हर पेरेंट्स की चाहत होती है कि उनके बच्चे हेल्दी रहें. हालांकि कई बार खानपान पर ध्यान ना देने का असर बच्चों के वजन पर पड़ता है और इससे कई तरह बीमारियों होने का खतरा बढ़ जाता है. एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि जो बच्चे बहुत मोटे होते हैं उन्हें 6 साल की उम्र के बाद सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. बच्चों पर हुई एक स्टडी में पाया गया है कि जिन बच्चों का वजन काफी ज्यादा होता उनमें 6 साल से ही कैंसर, दिल की बीमारियों और डायबिटीज से जुड़े लक्षण नजर आने लगते हैं.
क्या कहती है स्टडी- स्टडी के लिए डेनमार्क के शोधकर्ताओं ने 2 से 8 साल तक के करीब एक हजार बच्चों को ट्रैक किया. इन सभी बच्चों का ब्लड टेस्ट किया गया जिसमें हेल्दी वजन वाले बच्चों की तुलना में प्री-स्कूल जाने वाले मोटे बच्चों में कोई बड़ा खतरा नहीं पाया गया. वहीं, जब यह टेस्ट 6 साल के बच्चों का किया गया तो ओवर वेट और पतले बच्चों के बीच यह अंतर साफ देखा गया. कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के लीड रिसर्चर डॉ क्रिस्टीन फ्रिथिओफ-बोजसे ने कहा, 'जो बच्चे बचपन में ही ओवर वेट होते हैं उन्हें आगे चलकर हार्ट और लीवर डिजीज, टाइप 2 डायबिटीज और मेटाबॉलिज्म से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.'
शोधकर्ताओं का कहना है कि बचपन में जिन बच्चों का वजन ज्यादा होता है, बड़े होकर वो मोटापे के शिकार हो जाते हैं. बहुत ज्यादा मोटापे से डायबिटीज, हार्ट और लीवर संबंधित बीमारियों और कई तरह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. जरूरी है कि आप हेल्दी वेट और मोटापे के बीच के अंतर को समझें. सही इलाज से बच्चों को भविष्य में होने वाली इन सभी बीमारियों से बचाया जा सकता है.
बच्चों को मोटापे से कैसे बचाएं- बच्चों को मोटापे का शिकार होने से रोकने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कुछ खास सुझाव दिए हैं. उनका कहना है कि बच्चे पेरेंट्स की चीजों को ही अपनाने की कोशिश करते हैं. अगर आप बच्चे का हेल्दी वेट मेंटेन करना चाहते हैं तो खुद भी जंक फूड्स के सेवन से बचें. बच्चों को रोजाना 60 मिनट तक फिजिकल एक्टिविटी करने के लिए प्रोत्साहित करें. बच्चे को उसकी उम्र के हिसाब से ही खाना दें. उनकी डाइट में हेल्दी मील शामिल करें. बच्चों को फोन की स्क्रीन से दूर रखें और भरपूर नींद लेने दें.