अगर आपके पैर भी अक्सर सुन्न पड़ जाते हैं या आपको अचानक उनमें ठंडक महसूस होने लगती है तो ये पेरफरिल आर्टीरियल डिसीस (PAD) के लक्षण हैं. ये एक बहुत आम बीमारी है और भारत में इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या लाखों में है. इस बीमारी में व्यक्ति की ब्लड वेसल्स (धमनियां) सिकुड़ने लगती हैं जिससे शरीर के अंगों में खून की सप्लाई कम हो जाती है.
अमेरिका में 40 साल और उसके ऊपर के लगभग 65 लाख लोग PAD से परेशान हैं. अमेरिका की सरकारी हेल्थ एजेंसी सेंटर फॉर डिसीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC)के मुताबिक, अगर आपको ये बीमारी है और समय पर इसका इलाज नहीं किया गया है तो ये बहुत खतरनाक हो सकती है. छोटी से लापरवाही से आपको कोरोनरी आर्टरी डिसीस और सेरेब्रोवस्कुलर डिसीस हो सकती है जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बनती है.
अमेरिकी डॉक्टर लौरा पर्डी बताती हैं, "अगर कोई व्यक्ति सालों से मधुमेह, हाई ब्लडप्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों से पीड़ित है तो संभव है कि वो पेरफरिल आर्टीरियल डिसीस का शिकार हो सकता है. हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि पेरफरिल आर्टीरियल डिसीस से पीड़ित लोगों को मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल जरूर होगा. वो बताती हैं कि खून का बहाव ठीक से ना होने पर कई तरह के इंफेक्शन, पैरों का सुन्न पड़ना या उनमें जख्म हो सकता है जो लंबे समय तक रहता है. इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए शुरुआती संकेतों को समझकर उसका इलाज शुरू कर देना चाहिए.
1.क्या है ये बीमारी और कैसे होगी ठीक
मेडिकल भाषा से हटकर अगर आसान शब्दों में समझें तो शरीर में खून का ठीक तरह से बहाव का ना होना ही पेरफरिल आर्टीरियल डिसीस (PAD) कहलाता है. इस स्थिति में व्यक्ति को चलने में दिक्कत होती है और पैरों में दर्द रहता है. खराब ब्लड सर्कुलेशन की वजह से दिल से शरीर के बाकी अंगों और ऊतकों तक ऑक्सीजन और ब्लड का फ्लो प्रभावित होता है. ब्लड सर्कुलेशन के ठीक ना होने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें सबसे बड़ा और आम कारण शरीर में लंबे समय तक रहने वाली बीमारियां हैं. ब्लड वेसल्स ही शरीर के अंगों में खून की सप्लाई करती हैं और जब किसी वजह से धमनियों में सिकुड़न आती है तो ब्लड की सप्लाई बाधित होती है.
मधुमेह, हाई ब्लडप्रेशर कुछ तरह की वस्कुलर डिसीस और धूम्रपान धमनियों के संकुचित होने के कुछ सबसे सामान्य कारण हैं जिन्हें हम पेरिफेरल आर्टरी डिजीज कहते हैं. दिल हमारे शरीर के सभी हिस्सों में धमनियों के जरिए ऑक्सीजन युक्त खून सप्लाई करता है जबकि वीन्स (नसें) इसे दिल की ओर वापस पंप करती हैं. लेकिन जब किसी व्यक्ति को क्रॉनिक वीन्स इनसफिशियंसी की समस्या होती है तो नसों को हाथ और पैरों से ऑक्सीजन को दिल तक सप्लाई करने में परेशानी होती है.
2. टांगों में सूजन हो तो ना करें नजरअंदाज
डॉ. पर्डी बताते हैं, "अगर रोजाना आपकी टांगों में सूजन हो रही है और आपके टांगों पर निशान पड़ रहे हैं तो ये वीन्स इनसफिशियंसी का लक्षण है. ये निशान मोटापे से पीड़ित लोगों और काफी देर तक खड़ा रहने की स्थिति में बनते हैं. कई लोग अक्सर इस प्रकार की सूजन के लिए ड्यूरेटिक ड्रग लेने लगते हैं लेकिन ये सुरक्षित नहीं है और इससे परेशानी खत्म भी नहीं होती.
इससे बेहतर है कि आप डॉक्टरों की सलाह पर कंप्रैशन वाले मोजों (स्टॉकिंग्स) का इस्तेमाल करें. इन्हें पहनने से आपके पैरों पर प्रेशर पड़ेगा जिससे आपका खून पैरों में बहने के बजाए वापस पूरे शरीर में सर्कुलेट होगा. ऐसे मोजे आपकी इस समस्या को दूर रखने के साथ आपके पैरों में हो रही सूजन को भी कम कर सकते हैं. इसके अलावा हर रात टांगों को ऊपर उठाने से भी अस्थाई तौर पर आराम मिलता है. इसके लिए आप अपने पैरों को ऊपर उठाएं और कुछ देर के लिए इसी अवस्था में रहें. इससे टांगों से खून को दिल की तरफ पंप होने में मदद मिलेगी.
3.टांगों पर पड़ने वाले नीले और काले निशान हैं खतरनाक
अगर आपकी टांगों पर नीले या काले रंग के निशान पड़ रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप लंबे समय से वीन्स इनसफिशियंसी से पीड़ित हैं. त्वचा में ये बदलाव खून में हीमोग्लोबिन से ऑक्सीजाइज्ड हुए आयरन की वजह से होते हैं जो लंबे समय तक शरीर के ऊपरी हिस्सों में वापस जाए बिना सिर्फ वीन्स में जमा रहता है. कंप्रैशन वाले मोजे पहनकर या टांगों को ऊपर उठाकर रखने वाली कसरत कर इस स्थिति से छुटकारा पाया जा सकता है. लेकिन बेहतर है कि इसके स्थाई इलाज के लिए आप किसी वस्कुलर सर्जन से परामर्श करें.
4- पैरों का सुन्न पड़ना
पैरों का सुन्न पड़ना, झुनझुनी, ठंडक या पैरों की त्वचा का पीला पड़ना खराब ब्लड सर्कुलेशन के संकेत हैं. ये स्थिति और भी बदतर हो जाती है जब आप काफी देर तक बैठे रहें या कोई शारीरिक गतिविधि ना करें. इस प्रकार की समस्या के लिए आप तुरंत डॉक्टर या किसी अच्छे वस्कुलर सर्जन से संपर्क करें क्योंकि अगर ये स्थिति लंबे समय तक रहती है तो बीमारी भयावह हो सकती है. लंबे समय तक इस पर ध्यान ना देने से हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है.
5-टांगों में दर्द
अगर आपको भी चलते हुए टांगों में तेज दर्द होता है जिसके बाद आप कुछ देर के लिए रुक जाते हैं और फिर दोबारा चलना शुरू करते हैं तो ये कंडीशन बताती है कि आपके शरीर में खून का बहाव सही तरह नहीं हो रहा. ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. इस स्थिति को "क्लॉडिकेशन" कहते हैं और ये तब होता है जब चलते समय पैर की मांसपेशियों के लिए जरूरी ब्लड की सप्लाई नहीं हो रही होती है. इस प्रकार का दर्द बहुत तेज होता है. अगर आप कुछ देर आराम करते हैं तो ये दर्द दूर हो जाता है. अगर आपको ये परेशानी होती है तो आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
6-ऊंगलियां पड़ रही हैं पीली तो ये है अलर्ट
डॉक्टर पर्डी ने बताया कि हाथों या शरीर के ऊपरी हिस्सों में ब्लड सर्कुलेशन की परेशानी बहुत कम लोगों में होती है. हाथ दिल के बेहद करीब होते हैं, ऐसे में उसकी धमनियों में या नसों में बहुत ही कम समस्याएं देखने को मिलती हैं. लेकिन ये नामुमिकन नहीं है. शरीर में इस स्थिति को रेनॉड्स सिंड्रोम कहा जाता है जो कई बार ठंड के संपर्क में आने पर होती है लेकिन कुछ लोगों में ये बिना किसी वजह के भी हो सकता है.
अगर आपको भी ये लक्षण दिखते हैं तो तुरंत हाथों की तस्वीर लें और फिर डॉक्टर के पास जाएं. ऐसा इसलिए क्योंकि ये लक्षण हमेशा नहीं दिखते. इस बीमारी को दूर करने के लिए कुछ दवाएं भी आती हैं लेकिन किसी अच्छे डॉक्टर से इलाज करना ज्यादा बेहतर रहेगा.