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H3N2 वायरस: कोरोना वैक्सीन इस गंभीर संक्रमण पर असरदार या नहीं? डॉक्टर्स ने बताया किन लोगों को है अधिक खतरा

H3N2 or Influenza A virus: एच3एन2 (H3N2) यानी इन्फ्लुएंजा ए वायरस के मामले देश में लगातार सामने आ रहे हैं. एच3एन2 वायरस से बचाव में क्या कोविड-19 वैक्सीन असरदार है? इस बारे में डॉक्टर्स का क्या कहना है, इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे.

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सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो

H3N2 or Influenza A virus: कोविड-19 के मामले पिछले कुछ समय से कम हुए ही थे कि एक नए वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं. इस नए वायरस का नाम एच3एन2 (H3N2) है जो इन्फ्लुएंजा ए वायरस का सबटाइप है. इस वायरस के संक्रमित होने पर रोगी में फ्लू जैसे लक्षण जैसे तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, थकान और सूखी खांसी जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं  जो तीन सप्ताह तक बने रहते हैं. इस वायरस को लेकर सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की गई है. डॉक्टर्स का कहना है कि H3N2 से बचाव के लिए निगरानी और सावधानी बरतने की जरूरत है ताकि इसे फैलने से रोका जा सके. 

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तीन साल तक कोरोना महामारी से गुजरने के बाद लोगों के मन में इस वायरस को लेकर भी कई सवाल हैं. कोरोना वायरस से बचाव के लिए जो वैक्सीन दी गई थीं, वह H3N2 वायरस से बचाने में प्रभावी हैं या नहीं ? इस बारे में भी लोग जानना चाहते हैं. इस बारे में डॉक्टर्स का क्या कहना है, यह भी जान लीजिए.

क्या कोविड वैक्सीन H3N2 वायरस से बचा सकती हैं?​

गुड़गांव के सीके बिड़ला हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर और पल्मोनोलॉजी के हेड डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर (Dr. Kuldeep Kumar) ने कहा, "नहीं, ऐसा नहीं होगा क्योंकि कोविड-19 और H3N2 वायरस दोनों एक-दूसरे से पूरी तरह अलग हैं. किसी भी वायरस की वैक्सीन उस वायरस की प्रकृति, फैलने की आवृत्ति आदि के आधार पर बनाई जाती है. कोविड-19 और H3N2 वायरस की प्रकृति और आवृत्ति अलग है इसलिए कोविड वैक्सीन इस इंफ्लूएंजा वायरस से बचाने में मदद नहीं करेंगी. अगर किसी वायरस के लिए विशेष वैक्सीन बनाई जाती है तो वह उस वायरस के अनुरूप ही इम्यूनिटी डेवलप करती है."

सीएसआईआर-सेंटर ऑफ सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) के पूर्व डायरेक्टर और अब बेंगलुरु स्थित टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी (TIGS) के डायरेक्टर राकेश मिश्रा (Rakesh Mishra) ने कहा, "हम देश में जो वायरस फैलता देख रहे हैं वह एक सामान्य फ्लू है जिसमें नई विशेषताएं आ गई हैं जिसके कारण यह लंबे समय तक बना रहता है. कोविड-19 वायरस के विपरीत यह जल्द ही खत्म हो जाएगा लेकिन लक्षण महसूस होने पर इसकी टेस्टिंग जरूर कराएं. इसके लिए सभी हेल्थ ऑफिसर्स को इसकी निगरानी करनी चाहिए ताकि वायरस के मूवमेंट का पता लगा सकें."

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राकेश मिश्रा आगे कहते हैं, "किसी भी अन्य वायरस की ही तरह H3N2 वायरस से बचने के लिए उचित सावधानी बनाए रखें, मास्क लगाएं, हाथ साफ रखें और संक्रमण से बचने के लिए चेहरे-आंखों को बार-बार छूने से बचें. लोगों ने मास्क लगाना और उसे गंभीरता से लेना बंद कर दिया है लेकिन फेस मास्क फ्लू के प्रसार को रोक सकता है और हानिकारक कणों को भी शरीर में जाने से रोकता है इसलिए मास्क लगाएं."

कितना खतरनाक है H3N2?

गंगा राम अस्पताल के डॉ. धीरेन गुप्ता के मुताबिक, "H3N2 एंटीजेनिक ड्रिफ्ट और हल्का म्यूटेशन है लेकिन इससे लाइफ को खतरा नहीं है लेकिन अगर किसी रोगी को दो या उससे अधिक बीमारियां हैं तो मृत्यु की संभावना अधिक है."
भारत में इन्फ्लूएंजा वायरस के तीन सबटाइप हैं. इन्फ्लुएंजा ए H1N1pdm09, इंफ्लूएंजा A H3N2 और इंफ्लूएंजा B Victoria. इनमें से H3N2, 2023 की शुरुआत से सर्वाधिक पाया जाने वाला सबटाइप है.

किन लोगों को अधिक खतरा है?

डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर के मुताबिक, "H3N2 वायरस का खतरा बच्चों और बुजुर्गों को अधिक है क्योंकि यह इम्यूनिटी पर हमला करता है. जिन लोगों को अस्थमा, हृदय रोग, डायबिटीज, मोटापा और कमजोर इम्यूनिटी की शिकायत है उनको भी खतरा अधिक है. गर्भवती महिलाओं को भी इस वायरस का ज्यादा खतरा है. कोविड के कारण 2 साल तक बच्चे घर में ही रहे और वह स्कूल और भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहे. लेकिन अब स्कूल खुल गए हैं और बाजारों में भी भीड़ बढ़ गई है इसलिए इस सामान्य वैरिएंट के कारण बच्चों में इस वायरस के बढ़ते मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है."

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H3N2 वायरस कैसे फैलता है और इससे कैसे बचें?

डॉ. ग्रोवर बताते हैं, "H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से से खांसी या छींक के माध्यम से किसी स्वस्थ व्यक्ति तक पहुंच रहा है. संक्रमण से बचे रहने के लिए सुरक्षा बरतनी जरूरी है. इसके लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें, सार्वजनिक रूप से बाहर हों तो मास्क लगाएं, हाथ को साबुन से बार-बार धोएं. उन लोगों के साथ संपर्क से बचें जिन्हें फ्लू है या जिनमें फ्लू के लक्षण दिखाई देते हैं.

H3N2 के लक्षण

H3N2 वायरस के संक्रमण के सामान्य लक्षण फ्लू की तरह हैं. इस वायरस की चपेट में आने पर बुखार या तेज ठंड लगना, खांसी, गले में खराश, नाक बहना या कुछ मामलों में नाक बंद होना, सिरदर्द और थकान है. कुछ मामलों में उल्टी या दस्त भी हो सकते हैं. सांस लेने में कठिनाई भी इस वायरस के लक्षण हो सकते हैं."
 

 

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