हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) की समस्या को को नजरअंदाज करना घातक साबित हो सकता है. दरअसल, जब खून द्वारा धमनियों की दीवारों पर लगाया जाने वाला दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है तो उसे हाई ब्लड प्रेशर कहते हैं. बीपी को हाइपरटेंशन (Hypertension) भी कहा जाता है. कुछ मामलों में यह दिल का दौरा, हार्ट फेल, स्ट्रोक, डिमेंशिया का कारण भी बन सकता है. ब्लड प्रेशर जितना अधिक होगा, स्ट्रोक, हृदय रोग, किडनी और लिवर की समस्याओं का खतरा उतना ही अधिक हो जाता है. अधिक वजन, आनुवांशिक, किडनी में समस्या, अधिक नमक खाना, एक्सरसाइज ना करना आदि कारणों से भी इसकी शिकायत हो सकती है.
डायबिटीज के कारण भी ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है और शरीर की नसें और ब्लड वेसिल्स पर गलत प्रभाव पड़ने लगता है. ऐसे में अगर शुगर कंट्रोल में नहीं रहता तो हार्ट, मस्तिष्क, किडनी, लिवर पर गलत असर हो सकता है.
दरअसल, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के कारण वैस्कुलर डिस्फंक्शन और सूजन, धमनी रीमॉडलिंग, एथेरोस्क्लेरोसिस, डिस्लिपिडेमिया और मोटापा जैसी समस्याएं हो सकती हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से किडनी और लिवर को नुकसान हो सकता है इसलिए ऐसे लोगों को सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए. यह दोनों बीमारियों किडनी और लिवर पर कैसे असर डालती हैं, यह जान लीजिए.
किडनी पर क्या असर होता है?
अगर किसी को लगातार हाई ब्लड प्रेशर रहता है तो किडनी में खून पहुंचाने वाली धमनिंयां सिकुड़ सकती हैं एवं कमजोर या कठोर हो सकती हैं. ऐसे में यह डैमेज धमनियां ऊतकों तक खून नहीं पहुंचा पातीं, जिससे किडनी को नुकसान हो सकता है. अगर किडनी को नुकसान होता है तो किडनी टॉक्सिन्स को फिल्टर नहीं कर पाएंगी जिससे किडनी में प्रोटीन और नमक की कमी होने लगती है.
डायबिटीज में भी इसी तरह से किडनी को नुकसान होता है. डायबिटीज, मूत्राशय की नसों को नुकसान पहुंचाता है जिससे किडनी पर प्रेशर बढ़ जाता है. इससे बार-बार होने वाले यूरिनरी इन्फेक्शन (UTI) का खतरा भी बढ़ जाता है.
लिवर पर कैसे असर होता है ?
हाई ब्लड प्रेशर से लिवर डैमेज हो सकता है और लिवर फाइब्रोसिस का खतरा भी बढ़ सकता है. आपके लिवर में फैट का हाई लेवल (फैटी लीवर) भी डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और किडनी की बीमारी के जोखिम को बढ़ा देता है.
समय के साथ, हाई ब्लड प्रेशर के कारण लिवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और वह फैलने लगता है और सिरोसिस का खतरा भी बढ़ सकता है. हाई ब्लड प्रेशर और नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिसीज (NAFLD) का भी संबंध है. इसलिए कहा जाता है कि अगर किसी को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो आगे चलकर उसके लिवर को भी खतरा हो सकता है.
हाई ब्लड प्रेशर कम करने के तरीके
- वजन कम करें
- हेल्दी डाइट लें
- नमक कम खाएं
- शराब की मात्रा सीमित करें
- कैफीन का सेवन कम करें
- रोजाना एक्सरसाइज करें