रात में सोते वक्त क्या आप भी खर्राटे लेते हैं? क्या आप भी नींद में बातें करते हैं या बेचैनी महसूस करते हैं? हर इंसान में नींद से जुड़ी कुछ विचित्र या बेहद सामान्य आदतें होती हैं. लेकिन शायद ही आपने कभी रात में दिखने वाले इन लक्षणों पर गौर किया होगा. आपको अंदाजा नहीं कि सामान्य से दिखने वाले ऐसे कई लक्षण किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकते हैं. आइए जानते हैं कि नींद से जुड़ी ऐसी आदतें कब अस्पताल जाने की नौबत खड़ी कर सकते हैं.
खर्राटे- नींद में खर्राटे लेना आमतौर पर चिंता का विषय नहीं होता है. हालांकि नींद में खर्राटों की आवाज से आप गंभीर समस्या की पहचान कर सकते हैं. खर्राटों के दौरान हांफना या दम घुटने जैसी आवाजों का आना स्लीप एपनिया का लक्षण हो सकता है. इस कंडीशन में इंसान रात में कई बार सांस लेना बंद कर सकता है. स्लीप एपनिया के शिकार लोग अक्सर नींद से जागने पर सिरदर्द और थकान महसूस करते हैं. उन्हें अक्सर एकाग्र होने या किसी चीज पर फोकस करने में भी मुश्किल होती है.
एन्जाइटी- एन्जाइटी के कारण होने वाली बेचैनी आपको रात में घंटों तक जगाए रख सकती है. एन्जाइटी खराब नींद का कारण बनता है. फिर चाहे आप कितना भी क्यों ना सोए हों, आपको बेचैनी महसूस होगी. नींद की कमी एन्जाइटी को बदतर बना सकती है. यह इन्सोमनिया और एन्जाइटी डिसॉर्डर जैसी दिक्कतों को बढ़ावा दे सकती है. मेडएक्सप्रेस के मेडिकल एडवाइजर डॉ. क्लैर मॉरिसन कहते हैं कि दिमाग से जुड़ी समस्याएं जैसे कि डिप्रेशन, एन्जाइटी, स्ट्रेस, पैनिक डिसॉर्डर और पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर नींद पर बुरा असर डालती हैं. इन सभी मेंटल डिसॉडर्स का इलाज संभव है.
पैरों में बेचैनी- रात में सोते वक्त यदि आप बहुत ज्यादा बेचैन रहते हैं तो ये 'रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम' भी हो सकता है. इसे विल्लिस-ऐकबॉम डिसीस भी कहा जाता है. डॉ. मॉरिसन के मुताबिक, इसमें पैरों में अजीब सी हलचल या झनझनाहट महसूस हो सकती है. इसमें लोगों को शाम या रात के वक्त ज्यादा दिक्कत होती है. कई बार सोना तक मुश्किल हो जाता है. यह समस्या पुरुषों के मुकाबले मिडिल एज की महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है.
पसीना आना- क्या रात में आपने कभी खुद को पसीने में लथपथ पाया है? रात में पसीना आने की समस्या बाकी लक्षणों की तुलना में ज्यादा गंभीर हो सकती है. मीनोपॉज के दौरान हार्मोन में बदलाव की वजह से रात में पसीना आने की दिक्कत हो सकती है. हालांकि इसका इलाज संभव है. एंटीडिप्रेसन्ट, स्टेरॉयड और पेनकिलर्स भी कई बार रात में पसीने की वजह होते हैं, जिसके बारे में डॉक्टर से बात करनी चाहिए. रात में पसीना कैंसर का भी वॉर्निंग साइन हो सकता है. मुख्यतौर पर लिम्फोमा जो कि एक प्रकार का ब्लड कैंसर है. हालांकि ये बहुत दुर्लभ होता है.
बार-बार पेशाब आना- रात में बार-बार पेशाब आने की समस्या को मेडिकल भाषा में नोक्टूरिया कहा जाता है. कैफीन, एल्कोहल, स्मोकिंग इस दिक्कत को ट्रिगर कर सकते हैं. प्रोटॉन थेरेपी सेंटर में कैंसर फैसिलिटी के डायरेक्टर डॉ. जिरी क्यूब कहते हैं, 'अगर रात में लगातार जागने और बार-बार टॉयलेट जाने की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपके प्रोस्टेट में खराबी का एक संकेत है.' कैंसर पीड़ितों में आठ में से एक शख्स प्रोस्टेट कैंसर का शिकार होता है. पेशाब आने में दिक्कत, कमजोर प्रवाह और पेशाब या वीर्य में खून आना इसके लक्षण हैं. इसके अलावा, रात में बार-बार पेशाब आने की समस्या टाइप-2 डायबिटीज से भी जुड़ी हो सकती है.
बहुत ज्यादा थकान- कुछ लोग सामान्य से ज्यादा सोते हैं. इसके बावजूद उनकी थकान कम नहीं होती. कॉस्मेडिक्स के मेडिकल डायरेक्टर और जनरल प्रैक्टिशनर डॉ. रॉस पैरी कहते हैं कि कुछ लोगों को दिन या रात के समय जल्दी नींद आ जाती है और रात में उनके लिए बिस्तर से उठना मुश्किल हो जाता है. यह एनीमिया का लक्षण हो सकता है. इसमें ऊर्जा की कमी, स्किन में पीलापन, सिरदर्द, चक्कर आना और हाथ-पैर ठंडे पड़ने जैसे लक्षणों को देखना भी जरूरी है. थायरॉइड की वजह से भी बहुत ज्यादा थकान हो सकती है. इसमें वजन बढ़ने और मांसपेशियों में दर्द जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.