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PM मोदी ने किया कानपुर के 'ठग्गू के लड्डू' का जिक्र, जानें- कैसे 'ठगी' के बावजूद दुकान हुई इतनी मशहूर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi in Kanpur) ने कानपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए कानपुरिया स्टाइल में वहां के फेमस 'ठग्गू के लड्डू' का जिक्र किया. 'ठग्गू के लड्डू' कानपुर की फेमस लड्डुओं की दुकान है, जिसके लड्डू अटल बिहारी वाजपेयी को भी काफी पसंद थे.

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पीएम मोदी ने किया ठग्गू के लड्डू का जिक्र
पीएम मोदी ने किया ठग्गू के लड्डू का जिक्र
स्टोरी हाइलाइट्स
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण में 'ठग्गू के लड्डू' का किया जिक्र
  • कानपुर में फेमस हैं 'ठग्गू के लड्डू', 60 साल पुरानी है कहानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi in Kanpur) 28 दिसंबर को कानपुर पहुंचे. यहां पर उन्होंने कानपुर मेट्रो का उद्घाटन किया. उद्घाटन के दौरान उन्होंने जनसभा को संबोधित किया और कानपुर के फेमस 'ठग्गू के लड्डू' का भी जिक्र किया. कानपुर के ठग्गू के लडडू पूरी दुनिया में मशहूर हैं. अपीएम की ओर से रैली में जिक्र किए जाने के बाद ठग्गू के लड्डू की प्रसिद्धि में चार चांद लग गए हैं.

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कानपुर की रैली में पीएम ने अपने संबोधन की शुरुआत में ठग्गू के लड्डू का जिक्र करते हुए कहा कि इसका स्लोगन है ऐसा कोई सगा नहीं. इसके आगे की कड़ी जनता ने पूरी कर दी. पीएम की रैली के बाद ठग्गू के लडडू की दुकान पर आज तक की टीम पहुंची. दुकान पर मौजूद दुकान के मालिक पांडे परिवार के सभी सदस्य पीएम का संबोधन सुनने के बाद उत्साहित थे. सभी ने कहा कि ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने हमारे ठग्गू के लडडू का नाम लिया. इससे हमें बहुत खुशी हो रही है. जब से पीएम ने संबोधन किया है तब से ठग्गू के लड्डू की दुकानों के मालिकों के पास सैकड़ों की संख्या में मैसेज आ रहे हैं.

दुकान के मालिक आदर्श पांडे इतने खुश हैं कि दावा कर रहे हैं कि अब पीएम मोदी के संबोधन के बाद किसी और सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं है. वैसे कई बार चैनलों और फिल्म में भी इस दुकान का जिक्र हुआ है लेकिन ये सबसे अच्छी पहचान है. आदर्श के चाचा रवि पांडे का कहना है कि आज पीएम की तरफ से अपनी दूकान का नाम सुनकर बड़ा अच्छा लगा.

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उन्होंने कहा कि हमें आजतक की क्लिप भी लोग भेज रहे हैं. ये दुकान हमारे बाबा ने शुरू की थी. रवि पांडे ने पूरा स्लोगन सुनाया- 'ऐसा कोई सगा नहीं जिसको हमने ठगा नहीं, दुकान आएंगे हुजूर तो ठगे जाएंगे जरूर.' दुकान पर ठग्गू के लड्डू खाने पहुंचे लोग भी काफी उत्साहित नजर आए. लड्डू लेने पहुंचे अंकित का कहना था लड्डू का नाम तो पहले से ही था. ये कानपुर की जान है. अब ये और मशहूर होगा. हम लोग भी इनके लड्डू खाकर ठगे गए हैं.

ऐसे हुई 'ठग्गू के लड्डू' की शुरुआत

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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कानपुर जाने वाले और वहां रहने वाले हर किसी को 'ठग्गू के लड्डू' का स्वाद काफी पसंद है. इस दुकान की शुरुआत राम अवतार पांडे (Ram Avtar Pandey) ने करीब 60 साल पहले की थी. उन्होंने अपनी दुकान के लिए एक टैग लाइन बनाई थी. जो है 'ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको हमने ठगा नहीं' जिसका शाब्दिक अर्थ है 'ऐसा कोई भी नहीं है, जिसे हमने धोखा नहीं दिया.' अभिषके बच्चन और रानी मुखर्जी की 'बंटी और बबली' मूवी (Bunty Aur Babli) की शूटिंग इस दुकान पर भी हुई थी.

ऐसे पड़ा दुकान का नाम 'ठग्गू के लड्डू'

राम अवतार पांडे की तीसरी पीढ़ी यानी आदर्श पांडे अभी उनकी इस दुकान को चला रहे हैं. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि उनके दादाजी की इस मिठाई की दुकान के नाम के पीछे की कहानी महात्मा गांधी से जुड़ी हुई है. उन्होंने बताया, मेरे दादाजी एक बार दिल्ली में महात्मा गांधी का भाषण सुनने गए थे. उस समय गांधी जी ने चीनी को 'सफेद जहर' कहा था और उसके नुकसान भी बताए थे.

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सस्ती और आसानी से उपलब्ध होने के कारण दादाजी भी चीनी के ही लड्डू बनाया करते थे. गांधी जी का भाषण सुनने के बाद उन्हें चिंता हुई कि वे चीनी से बने लड्डू कैसे बेचेंगे ? इसके बाद उन्होंने ग्राहकों को चीनी के दुष्प्रभावों के बारे में चेतावनी देने के लिए अपनी दुकान का नाम 'ठग्गू के लड्डू' रख लिया. ताकि लोगों को पता चल जाए कि चीनी के लड्डू खाकर उनका नुकसान हो रहा है.

क्या खास है इन लड्डू में

आदर्श पांडे के मुताबिक, ये लड्डू आम लड्डुओं से काफी अलग हैं. उनके पास एक ऐसी विधि है जिससे वे लड्डू तैयार करते हैं. इन लड्डू में सूजी ,खोया ,गोंद ,चीनी ,काजू ,इलायची बादाम, पिस्ता आदि मिलाए जाते हैं.

लड्डू में काफी सारे देसी आइटम मिक्स होने से ये शरीर को विभिन्न तरह से फायदा पहुंचा सकते हैं. इनमें देसी घी का इस्तेमाल किया जाता है और रोजाना ये लड्डू बनाए जाते हैं और हम इन्हें बचाकर नहीं रखते.

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