न करने वाली महीन मांसपेशियों की पट्टी) में होते हैं और अगर वहां कुछ भी होता है तो इससे निपटने के लिए आपका शरीर सबसे पहले खांसी के जरिए प्रतिक्रिया देता है.''
अस्थमा (Asthma)
अस्थमा भी पुरानी खांसी का एक और आम कारण है. यह सांस की नली में सूजन होने से पैदा होता है जिसका काम फेफड़ों में लाना और ले जाना होता है. सूजन होने पर सांस की नली में गाढ़ा बलगम बनने लगता है जो आगे फेफड़ों में ऑक्सीजन की आपूर्ति को रोकता है इसलिए आपको खांसी आने लगती है. खांसी के जरिए आपका शरीर ऑक्सीजन की आपूर्ति को बहाल करने की कोशिश करता है. अस्थमा संक्रमण, मौसम में बदलाव, एलर्जी, तंबाकू, कई प्रकार की दवाओं की वजह से भी हो सकता है.
संक्रमण (Infections)
कई बार ऐसा होता है कि आपको सर्दी, फ्लू या निमोनिया हुआ जो कुछ समय बाद ठीक हो गया लेकिन आपकी खांसी ठीक नहीं हुई. दरअसल, उस समय आपके फेफड़े ठीक हो चुके होते हैं लेकिन इस दौरान नए कफ रिसेप्टर्स बनने लगते हैं और जैसे हर नई चीज के लिए आपको पुरानी चीजों को हटाकर जगह बनानी पड़ती है. उसी तरह ये नए कफ रिसेप्टर्स भी अपनी जगह बनाते हैं इसलिए इस प्रक्रिया के दौरान आपको खांसी आती है.
गैस्ट्रोइसोफैगस रिफ्लक्स डिसीस (gastroesophageal reflux disease)
क्या आप जानते हैं कि आपके पेट की गड़बड़ी भी आपकी खांसी की वजह हो सकती है. गैस्ट्रोइसोफैगस रिफ्लक्स डिसीस वो अवस्था होती है जिसमें पेट में बनने वाला एसिड इसोफैगस (भोजन की नली) में आने लगता है. ये लगातार आपके पेट से निकलता है और सांस लेते हुए तो ये आपके फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं और उन्हें दिक्कत देने लगते हैं. खांसी के साथ सीने में जलन और दर्द GRD के सामान्य लक्षण हैं. इसके अलावा और कोई लक्षण नजर नहीं आता है.
ब्लड प्रेशर की दवाएं (High blood medications)
ब्लड प्रेशर के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं अक्सर क्रोनिक ड्राई कफ का कारण बनती हैं. इस स्थिति में आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं. ब्लड प्रेशर की दवाओं में बदलाव कर इस खांसी से आसानी से निजात पाया जा सकता है.
कोरोनावायरस (Coronavirus)
कोरोनावायरस रोग (COVID-19) एक संक्रामक रोग है जो SARS-CoV-2 वायरस के कारण होता है. इस बीमारी की शुरुआत 2019 में हुई लेकिन 2020 तक ये दुनिया के हर एक देश में फैल गई. SARS-CoV-2 वायरस जब किसी इंसान के अंदर प्रवेश करता है तो इससे फेफड़ों में सूजन और ड्राई कफ होती है. इसके अलावा भी इस बीमारी के कई लक्षण होते हैं. ये लक्षण हल्के से लेकर जानलेवा तक हो सकते हैं.
धूम्रपान (Smoking)
धूम्रपान आपके फेफड़ों (और आपके शरीर के बाकी हिस्सों) को नुकसान पहुंचाता है. आपने स्मोकर्स कफ के बारे में सुना होगा जो अक्सर धूम्रपान करने वाले लोगों को होती है. ये तंबाकू के धुएं में मौजूद रसायनों और कणों के कारण फेफड़ों में जलन पैदा करती है जिससे लोगों को खांसी आती है. धूम्रपान करने वाले लोग रोजाना होने वाली इस खांसी को क्रॉनिक या गंभीर नहीं मानते लेकिन ये कई बार बड़ी बीमारियों का शुरुआती संकेत होती है. इसलिए किसी भी स्थिति में लंबे समय तक होने वाली खांसी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
फेफड़ों का कैंसर (Lungs cancer)
क्रॉनिक कफ फेफड़ों के कैंसर का भी संकेत हो सकती है. हालांकि खांसी के अलावा इस बीमारी के कई अन्य लक्षण भी हैं. धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर की सबसे बड़ी वजह है लेकिन बहुत से लोग जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया उन्हें भी फेफड़ों का कैंसर हो जाता है इसलिए इस बीमारी का पता जांच से ही लगाया जा सकता है.
क्रॉनिक कफ के लिए कब कराएं जांच
हिल के अनुसार, मैं किसी भी कफ को क्रॉनिक कफ तक तक नहीं मानता जब तक वो तीन महीने से ज्यादा पुरानी ना हो क्योंकि एलर्जी की वजह से होने वाली खांसी तक तीन महीनों तक रहती है. ये सर्दी से होने वाली बिलकुल साधारण खांसी की तरह हो सकती है जिसमें व्यक्ति लगातार खांसता रहता है. लेकिन ये बहुत ज्यादा गंभीर नहीं होती. लेकिन अगर आपकी खांसी तीन से चार सप्ताह तक ठीक ना हो तो इससे ज्यादा इंतजार ना करें और तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. अगर अगर किसी को सांस लेने में तकलीफ हो, बुखार आए, या खांसी में खून निकले तो बिना वक्त गंवाएं डॉक्टर के पास जाना चाहिए.