पेरेंट्स बनना काफी मुश्किल काम होता है. पेरेंटिंग के दौरान आपके हर समय अलर्ट रहने की जरूरत होती है और कई तरह के बोल्ड स्टेप्स उठाने पड़ते हैं. यूं तो बच्चे की परवरिश में माता-पिता दोनों की ही अहम भूमिका होती है लेकिन मां का रोल काफी ज्यादा मायने रखता है. अक्सर बच्चे पिता की तुलना में मां के काफी ज्यादा करीब होते हैं. हर महिला की कोशिश रहती है कि वह एक परफेक्ट मां बनें, जिसके लिए महिलाएं काफी ज्यादा मेहनत भी करती हैं. अच्छी मां बनने का बिल्कुल भी ये मतलब नहीं है कि आपका रवैया बच्चों के प्रति काफी कठोर हो या आप खुद को ही इग्नोर करना शुरू कर दें. अच्छी मां बनने का मतलब होता है कि आप खुद को और अपने बच्चे को समझने की कोशिश करें और उसी के हिसाब से अपने काम करें.
नई माताओं को अक्सर पेरेंटिंग को लेकर कई तरह के सुझाव दिए जाते हैं. लेकिन जरूरी है कि आप दूसरों की बातों पर ज्यादा ध्यान ना देकर वो काम करें जो आपको सही लगते हैं. तो आज हम आपको एक परफेक्ट मां में क्या क्वालिटीज होनी चाहिए इसके बारे में बताने जा रहे हैं. तो अगर आप भी एक अच्छी मां बनना चाहती हैं तो आपमें भी इन क्वालिटी का होना काफी ज्यादा जरूरी है.
आत्म जागरूकता (self awareness)- बच्चे को समझने के लिए जरूरी है कि आप सबसे पहले खुद को समझें. जो व्यक्ति अपनी ताकत और कमजोरियों को लेकर जागरूक होता है उसे चीजों को बेहतर तरीके से मैनेज करना आता है और वह आसानी से अपने बच्चे की ताकत और कमजोरी को भी पहचान सकता है.
सुनने की आदत- हर बच्चा चाहता है कि उसकी मां बिना जज किए उसकी हर बात को सुने. जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं,वह अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को बिना किसी फिल्टर के शेयर करते है. ऐसे में अगर आप बच्चों की बातों को इग्नोर करते हैं,उनकी बात ध्यान से नहीं सुनते और उन्हें जज करते हैं तो ऐसे में बच्चे खुद को काफी अलग महसूस करने लगते हैं और कोई भी बात शेयर करने से कतराने लगते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप अपने बच्चे की हर छोटी को ध्यान से सुनें.
स्ट्रॉन्ग बनें- हर मां को सोसाइटी में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. कई बार बच्चों के क्लास में नंबर कम आने या बीमार होने पर मां को सुनाया जाता है. जिससे उनका मन काफी ज्यादा दुखी होता है. इन सभी मामलों में जरूरी है कि आप स्ट्रॉन्ग बनें. इस क्वालिटी से आप खुद को और अपने बच्चों को किसी भी मुश्किल परिस्थिति से बचा सकती हैं.
विनम्र बर्ताव- पेरेंट्स बनने के बाद माता-पिता खुद को बड़ा महसूस करने लगते हैं. लेकिन ये बात आप भी जानते हैं कि पेरेंटिंग के दौरान पेरेंट्स गलतियां भी करते हैं. लेकिन अक्सर माता पिता अपनी गलतियों के लिए बच्चों से कभी भी माफी नहीं मांगते. ऐसे में जब आप बच्चों से अपनी गलतियों पर माफी नहीं मांगते तो वह धीरे-धीरे आपकी तरह होने लगते हैं.
सपोर्टिव बनें- एक और क्वालिटी जो हर मां में होनी चाहिए वो है बच्चों को सपोर्ट करना. कई बार ऐसा होता है जब बच्चे कई ऐसे फैसले और निर्णय लेते हैं जो माता-पिता को पसंद नहीं आते . लेकिन जरूरी है कि आप उन्हें अपने फैसले खुद लेने की आजादी दें और उनके हर फैसले में उन्हें सपोर्ट करें. पेरेंट्स होने के नाते जरूरी है कि आप उन्हें गलत और सही के बीच अंतर करना भी सिखाएं.