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पार्टनर के खर्राटों से हो चुके हैं परेशान? इन घरेलू उपायों से मिलेगी मदद

आपको बता दें कि खर्राटे लेने की समस्या को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया सिंड्रोम बीमारी की पहली स्टेज मानी जाती है. हालांकि यह काफी आम समस्या है. तो अगर आप भी आपके पार्टनर या फैमिली मेंबर्स के खर्राटों से परेशान हैं तो इन घरेलू उपायों को फॉलो कर सकते हैं.

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बहुत से लोगों को नींद में खर्राटे लेने की आदत होती है. ऐसे लोगों को नींद में होने की वजह से यह पता ही नहीं लगता कि वो खर्राटे ले रहे हैं. लेकिन इनके साथ सोने वाले लोगों की नींद बर्बाद हो जाती है. आपको बता दें कि खर्राटे लेने की समस्या को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया सिंड्रोम बीमारी की पहली स्टेज मानी जाती है. हालांकि यह काफी आम समस्या है. तो अगर आप भी आपके पार्टनर या फैमिली मेंबर्स के खर्राटों से परेशान हैं तो इन घरेलू उपायों को फॉलो कर सकते हैं.

खर्राटे दूर करने के घरेलू उपाय:

आयुर्वेदिक घी-  परंपरागत रूप से, ब्राह्मी जड़ी बूटी को घी के साथ उबाला जाता है और इस घोल की कुछ बूंदें व्यक्ति की नाक में डाली जाती हैं.  प्राचीन भारतीय चिकित्सा विज्ञान के अनुसार, घी में कई औषधीय गुण होते हैं और यह खर्राटों में भी सहायक पाया गया है.

ऑलिव ऑयल थेरेपी- आश्चर्यजनक रूप से, ऑलिव ऑयल हर शाम या सोते समय पीने से खर्राटों के कारण होने वाली परेशानी को दूर करने में कारगर पाया गया है. अक्सर  खर्राटों के कारण नाक और गले के टिशू में कंपन होता है, जिससे खर्राटों की आवाज पैदा होती है. ऑलिव ऑयल मांसपेशियों को मजबूत करता है और हवा के सर्कुलेशन के लिए जगह छोड़ता है, जिससे शोर कम होता है या बिल्कुल नहीं होता.

नाक की सफाई- नाक में म्यूकस को जमा ना हो इसके लिए घर पर ही सलाइन वॉटर बनाए. खर्राटों का एक सामान्य कारण नाक का बंद होना भी हो सकता है.

करवट लेकर सोएं- करवट लेकर सोना खर्राटों को कम करने या रोकने में मदद कर सकता है. पीठ के बल सोने से कभी-कभी जीभ गले के पीछे चली जाती है, जिससे हवा का प्रवाह आंशिक रूप से अवरुद्ध हो सकता है. बेहतर सांस लेने और हवा के प्रवाह को सुचारू रखने के लिए करवट लेकर सोना फायदेमंद होता है.

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