Breast Cancer Signs & Symptoms In Hindi: हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस महिमा चौधरी ने सोशल मीडिया पर अपनी ब्रेस्ट कैंसर से जूझने की पूरी कहानी शेयर की जिस पर उन्हें लोगों का काफी सपोर्ट मिल रहा है. सोशल मीडिया पर यूजर्स और फैन्स उन्हें इस खतरनाक बीमारी को मात देने के लिए बधाई दे रहे हैं. आपको बता दें कि महिमा चौधरी इस लिस्ट में अकेली नहीं है, और भी कई बॉलीवुड सेलेब्स का नाम शामिल है जिन्होंने ब्रेस्ट कैंसर को हराया है. इस लिस्ट में छवि मित्तल, हमसा नंदिनी और ताहिरा कशयप का नाम भी शामिल है. ये सभी सेलेब्स समय-समय पर लोगों को ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरुक करते हैं, साथ ही कैंसर से लड़ाई की अपनी स्टोरी भी लोगों के साथ शेयर करते रहते हैं.
हालांकि, अब ब्रेस्ट कैंसर का इलाज संभव है, लेकिन इसका इलाज तभी किया जा सकता है जब इसका शुरुआती चरण में ही पता लग जाए. ऐसे में हम आपको ब्रेस्ट कैंसर के कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके दिखते ही आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि इस बीमारी को बढ़ने से पहले ही रोक लिया जाए.
इन संकेतों के प्रति रहें सतर्क (Breast Cancer Warning Signs)
- ब्रेस्ट और अंडरआर्म्स के आसपास गांठ बनना.
- ब्रेस्ट में और उसके आसपास सूजन
- ब्रेस्ट के साइज और शेप में बदलाव
- ब्रेस्ट के आसपास की स्किन में बदलाव.
- निप्पल के आकार में बदलाव.
- ब्रेस्ट में काले या भूरे रंग के धब्बे.
कितनी तरह का होता है ब्रेस्ट कैंसर (Types of Breast Cancer)
ब्रेस्ट कैंसर को दो कैटेगरी में बांटा जाता है. इंवेसिव (आक्रमक) और नॉन-इंवेसिव (गैर-आक्रमक).
इंवेसिव- इस प्रकार के ब्रेस्ट कैंसर में कैंसर डक्ट वॉल के जरिए ब्रेस्ट के बाकी हिस्सों में फैलता है, ये कैंसर, ब्रेस्ट के मिल्क डक्ट्स में ग्रो होता है.
नॉन- इंवेसिव- इस प्रकार के कैंसर में कैंसर ऑरिजनल टिशूज के अंदर ही रहता है और शरीर के बाकी हिस्सों में नहीं फैलता. अलग-अलग तरह के कैंसर जैसे ब्रेस्ट, स्किन और टेस्टिकुलर कैंसर नॉन इंवेसिव हो सकते हैं. आमतौर पर, नॉन इंवेसिव कैंसर का ट्रीटमेंट इंवेसिव कैंसर की तुलना में आसान होता है.
ब्रेस्ट कैंसर रिस्क फैक्टर (Breast Cancer Risk Factors) -
महिला होना- महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा पुरुषों की तुलना में काफी ज्यादा होता है.
बढ़ती उम्र- उम्र बढ़ने के साथ ही ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.
पर्सनल हिस्ट्री- अगर आपको पहले एक ब्रेस्ट में कैंसर हो चुका है तो अगली बार दूसरे ब्रेस्ट में कैंसर होने के चांसेस काफी ज्यादा बढ़ जाते है.
ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी फैमिली हिस्ट्री- अगर आपके घर में आपकी मां, बहन या बेटी को ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है , खासकर छोटी उम्र में, तो आपको ब्रेस्ट कैंसर होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. लेकिन ब्रेस्ट कैंसर के ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसमें मरीज की ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी कोई फैमिली हिस्ट्री नहीं होती.
मोटापा- ब्रेस्ट कैंसर होने का एक मुख्य कारण मोटापा भी है. मोटापे के शिकार लोगों में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.
बहुत छोटी उम्र में पीरियड्स शुरू हो जाना- जिन लड़कियों के पीरियड्स 12 साल की उम्र से पहले ही शुरू हो जाते हैं उनमें भी आगे चलकर ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.
देरी से बच्चे पैदा करना- जो महिलाएं 30 साल की उम्र के बाद बच्चे को जन्म देती हैं, उनमें भी ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क काफी ज्यादा बढ़ जाता है.
कभी मां ना बन पाना- ऐसी महिलाएं जो कभी भी प्रेग्नेंट नहीं हो पाई हों, उनमें भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा काफी ज्यादा होता है.
शराब का सेवन- जो महिलाएं शराब का अत्यधिक मात्रा में सेवन करती हैं, उनमें भी ब्रेस्ट कैंसर होने का रिस्क काफी ज्यादा होता है.
किन चीजों का करें सेवन (Breast Cancer & Diet)
माना जाता है कि फैटी डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध और चीज़ का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से भी ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क काफी ज्यादा बढ़ता है. ऐसे में अगर आप मेडिटेरेनियन डाइट लेते हैं तो इससे ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है. इस डाइट में ये चीजें होती हैं शामिल-
- एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल
- मिक्स्ड नट्स
- प्लांट बेस्ड फूड्स जैसे फल और सब्जियां
- साबुत अनाज
- बीन्स
इन बातों का रखें खास ख्याल
- वैसे तो शराब सेहत के लिए काफी हानिकारक होती है लेकिन अगर आप फिर भी शराब का सेवन करना चाहती हैं तो एक बार में पूरा पीने की गलती ना करें. रोजाना थोड़ी-थोड़ी मात्रा में इसका सेवन कर सकते हैं.
- बॉडी मास इंडेक्स को मेनटेन रखें और अच्छी डाइट के साथ ही रोजाना एक्सरसाइज भी करें.
- अगर आपने कुछ ही समय पहले बच्चे को जन्म दिया है तो बच्चे को ब्रेस्टफीड़िंग जरूर कराएं.