हल्का सा गरम मसाला जोड़कर किसी भी व्यंजन का स्वाद बढ़ाया जा सकता है, यह वेजिटेरिन और नॉन-वेजिटेरियन दोनों तरह के व्यंजनों में आवश्यक मसाला है. गरम मसाला, दालचीनी, लौंग, इलायची और काली मिर्च जैसे गर्म मसालों का मिश्रण है, जो कई संभावित स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है. अगर आप मसाले के स्तर के प्रति संवेदनशील हैं तो गरम मसाले की क्वालिटी और पर भी विचार करना महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिक कैमिकल हो सकते हैं. क्या आप जानते हैं कि भारतीय रसोई में उपयोग होने वाले इस प्रमुख मसाले के कई लाभ और नुकसान भी हैं?
हमारे व्यंजनों में सबसे पसंद किए जाने वाले इस मसाले के बारे के फायदे और नुकसान क्या हैं, हर किसी को खाने से पहले ये जरूर जान लेना चाहिए. लेकिन ध्यान रखें कभी भी अधिक मात्रा में इसका सेवन बिल्कुल न करें.
सर्दी-खांसी
जैसे-जैसे मौसम ठंडा होता जाता है सर्दी-खांसी होना आम है. गरम मसाले में मिली हुई लौंग, काली मिर्च और दालचीनी का उपयोग ऐसी बीमारियों को तुरंत ठीक कर सकता है.
डाइजेशन को सुधारे
ठंड के मौसम में पकौड़े, पापड़ और भटूरे की मांग अधिक होती है. किंतु पाचन संबंधी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं. ऐसे में अगर खाने में गरम मसाला डालकर खाते हैं तो डाइजेशन में सुधार हो सकता है. दालचीनी और अन्य मसालों में मौजूद फाइबर के कारण नियमित मल त्याग को बढ़ावा मिलता है.
ब्लड शुगर कंट्रोल करे
दालचीनी, एक प्रमुख घटक है जो ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल कर सकता है. गरम मसाले में इसकी मौजूदगी हो सकती है, इसलिए कह सकते हैं कि गरम मसाले के सेवन से ब्लड शुगर कंट्रोल हो सकती है.
दर्द और सूजन
गर्म मसाला में मसालों में सूजनरोधी गुण होते हैं. वे सूजन और दर्द को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं.
डायबिटीज मरीज
डायबिटीज रोगियों के लिए भोजन में जीरा और अन्य पदार्थों की उपस्थिति फायदेमंद है. यह उनके लिए एंटी-डायबिटिक एजेंट ह.।
एंटी-ऑक्सीडेंट: गरम मसाला एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है, जो त्वचा की समस्याओं को दूर करता है।
गरम मसाले के नुकसान
जैसा कि सभी जानते हैं, गरम मसाला खाने के काफी फायदे होते हैं लेकिन वहीं दूसरी ओर इसके कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं. ज्यादा गरम मसाले खाने से बवासीर, सीने में जलन, एसिडिटी और पेट में जलन हो सकती है.