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हाथ में महसूस हो रही हैं ये दो चीजें तो समझ लें बढ़ गया है कोलेस्ट्रॉल का लेवल

हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या आजकल के समय में काफी आम हो गई है. शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने से हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. यूं तो कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने के कोई संकेत नजर नहीं आते लेकिन आपके शरीर में होने वाली कुछ सेंसेशन्स के जरिए आप हाई कोलेस्ट्रॉल का पता आसानी से लगा सकते हैं.

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हाथ में महसूसस हो रही हैं ये दो चीजें तो समझ लें बढ़ गया है कोलेस्ट्रॉल का लेवल (Photo Credit: Getty Images)
हाथ में महसूसस हो रही हैं ये दो चीजें तो समझ लें बढ़ गया है कोलेस्ट्रॉल का लेवल (Photo Credit: Getty Images)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हाई कोलेस्ट्रॉल है खतरनाक
  • जानें कब बढ़ जाता है कोलेस्ट्रॉल

शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने पर हार्ट डिजीज की समस्या का सामना करना पड़ता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने से दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. इसके अलावा ग्लोबल हेल्थ एजेंसी का कहना है कि दुनिया में एक तिहाई लोगों को शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने की वजह से हृदय संबंधित रोगों का सामना करना पड़ता है. हाई कोलेस्ट्रॉल को इसलिए भी ज्यादा खतरनाक माना जाता है क्योंकि इसके शरीर में कोई भी लक्षण नजर नहीं आते जिस वजह से इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है. 

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क्या होता है हाई कोलेस्ट्रॉल का मतलब?

कोलेस्ट्रॉल खून में मौजदू एक तरह का वैक्स होता है. यह 2 प्रकार का होता है. गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल. गुड कोलेस्ट्रॉल यानी हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) और लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानी बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL). एलडीएल कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए खतरनाक होता है. इसके बढ़ने से शरीर में काफी सारी समस्याएं होने लगती हैं.  

शरीर में कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर आपकी रक्त वाहिकाओं में फैट जमा कर सकता है, जैसे-जैसे ये फैट बढ़ता है आपकी आर्टरीज में ब्लड का फ्लो काफी मुश्किल हो जाता है. 
 
कभी-कभी जब ये फैट टूटता है तो इससे ब्लड में क्लॉट बन जाते हैं जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. 

एक्सपर्ट का मानना है कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल ज्यादा होने के कोई संकेत नजर नहीं आते लेकिन आपके शरीर में कुछ ऐसी सेंसेशन हो सकती हैं जिससे आपको शरीर में बढ़ते हुए कोलेस्ट्रॉल का पता लग सकता है. 

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आर्म्स में होने वाले इन दो तरह के दर्द पर दें खास ध्यान

यह महत्वपूर्ण है कि हम शरीर में कोलेस्ट्रॉल का एक संतुलित लेवल मेनटेन रखें, क्योंकि इससे आर्टरीज में फैट जमा हो सकता है  जिससे हाथ और पैरों में ब्लड का फ्लो कम हो जाता है. इस स्थिति को पेरीफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) कहा जाता है. जिससे आपको हाथ और पैरों में काफी ज्यादा दर्द हो सकता है. 

मेयो क्लिनिक के मुताबिक, अगर आपको कोई भी काम करते समय हाथ और पैरों में दर्द होता है तो यह इस बात का संकेत है कि आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाई है. इसका समय पर इलाज ना करवाने पर आपको कोई भी काम करते समय दर्द के साथ ही क्रैम्प की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है. हाथ-पैरों में ये क्रैम्प्स तब आते हैं  जब आपकी बॉडी रेस्टिंग पोजिशन में हो और आप एकदम से कोई काम करने लगें. 

यूके नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक, हाथ पैरों में आने वाले ये क्रैंप्स कई बार माइल्ड होते हैं लेकिन कभी-कभी यह काफी दर्दनाक भी हो सकते हैं. 

क्या है पेरीफेरल आर्टरी डिजीज

पेरिफेरल आर्टरी डिजीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें आपके सिर, ऑर्गन्स और पैरों तक ब्लड ले जाने वाली आर्टरीज में कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है. यह एक सामान्य सर्कुलेटरी समस्या है, जिसमें आर्टरीज काफी ज्यादा पतली हो जाती हैं जिस कारण पैरों और आर्म्स तक उचित मात्रा में ब्लड नहीं पहुंच पाता.  

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हाथ में होने वाले दर्द का मतलब सिर्फ हाई कोलेस्ट्रॉल ही नहीं

हाथ में होने वाला दर्द हाई कोलेस्ट्रॉल के अलावा बाकी कारणों से भी हो सकता है. आर्म्स और कंधों में होने वाला दर्द हार्ट अटैक और एनजाइना का संकेत होता है  जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने के कारण होता है. इसके अलावा आर्म्स में होने वाले दर्द के और भी कई कारण हो सकते हैं जैसे स्ट्रेन, चोट लगना आदि. 

इन संकेतों पर भी दें ध्यान

आर्म्स में दर्दनाक सेंसेशन के अलावा ये भी हैं PAD के कुछ कॉमन लक्षण- 

पैरों का सुन्न हो जाना और कमजोरी महसूस होना.

पैरों के बाल झड़ना

पैरों के नाखून आसानी से टूटना और काफी धीरे-धीरे बढ़ना

पैरों और तलवे में अल्सर

पैर की त्वचा का रंग बदलना, जैसे पीला या नीला पड़ना

पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (नपुंसकता )

इन कारणों से बढ़ता है हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरा

शरीर में अनहेल्दी कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं. सैचुरेटेड फैट युक्त चीजों का सेवन करने, मोटापा, फिजिकल एक्टिविटीज ना करने, स्मोकिंग और शराब का सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है. 

 

 

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