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Omicron variant: कितना खतरनाक और संक्रामक है कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट? जानें सब कुछ

Omicron new covid 19 variant in India: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने एक बार फिर पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. डेल्टा के बाद कोरोना का ये नया वैरिएंट सबसे ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है. नीदरलैंड, इजरायल, डेनमार्क और ऑस्ट्रेलिया में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. WHO ने इसे 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' की कैटेगरी में डाला है. कोरोना के नए वैरिएंट के सामने आने के बाद भारत सरकार भी सतर्क हो गई है.

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Omicron Virus in India: कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर बढ़ी चिंता
Omicron Virus in India: कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर बढ़ी चिंता
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना का नया वैरिएंट ज्यादा संक्रामक
  • ओमिक्रॉन का खतरा बढ़ा
  • वैज्ञानिकों ने किया सतर्क

Omicron Variant: पिछले दो साल से कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर झेल रही दुनिया जैसे-तैसे पटरी पर आने की कोशिश कर रही थी लेकिन नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने एक बार फिर से लोगों की चिंता बढ़ा दी है. दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत गौटेंग में COVID-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) की पहचान की है और इसके संभावित खतरों से विश्व स्वास्थ्य संगठन को आगाह करा दिया है. नीदरलैंड, इजरायल, डेनमार्क और ऑस्ट्रेलिया में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' की कैटेगरी में डाला है. कोरोना के नए वैरिएंट के सामने आने के बाद भारत सरकार भी सतर्क हो गई है. आइए जानते हैं कि ओमिक्रॉन वेरिएंट कोरोना के पुराने वैरिएंट से कितना अलग है और ये कितना गंभीर हो सकता है.

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तेजी से फैलता है ओमिक्रॉन वैरिएंट- दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला के अनुसार, देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़े हैं. पिछले कुछ सप्ताह में हर दिन इसके केवल 200 से अधिक नए मामले आते थे लेकिन शनिवार को यहां एक दिन में 3,200 से अधिक मामले सामने आए जिनमें से अधिकांश मामले गौटेंग प्रांत से थे. मामलों में अचानक से हुई इस वृद्धि को समझने के लिए, वैज्ञानिकों ने वायरस के सैंपल की स्टडी की.  क्वाज़ुलु-नेटाल रिसर्च इनोवेशन एंड सीक्वेंसिंग प्लेटफॉर्म के निदेशक टुलियो डी ओलिवेरा के अनुसार, गौटेंग में 90% नए मामले ओमिक्रॉन वैरिएंट के थे.

नए वैरिएंट पर क्यों चिंतित हैं वैज्ञानिक- डेटा का आकलन करने के बाद WHO की तरफ से कहा गया है, 'शुरुआती साक्ष्यों से पता चलता है कि अन्य वैरिएंट की तुलना में इस वेरिएंट में री-इंफेक्शन का खतरा ज्यादा है. इसका मतलब है कि जो लोग COVID-19 से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं, वो इसकी चपेट में फिर से आसानी से आ सकते हैं. कोरोनावायरस के स्पाइक प्रोटीन में इस वैरिएंट में लगभग 30 म्यूटेशन हैं. इसलिए लोगों में इसके आसानी से फैलने की संभावना है. 

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कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में COVID-19 की जेनेटिक सिक्वेंसिंग का नेतृत्व करने वाले शेरोन पीकॉक ने AP न्यूज को बताया, 'अब तक के आंकड़ों से पता चलता है कि नया वैरिएंट वो म्यूटेशन है जो तेजी से फैलता है. हालांकि, इसके कई म्यूटेशन के बारे में अभी पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है.' वारविक यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट लॉरेंस यंग का कहना है कि ओमिक्रॉन में वायरस का अब तक का सबसे ज्यादा म्यूटेट वर्जन देखा गया है. इतने सारे म्यूटेशन इससे पहले कभी भी एक ही वायरस में नहीं देखे गए हैं. यही वजह है कि नए वेरिएंट को लेकर  वैज्ञानिक चिंतित हैं.

ओमिक्रॉन वैरिएंट संक्रामक है पर क्या खतरनाक भी है? वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रॉन पिछले बीटा और डेल्टा वैरिएंट से आनुवांशिक रूप से अलग है लेकिन इस बात की अभी कोई जानकारी नहीं है कि ये जेनेटिक बदलाव इसे ज्यादा खतरनाक बनाते हैं या नहीं. इस बात के बारे में भी स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता कि ये वैरिएंट बीमारी को बहुत ज्यादा गंभीर बना सकता है. इसका पता लगाने में भी वैज्ञानिकों को थोड़ा समय लग सकता है कि कोरोना के इस नए वैरिएंट पर वर्तमान वैक्सीन प्रभावी है या नहीं.

ओमिक्रॉन के कुछ आनुवांशिक बदलाव चिंता बढ़ाने वाले हैं लेकिन फिर भी लोगों की सेहत को लेकर इसे कितना खतरा है, इस पर स्पष्ट जानकारी नहीं है. इससे पहले कुछ वैरिएंट जैसे कि बीटा वैरिएंट को लेकर भी वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की थी लेकिन ये बहुत ज्यादा नहीं फैल पाए. प्रोफेसर पीकॉक का कहना है, 'हम ये नहीं जानते है कि नया वैरिएंट डेल्टा की तरह ही खतरनाक है या नहीं.' बता दें कि अब तक डेल्टा को ही COVID-19 का सबसे ज्यादा संक्रामक वैरिएंट माना गया है. 

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