
महिला हो या पुरुष, आज के समय में हर कोई बालों के झड़ने (Hair Loss) और गंजेपन (Baldness) से परेशान है. 2018 की एक रिसर्च के मुताबिक, इंडिया में 18-35 साल की उम्र वाले 47.6 प्रतिशत पुरुषों में बालों का झड़ना या गंजेपन की समस्या है.
पुरुषों में भी गंजेपन या मेल पैटर्न बाल्डनेस (Male Pattern Baldness) की बढ़ी हुई समस्या को खत्म करने के लिए वे लोग तरह तरह के शैंपू, कंडीशनर, सीरम आदि लगाते हैं और तरह-तरह की दवाओं का भी सेवन करते हैं. कुछ लोगों को रिजल्ट मिल जाते हैं लेकिन अधिकतर लोगों को कोई अंतर नहीं पड़ता. हालांकि बालों का झड़ना कई बातों पर निर्भर करता है जैसे जेनेटिक (Genetic), लाइफ स्टाइल (Life style), खान-पान (Diet), कैमिकल वाले शैंपू-कंडीशनर का अधिक प्रयोग (Excessive use of chemical shampoos ) आदि.
इस समस्या के ऊपर दुनिया भर में रिसर्च चल रही हैं. हाल ही में एक रिसर्च के रिजल्ट सामने आए हैं, जिसके मुताबिक पुरुषों में गंजेपन को दूर किया जा सकता है.
मेल पैटर्न बाल्डनेस को समझें
पुरुषों में बाल झड़ने को एंड्रोजेनिक एलोपेसिया (Androgenic Alopecia) या मेल पैटर्न बाल्डनेस कहते हैं. इसमें खोपड़ी की कोशिकाएं खत्म हो जाती हैं, जिससे नए बालों की ग्रोथ नहीं होती. ऐसा बालों के रोम के पास की ब्लड वेसिल्स (रक्त वाहिकाओं) की कमी के कारण होता है. दरअसल, रोम छिद्र के पास रक्त वाहिकाओं की कमी हो जाती है, जिससे बालों की ग्रोथ के लिए जरूरी और पर्याप्त न्यूट्रिशन बालों तक नहीं पहुंच पाते और बालों की ग्रोथ नहीं होती.
ऐसे की गई रिसर्च
इस स्टडी में वैज्ञानिकों ने बाल उगाने के अन्य इलाजों की तुलना में तेजी से चूहों पर बाल उगाए थे. इस रिसर्च में माइक्रोनीडल पैच (Microneedle patch) में सेरियम नैनोपार्टिकल्स (Cerium nanoparticles) शामिल थे, जो बालों के झड़ने का कारण बनने वाले दो कारण, शरीर की कोशिकाओं के बीच पोषक तत्वों का यातायात न होना (Improper circulation) और ऑक्सीडेटिव तनाव (oxidative stress) से निपटने में कारगर थे.
वैज्ञानिकों ने सेरियम नैनोपार्टिकल्स को बायोडिग्रेडेबल पॉलीथीन ग्लाइकोल-लिपिड कंपाउंड में लपेट दिया. इसके बाद हाइल्यूरोनिक एसिड (Hyaluronic acid) (स्किन पर पर पाया जाने वाला एक एसिड) का प्रयोग करके एक घुलनशील माइक्रोनीडल पैच (Microneedle patch) बनाया. पैच यानी आर्टीफिशियल हेयर या प्रॉस्थेटिक विग.
इसके बाद नैनोपार्टिकल्स को कंपाउंड में जोड़ा, ताकि एक सांचा (Mould) तैयार किया जा सके. टेस्ट करने के लिए वैज्ञानिकों ने सबसे पहले चूहों के बाल हटाने के लिए उनके शरीर पर जगह-जगह हेयर रिमूवर क्रीम (Hair removal cream) लगाई, जिससे चूहों के उतने हिस्से के बाल निकल गए. फिर उन्होंने बाल हटने वाली जगह पर पैच लगाए. इसका इस्तेमाल साधारण पैच बनाने के साथ साथ विशेष पैच बनाने में भी होता है, जो कि नई रक्त वाहिकाओं की तेजी से ग्रोथ में काम आते हैं।
सामने आए ये रिजल्ट
रिसर्चर्स ने पाया कि विशेष रूप से तैयार किए गए पैच जिन चूहों में इस्तेमाल किए गए, उनमें अधिक अंतर देखने मिला. उन चूहों ने कई ऐसे संकेत दिए जो नए बालों के उगने की निशानी थे. विशेष पैच वाले चूहों में किसी अन्य उपचार की अपेक्षा तेजी से बालों की ग्रोथ हुई थी.
इस रिसर्च के मुताबिक, चूहों पर यह रिसर्च काम करती है और उसके रिजल्ट भी अच्छे मिले. अब इसे इंसानों पर टेस्ट करने की आवश्यकता है. अगर यह इंसानों पर भी काम करता है तो निश्चित ही पुरुषों को गंजेपन से मुक्ति मिल सकती है.