पिछले कुछ महीनों में हार्ट अटैक से मौत के मामलों में तेज इजाफा हुआ है. डराने वाली बात ये है कि हार्ट अटैक से अचानक जान गंवाने वाले लोगों में ज्यादातर युवा थे. तेलंगाना के नांदेड़ में डांस करते-करते एक युवक की अचानक मौत हो गई. यह घटना 25 फरवरी की है. लड़के की उम्र महज 19 साल थी. तेलंगाना में एक हफ्ते में हार्ट अटैक से मौत की यह चौथी घटना थी. इससे पहले 22 फरवरी को हैदराबाद के एक जिम में वर्कआउट के दौरान एक पुलिस कॉन्स्टेबल की हार्ट अटैक से मौत हो गई.
लगातार हार्ट अटैक से जान गंवा रहे हैं लोग
हैदराबाद में 20 फरवरी को एक शादी समारोह में दूल्हे को हल्दी लगा रहा एक व्यक्ति अचानक गिर गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी. तेलंगाना में पिछले शुक्रवार को एक शख्स चलते-चलते अचानक गिर गया. गनीमत रही कि ऑन-ड्यूटी ट्रैफिक कॉन्स्टेबल ने CPR (Cardiopulmonary Resuscitation/कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देकर उसकी जान बचा ली. लेकिन बाकी तीन मामलों में तीन लोगों की जान चली गई.
वहीं, इससे पहले गुजरात के अहमदाबाद में एक क्रिकेट मैच के दौरान GST कर्मचारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई. ये मैच जीएसटी कर्मचारी और जिला पंचायत के कर्मचारियों के बीच हो रहा था. बॉलिंग करते वक्त GST कर्मचारी की तबियत बिगड़ी और वो जमीन पर गिर गया. रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात में एक महीने में सात लोगों की हार्ट अटैक से जान गई है.
संक्रमण की तरह बढ़ रहा है हार्ट अटैक
रिपोर्ट्स बताती हैं कि देश में पिछले दो महीनों में दिल की बीमारियों से मरने वाले लोगों की संख्या में करीब 20 फीसदी तक इजाफा हुआ है. यहां सवाल यह उठता है कि 18 से 40 साल की उम्र के आसपास के लोगों में अचानक से हार्ट अटैक की घटनाएं इतनी तेजी से क्यों बढ़ रही हैं. बुजुर्ग, टीनएज बच्चे, पहलवान, कसरती बदन वाले नौजवान भी आखिर क्यों हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं.
युवाओं के बीच इन वजहों से बढ़ रही हार्ट डिसीस
मध्य प्रदेश के इंदौर में हाल ही में युवाओं के बीच कराए गए एक सर्वेक्षण में सामने आया कि सिर्फ इसी शहर में 18 साल से ऊपर से 48 प्रतिशत युवाओं में कोई ना कोई ऐसी बीमारी पाई गई जो दिल की सेहत के लिए ठीक नहीं हैं. एक लाख लोगों पर किए गए इस सर्वे में 48 हजार लोग ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों के शिकार पाए गए. शरीर में धीरे-धीरे घर करने वालीं ये सभी बीमारियां आगे चलकर हार्ट डिसीस और हार्ट अटैक का कारण बन सकती हैं.
सेंट्रल लैब की डायरेक्टर विनीता कोठारी आजतक को बताती हैं, ''इस सर्वे में शामिल हुए 17 प्रतिशत लोग कोलेस्ट्रॉल, 9.8 डायबिटीज और बाकी किडनी और लिवर से जुड़ी परेशानियों से जूझ रहे थे. खराब जीवनशैली और खानपान भी दिल के रोग और हार्ट अटैक का बड़ा कारण है.''
दिल की बीमारियों पर आए चौंकाने वाले नतीजे
इंडियन हार्ट एसोसिएशन (IHA) के मुताबिक, नौजवानों में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं. महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को ज्यादा हार्ट अटैक आ रहे हैं. मोटापा, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, तनाव, कोलेस्ट्रॉल जैसे फैक्टर्स इसके लिए जिम्मेदार हैं. 50 साल से कम उम्र के 50 फीसदी लोगों में हार्ट डिसीस और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा है और 40 से कम उम्र के 40 प्रतिशत लोगों में हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ गया है.
IHA के अनुसार, इतना ही नहीं भारतीय नौजवानों में डायबिटीज की बीमारी भी बढ़ रही है और अगर अगर ऐसा चलता रहा तो 2045 तक देश में 13 करोड़ से ज्यादा लोग इसका शिकार हो चुके होंगे. डायबिटीज भी हार्ट डिसीस और हार्ट अटैक की एक बड़ी वजह है.
क्या हार्ट अटैक के पीछे कोरोना है जिम्मेदार
हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के पीछे कई लोग कोरोना महामारी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. हालांकि, दुनिया भर के कई देशों में पोस्ट कोविड से लोगों की सेहत पर पड़ने वाले असर पर कई स्टडीज चल रही हैं. कई जानकारों का मानना है कि कोरोना संक्रमण के बाद लोगों के शरीर में खून का थक्का बनने की संभावनाएं भी बढ़ी हैं. इसके प्रभावों को लेकर भी कई रिसर्च की जा रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि दिल की बढ़ती बीमारियों के पीछे कोरोना का कोई कनेक्शन तो नहीं है.
अमेरिका के सिएटल की यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन में भी कोरोना के बाद बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामलों पर अध्ययन किया जा रहा है. एक स्टडी के मुताबिक, अमेरिका में भी कोविड के बाद हार्ट अटैक की घटनाएं बढ़ी हैं. कोविड के बाद 2020 में दिल का दौरा पड़ने से 44 हजार घटनाएं दर्ज की गईं जो बढ़कर 2021 में 66 हजार हो गईं. यानी एक साल में दिल के दौरे की घटनाएं आठ प्रतिशत तक बढ़ी हैं जो अपने आप में हैरान करने वाला आंकड़ा है.
कैसे रखें अपने दिल का ख्याल
सीनियर इंटरनल मेडिसिन स्वाति माहेश्वरी ने आजतक को बताया, ''आजकल के युवाओं में दिल की बीमारियों की बड़ी वजह खराब लाइफस्टाइल और खानपान है. साथ ही धीरे-धीरे लगातार बढ़ता वजन भी हार्ट अटैक को न्योता देता है. धूम्रपान, शराब का सेवन, कई तरह के ड्रग्स का सेवन जो लोग फन के लिए लेते हैं, ये सभी फैक्टर शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव डालते हैं. इससे खासकर हार्ट अटैक का रिस्क काफी बढ़ जाता है. इससे बचने के लिए जरूरी है कि हम नियमित जांच कराएं.''
उन्होंने कहा, ''इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि अगर किसी की फैमिली हिस्ट्री में हार्ट अटैक के केस हुए हैं या परिवार का कोई शख्स दिल के रोग, ब्लड प्रेशर, थायरॉइड या डायबिटीज का शिकार रहा है तो उस परिवार के सभी लोगों को अपनी जांच कराने की जरूरत है. साथ ही अगर आप बहुत ज्यादा अनहेल्दी फूड खाते हैं, आपकी लाइफस्टाइल अच्छी नहीं है या आपके सोने का पैटर्न खराब है तो कम से कम साल में एक बार हमें डॉक्टर से अपनी जांच जरूर करानी चाहिए.''
हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानें
हार्ट अटैक के सबसे आम लक्षणों में सीने में बेचैनी, दिल को निचोड़ने जैसा दर्द शामिल है जो कुछ मिनटों से 15 मिनट तक रह सकता है. हालांकि, हार्ट अटैक के लक्षण अलग-अलग लोगों में अलग-अलग हो सकते हैं. पीठ, गर्दन, पेट में दर्द, ठंडा पसीना आना, मतली-उलटी, चक्कर, चिंता, अपच, थकान जैसे लक्षण भी हार्ट अटैक आने से पहले और उस दौरान महसूस हो सकते हैं. पुरुषों की तुलना में महिलाओं को हार्ट अटैक आने पर गर्दन, कंधे, पीठ के ऊपरी हिस्से या पेट में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
हार्ट अटैक आने पर क्या करना चाहिए
अगर कोई दिल की बीमारियों से पीड़ित है और उसे हार्ट अटैक आता है या अचानक किसी को हार्ट अटैक का अनुभव होता है तो तुरंत मेडिकल हेल्प के लिए कॉल करें. आसपास के लोगों से मदद लें. इसके अलावा जब तक आपके पास इमरजेंसी मेडिकल हेल्प नहीं पहुंच जाती तब तक आप एक एस्पिरिन की गोली को अपने मुंह में रखें और उसे चबाएं. एस्पिरिन लेने से आपकी धमनियों के अंदर बनने वाले रक्त के थक्के को तोड़ने में मदद मिल सकती है जो दिल के दौरे के दौरान धमनी में रक्त के प्रवाह को रोकता है. डॉक्टर इसे निगलने के बजाय चबाने की सलाह देते हैं ताकि यह आपके सिस्टम में तेजी से प्रवेश कर सके.
मेडिकल एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर किसी को हार्ट अटैक आए तो उसे तुरंत CPR देना चाहिए. अगर मरीज को सही से सीपीआर दिया जाए तो इससे काफी हद तक मरीज की जान बचाई जा सकती है. इस प्रक्रिया में मरीज को सीधे लिटाकर उसके दिल को इतनी जोर से दबाया जाता है ताकि रक्त संचार दोबारा हो सके.