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नसों में बैड कोलेस्ट्रॉल का जमना है जानलेवा, इन चीजों को खाकर कम करें कोलेस्ट्रॉल लेवल

हमारी सेहत के लिए कोलेस्ट्रॉल बेहद जरूरी है लेकिन अगर इसका स्तर खून में बढ़ने लगे तो व्यक्ति कई बीमारियों का शिकार हो सकता है. हम ना चाहते हुए भी अपनी डेली लाइफ में ज्यादातर ऐसी चीजें खाते हैं जिनसे हम बैड कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित हो सकते हैं. ऐसे में हमें किसी बीमारी से पहले ही अपनी डाइट को बेहतर कर लेना चाहिए

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कोलेस्ट्रॉल को काबू करने के लिए ये डाइट पैटर्न अपनाएं
कोलेस्ट्रॉल को काबू करने के लिए ये डाइट पैटर्न अपनाएं

आजकल की बिजी लाइफ में ना चाहते हुए भी लोग गलत खानपान की तरफ खुद को धकेलते जा रहे हैं जिसकी वजह से बेहद कम उम्र में वो कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और दिल के रोगों का शिकार हो रहे हैं. हाल ही में हुई कई रिसर्च में ये बताया गया है कि भारत में हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है. शहरों में लगभग 30 से 35 फीसदी लोग और ग्रामीण इलाकों में 20 से 25 फीसदी आबादी कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित है. रिसर्च में दावा किया गया है कि स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही और गलत लाइफस्टाइल की वजह से लोग कोलेस्‍ट्रोल के मरीज बन रहे हैं. कोलेस्ट्रॉल हाई ब्‍लड प्रेशर, मोटापा, किडनी में दिक्कत और डायबिटीज, हार्ट डिसीज समेत कई बीमारियों को दावत देता है. वहीं, पहले से ही इन बीमारियों के शिकार लोगों के लिए जरा सी लापरवाही उनके कोलेस्ट्रॉल लेवल, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को फ्लक्चुएट कर देती है जो उन्हें काफी महंगा पड़ सकता है. 

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खानपान की वजह से लोगों में लगातार बढ़ रही बीमारियों की वजह से विशेषज्ञों ने अब अपने दृष्टिकोण में बदलाव किया है और वो लोगों को डेली लाइफ में खाने-पीने की चीजों की कटौती की जगह एक हेल्दी डाइट पैटर्न फॉलो करने की सलाह दे रहे हैं जिसमें लोगों से कुछ खाद्य पदार्थों को सीमित करने जबकि कुछ को प्राथमिकता देने के बारे में कहा जाता है. 

अमेरिका के एमोरी यूनिवर्सिटी में हार्ट डिसीज प्रिवेंशन सेंटर के संस्थापक और हार्ट विशेषज्ञ लॉरेंस स्पर्लिंग कहते हैं, ''किसी भी व्यक्ति के लिए डाइटिंग का मतलब टॉर्चर नहीं होना चाहिए. ना कि ऐसा कोई नियम जो उसे एक महीने तक हर हाल में फॉलो करना है और फिर भूल जाना है. बल्कि अगर आप अपनी जीवनशैली में बदलाव चाहते हैं तो ये बेहद मीनिंगफुल होना चाहिए और आपको इसे ताउम्र निभाना चाहिए.'' 

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इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही कुछ डाइट पैटर्न के बारे में बताएंगे जिन्हें आप अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल कोलेस्ट्रॉल और उससे होने वाली कई बीमारियों को खुद से दूर रख सकते हैं. साथ ही ये आपकी कई बीमारियों से लड़ने में भी मदद करेगा. 

वेजिटेरियन और मेडिटेरियन डाइट करें फॉलो
अगर आप भी अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आप अपनी लाइफस्टाइल में वेजिटेरियन डाइट को जरूर फॉलो करें क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में सब्जियां, फल, फलियां, मेवे, दूध, दही और सेहत को लाभ पहुंचाने वाली चीजें शामिल होती हैं. इनसे शरीर को विटामिन्स, कैल्शियम फाइबर, प्रोटीन समेत सभी जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं. अगर आप नॉन वेजिटेरियन हैं और बिना नॉन वेज खाए नहीं रह सकते हैं तो आपको मेडिटेरियन डाइट अपना सकते हैं. इस डाइट में वीगन और वेजिटेरियन के सभी खाद्य पदार्थों के अलावा कम वसा वाले एनिमल प्रॉडक्ट शामिल होते हैं जिनसे मोटापा, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, दिल के रोग समेत कई परेशानियों से बचा जा सकता है. एनिमल प्रॉडक्ट खासतौर पर रेड मीट और प्रॉसेस्सड डेयरी प्रॉडक्ट से दूरी कोलेस्ट्रॉल को काफी हद तक कंट्रोल करती है.

सैटुरेटेड फैट्स से बनाएं दूरी
बर्गर, पिज्जा, पास्ता, कुकीज, हाई फैट वाला मीट, सॉसेज, चिप्स, पनीर, मक्खन और क्रीम जैसी चीजों में जो फैट (वसा) होता है वो सैचुरेटेड फैट कहलाता है. अगर आप बहुत ज्यादा सैचुरेटेड फैट वाला भोजन लेते हैं तो ये आपको बहुत जल्दी कोलेस्ट्रॉल का मरीज बना सकता है. अगर ऊपर बताई गई वेजिटेरियन और मेडिटेरियन डाइट फॉलो करते हैं लेकिन साथ ही सैचुरेटेड फैट्स का सेवन भी करते हैं तो इससे आपकी सारी मेहनत बेकार हो जाती है. कोलेस्ट्रॉल के खतरे से बचने के लिए अनहेल्दी सैचुरेटेड फैट्स सीमित करना जरूरी है.

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प्रोटीन वाली डाइट का सेवन
शरीर की कोशिकाओं को बनाने के लिए प्रोटीन बेहद जरूरी है. डॉक्टर हमेशा शरीर की सेहत के लिए डाइट में अच्छी मात्रा में प्रोटीन का सेवन करने की सलाह देते हैं. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि प्रोटीन केवल अंडे, मांस और वसा वाले खाद्य पदार्थों से ही नहीं मिलता बल्कि प्रोटीन से भरपूर सोयाबीन और उससे बने खाद्य पदार्थ जैसे टोफू, सोया का दूध और योगर्ट मांस, मक्खन, दूध और बाकी प्रोटीन रिच फूड प्रॉडक्ट का ज्यादा हेल्दी विकल्प हो सकते हैं. ये ना केवल शरीर को जरूरी प्रोटीन पहुंचाते हैं बल्कि कोलेस्ट्रॉल और दिल के रोगों से भी दूर रखते हैं.

फैटी मीट्स की जगह खाएं हेल्दी मीट
रेड मीट और अधिक वसा वाले मीट जैसे बीफ और पोर्क की तुलना में अगर आप चिकन या फिश को अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो इससे ना केवल आप नॉन वेज फूड का मजा ले सकते हैं बल्कि खुद को हेल्दी भी रख सकते हैं. साल्मन, माकरील और हेरिंग जैसी फिश तो दिल को सेहतमंद बनाने के तौर पर जानी जाती हैं. 

खूब खाएं फाइबर रिच फूड 
बच्चे, टीनएजर, युवा और बुजुर्ग, हर किसी को अपने आहार में भरपूर मात्रा में फाइबर जरूर शामिल करना चाहिए. फाइबर कोलेस्ट्रॉल के पार्टिकल्स को आपस में बांधकर शरीर से बाहर निकालता है. हर किसी को प्रतिदिन 25 ग्राम सॉल्यूबर फाइबर (पानी में घुल जाने वाला फाइबर) का सेवन करना चाहिए. आप बहुत सारी सब्जियां, फल और साबुत अनाज जैसे दलिया, ओट्स या अलसी के जरिए भी अपने शरीर को फाइबर दे सकते हैं.

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