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पुरुषों के स्पर्म को ढाई घंटे रोक देगा ये नया तरीका, रुक जाएगी प्रेग्नेंसी

वैज्ञानिक अब पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक गोलियां बनाने पर काम कर रहे हैं. इस क्षेत्र में उन्हें एक बड़ी सफलता भी मिली है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसी गोली बना ली है जो चूहों पर सफल रही है. अब इस प्रयोग को प्रीक्लिनिकल मॉडल में दोहराने के बाद मनुष्यों पर इनका क्लिनिकल ट्रायल किया जाएगा.

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पुरुषों के लिए बनाई जा रही गर्भनिरोधक गोलियां (Photo- Reuters)
पुरुषों के लिए बनाई जा रही गर्भनिरोधक गोलियां (Photo- Reuters)

महिलाओं की गर्भनिरोधक गोलिओं की तरह के वैज्ञानिक पुरुषों के लिए भी गर्भनिरोधक गोली बनाने में जुटे हैं. वैज्ञानिकों को इसमें एक बड़ी सफलता मिली है. उन्होंने एक ऐसी गर्भनिरोधक दवा विकसित की है जो अस्थायी रूप से शुक्राणुओं को अपने रास्ते में आने से रोककर चूहों में गर्भधारण को रोकती है.

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अमेरिका की वील कॉर्नेल मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने कहा कि अब तक पुरुषों के लिए गर्भनिरोध का एकमात्र विकल्प कंडोम रहा है. शोधकर्ताओं का कहना है कि पूर्व में पुरुषों के लिए बनाई जा रही गर्भनिरोध की गोलियों पर शोध इसलिए रोक दिया गया था क्योंकि उनके कई साइड इफेक्ट्स सामने आए थे.

पुरुष गर्भनिरोध की गोलियों पर स्टडी के सह-वरिष्ठ लेखकों लोनी लेविन और जोचेन बक की टीम ने पाया कि चूहों में आनुवांशिक रूप से एक महत्वपूर्ण सेलुलर सिग्नलिंग प्रोटीन, सॉल्यूबल एडेनलील साइक्लेज (sAC) कहा जाता है, की कमी होती है.

नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित स्टडी में बताया गया है कि sAC अवरोधक की एक खुराक, TDI-11861 चूहों के शुक्राणु को ढाई घंटे तक स्थिर कर देती है. संभोग के बाद महिला प्रजनन के रास्ते में भी चूहे के शुक्राणु निष्क्रिय बने रहे.

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शोधकर्ताओं ने कहा कि तीन घंटे के बाद, कुछ शुक्राणु में गति आ गई और 24 घंटे तक लगभग सभी शुक्राणु सामान्य गति में आ गए. TDI-11861 की खुराक लेने वाले नर चूहों को मादा चूहों के साथ रखा गया. चूहों ने सामान्य तरीके से संभोग किया लेकिन 52 अलग-अलग बार संभोग के बावजूद भी मादा चुहिया गर्भवती नहीं हुईं. 

शोधकर्ताओं ने कहा, 'हमारी यह गोली 30 मिनट से एक घंटे के भीतर काम करती है. जबकि दूसरे गर्भनिरोधकों में शुक्राणुओं की संख्या को कम करने या उन्हें अंडे को निषेचित करने में असमर्थ होने के लिए हफ्ता भर लग जाता है.'

शोधकर्ताओं का कहना है कि sAC अवरोधक की गोलियों का प्रभाव ज्यादा समय तक नहीं रहता और पुरुष इसे केवल तभी लेते हैं जब उन्हें इसकी जरूरत होती है. इससे पुरुषों को अपने प्रजनन क्षमता को लेकर हर रोज फैसले लेने की आजादी रहेगी.

लेविन ने कहा कि उनकी टीम इन गोलियों को चूहों पर सफल परीक्षण कर चुकी है और अब वो मनुष्यों में इसके ट्रायल को लेकर काम कर रही है. शोधकर्ता अब इस प्रयोग को एक अलग प्रीक्लिनिकल मॉडल में दोहराएंगे. इसके बाद मनुष्यों पर इस दवा का क्लिनिकल ट्रायल शुरू होगा. अगर परीक्षण सफल रहा तो पुरुषों के लिए एक गर्भनिरोधक गोली बाजार में आ जाएगी. 

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