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PCOS in teenage girls: आपकी बेटी को भी है PCOS की समस्या? जानें इसके शुरुआती संकेत और लक्षण

क्या किशोरावस्था में आपकी बेटी को भी PCOS की समस्या का सामना करना पड़ रहा है? आइए जानते हैं कैसे आप इस समस्या के संकेतों और लक्षणों के बारे में पता लगा सकते हैं. साथ ही जानिए इस दौरान आपकी बेटी की लाइफस्टाइल और डाइट कैसी होनी चाहिए और कैसे आप इस समस्या से निपटने में अपनी बेटी की मदद कर सकते हैं.

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pcos के संकेत और लक्षण (Photo/Credit: Getty Images)
pcos के संकेत और लक्षण (Photo/Credit: Getty Images)

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक कॉमन हेल्थ डिसऑर्डर है जिसका सामना महिलाओं को अपनी किशोरावस्था और यंग एज में करना पड़ता है. PCOS के कारण महिलाओं को अनियमित पीरियड्स, कंसीव करने में दिक्कत और मोटापे आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

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PCOS की समस्या महिलाओं में हार्मोन के असंतुलन के कारण होती है. जिस कारण पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना, अनियमित पीरियड्स, वजन को मेनटेन रखने में दिक्कत, पेट, छाती और चेहरे पर बाल उगना, कंसीव करने में दिक्कत आदि का सामना करना पड़ता है. हालांकि, PCOS की समस्या को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता लेकिन लाइफस्टाइल में सुधार करके और ट्रीटमेंट के जरिए आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं. 

क्या है PCOS का कारण?

डॉक्टर यह निश्चित रूप से नहीं कह सकते कि इसका क्या कारण है, लेकिन PCOS की समस्या हार्मोन्स के असंतुलन के कारण होती है. लड़कियों और लड़कों दोनों में सेक्स हार्मोन्स का उत्पादन अलग-अलग मात्रा में होता है.

लड़कियों में, टेस्टोस्टरोन की तरह ही ओवरीज एस्ट्रोजन,  प्रोजेस्टेरोन और एंड्रोजन हार्मोन बनाती है. एड्रेनल ग्रंथि भी एंड्रोजन बनाती है. ये हार्मोन लड़कियों में पीरियड्स के साइकिल और ओव्यूलेशन को रेगुलेट करते हैं. एंड्रोजन को मेल हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है लेकिन महिलाओं के शरीर में भी ये हार्मोन बनता है. जिन महिलाओं को PCOS होता है, उनके शरीर में एंड्रोजन का उत्पादन नॉर्मल मात्रा से ज्यादा होता है.  PCOS की समस्या फैमिली हिस्ट्री पर भी निर्भर करती हैं. तो अगर आपके परिवार में किसी को PCOS की समस्या है तो आपमें भी इसके होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. 

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PCOS में क्या होता है?

PCOS में एंड्रोजन की अधिक मात्रा महिलाओं में एग के विकास और रिलीज में दिक्कत पैदा कर सकती है. अंडे के परिपक्व होने के बजाय, कभी-कभी सिस्ट विकसित हो जाता है. फिर, नॉर्मल पीरियड में ओव्यूलेशन के दौरान एग रिलीज होने की बजाय, ओवरी में सिस्ट बन जाता है. PCOS की समस्या से जूझ रही लड़कियों में हर महीने ओव्यूलेशन के दौरान एग रिलीज नहीं होते, जिस कारण बहुत सी लड़कियों को अनियमित पीरियड्स और पीरियड्स ना होने की समस्या का सामना करना पड़ता है.

किशोरावस्था में ऐसे पहचानें PCOS के संकेत और लक्षण

एक्सपर्ट्स का कहना है कि PCOS का एक बड़ा लक्षण अनियमित पीरियड्स और पीरियड्स का मिस होना है जिससे ओव्यूलेशन रुक जाता है. इस मामले में, कंसीव करना काफी ज्यादा मुश्किल हो जाता है जिससे इनफर्टिलिटी की समस्या का सामना करना पड़ता है. 

हालांकि, अगर प्यूबर्टी के शुरुआती सालों में अनियमित पीरियड्स की समस्या को मैनेज कर लिया जाए तो महिलाएं बिना किसी कठिनाई के कंसीव कर सकती हैं. 

PCOS का दूसरा बड़ा लक्षण है प्यूबर्टी की शुरुआत में लड़कियों में मोटापा बढ़ना. मोटापे के कारण आपका मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है जिस वजह से हार्मोनल असंतुलन का सामना करना पड़ता है. हार्मोनल असंतुलन के कारण वजन को कम और मेनटेन करना काफी मुश्किल हो जाता है.

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महिलाओं में PCOS के कारण एंड्रोजन लेवल बढ़ने से स्किन संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जिन लड़कियों को किशोरावस्था में PCOS की दिक्कत का सामना करना पड़ता है, उन्हें वजन बढ़ने, चेहरे पर बालों की ग्रोथ, एक्ने, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर के कारण शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है जिस कारण उनकी मानसिक स्थिति पर इसका काफी बुरा असर पड़ता है. 

 किशोरावस्था के शुरुआती सालों में कैसे करें PCOS को मैनेज 

बहुत सी लड़कियों को किशोरावस्था के दौरान PCOS की समस्या के बारे में ज्यादा पता नहीं होता. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि किशोरावस्था के शुरुआती सालों में अगर किसी लड़की के शरीर में ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई भी नजर आता है तो जरूरी है कि आप किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से बात करें. सही टेस्ट और ट्रीटमेंट से इन लक्षणों को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है. PCOS की समस्या को लाइफस्टाइल में बदलाव और हेल्दी डाइट फॉलो करके भी ठीक किया जा सकता है. 


PCOS की समस्या होने पर इन लाइफस्टाइल और डाइट्री टिप्स से मिल सकती है मदद

खाने में हेल्दी चीजों का चुनाव करें.

खाने में कैलोरी इंटेक कम करें और पोषक तत्वों से भरपूर मील को शामिल करें.

अपनी भूख के अनुसार ही खाना खाएं.

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हाइड्रेटेड रहें. 

रोजाना एक्सरसाइज करें.

बेहतर मेनल हेल्थ के लिए नियमित रूप से योग और मेडिटेशन का अभ्यास करें.

स्लीप साइकिल को मेनटेन करें और कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद जरूर लें.

डॉक्टर की ओर से बताई गई हार्मोनल दवाइयों का नियमित रूप से सेवन करें.

स्ट्रेस से दूर रहें ताकि आपका कोर्टिसोल और इंसुलिन लेवल कंट्रोल में रहे.

हेल्थ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि हेल्दी डाइट लेने के साथ ही मैदा, शुगर, प्रोसेस्ड फूड से दूर रहें. कुछ महिलाओं को ग्लूटन और डेयरी फ्री फूड का सेवन करने से भी काफी ज्यादा फायदा मिल सकता है. इसके अलावा जरूरी है कि आप अपने वेट को मेनटेन रखें.

 कैसे करें इस समस्या का सामना 

PCOS एक क्रॉनिक हेल्थ डिसऑर्डर है जिससे आप छुटकारा नहीं पा सकते हैं लेकिन लाइफस्टाइल में बदलाव करके आप इस समस्या को कम कर सकते हैं. किशोरावस्था में PCOS के कारण होने वाले शारीरिक बदलावों का लड़कियों के आत्मसम्मान पर बुरा असर पड़ सकता है. PCOS के लक्षण हर लड़की में एक जैसे नहीं होते. ऐसे में जरूरी है कि इसके लक्षणों को कम करने के लिए सही तरीके अपनाएं. दवाइयों का नियमित तौर पर सेवन करें ताकि शरीर में एंड्रोजन का लेवल कंट्रोल में रहे.

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अगर आपकी बेटी किशोरावस्था में PCOS के कारण डिप्रेशन और घबराहट का सामना कर रही है तो माता-पिता होने के नाते जरूरी है कि आप इस मामले को अच्छे से हैंडल करें. जरूरी है कि आप अपनी बेटी के आसपास पॉजिटिव वातावरण बनाने की कोशिश करें. अपनी बेटी की परेशानियों को ध्यान से सुनें और उसे सुलझाने की कोशिश करें. 

 

 

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