कोरोना वायरस का नया वैरिएंट B.1.1.529 यानी 'ओमिक्रॉन' पूरी दुनिया के लिए एक नया खतरा बन रहा है. WHO इसे 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' करार दे चुका है. ओमिक्रॉन को भारत में दूसरी लहर के दौरान तबाही मचाने वाले डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है. इन चिंताओं के बीच रविवार को WHO ने ओमिक्रॉन से जुड़ी कुछ खास जानकारी लोगों के बीच साझा की है.
रीइंफेक्शन का खतरा (Omicron Reinfection)- WHO के अनुसार, शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से लोगों में रीइंफेक्शन का खतरा भी बढ़ सकता है. यानी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके लोग भी इस नए वैरिएंट की चपेट में आ सकते हैं. इस पर अभी बहुत कम जानकारी उपलब्ध है. अधिक जानकारी मिलने में थोड़ा समय लग सकता है. तब तक लोगों को संभलकर रहने की सलाह दी जाती है.
डेल्टा से ज्यादा संक्रामक है या नहीं (Omicron Infectious)- ओमिक्रॉन वैरिएंट कोराना के डेल्टा या अन्य वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक है, इसे लेकर कोई ठोस दावा नहीं किया जा सकता है. यानी इंसानों के बीच यह वैरिएंट कितनी तेजी से फैलता है, इस पर स्पष्ट प्रतिक्रिया देना जरा मुश्किल है. फिलहाल इतनी जानकारी है कि RT-PCR टेस्ट से इस नए स्ट्रेन को डिटेक्ट किया जा सकता है. कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में इस वैरिएंट में लगभग 30 म्यूटेशन हैं. इसलिए लोगों में इसके आसानी से फैलने की संभावना है.
वैक्सीन पर ओमिक्रॉन का प्रभाव (Omicron Effect On Vaccine)- ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे को भांपने के बाद WHO टेक्निकल पार्टनर्स के साथ वैक्सीन पर इस वैरिएंट के प्रभाव को समझने का प्रयास कर रहा है. ताकि वैक्सीनेट लोगों पर वैरिएंट का प्रभाव देखा जा सके. इसका पता लगाने में भी वैज्ञानिकों को थोड़ा समय लग सकता है कि कोरोना के इस नए वैरिएंट पर वर्तमान वैक्सीन प्रभावी है या नहीं.
कैसे हैं लक्षण (Symptoms Of Omicron)- ओमिक्रॉन से संक्रमण गंभीर रूप से किसी इंसान को बीमार कर सकता है या नहीं, इस पर साफतौर से कुछ नहीं कहा जा सकता है. इसकी भी फिलहाल कोई जानकारी नहीं है कि ओमिक्रॉन के लक्षण दूसरे वैरिएंट से अलग होंगे या नहीं.
दक्षिण अफ्रीका में बढ़े मामले- शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका के अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. लेकिन यह अकेले ओमिक्रॉन वैरिएंट की बजाए संक्रमितों की कुल संख्या बढ़ने की वजह से भी हो सकता है. शुरुआती अध्ययनों के मुताबिक, युवाओं में इसके हल्के लक्षण देखे जा सकते हैं, लेकिन ओमिक्रॉन वैरिएंट में गंभीरता के स्तर को समझने के लिए कुछ दिन से लेकर कुछ सप्ताह का समय लग सकता है.