Prediabetes Symtoms: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. भारत में भी डायबिटीज के मामले काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. प्री-डायबिटीज स्टेज किसी इंसान के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है. ऐसे में आपको अपनी लाइफस्टाइल को बदलने की जरूरत होती है. अगर समय रहते इसके लक्षणों को पहचान लिया जाए तो डायबिटीज को जोखिम वाले स्तर पर पहुंचने से रोका जा सकता है.
डायबिटीज के पहले दिखते हैं ये संकेत
प्री-डायबिटीज के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं पसीना और चक्कर आना. डायबिटीज के दौरान शरीर के आंतरिक तापमान का सही रहना बड़ा मुश्किल होता है. डायबिटीज होने के बाद शरीर के तापमान बनाए रखने की प्राकृतिक क्षमता खत्म हो जाती है. इसलिए डायबिटीज के कारण पसीना आना या पसीने की कमी भी हो सकती है. पैरों में अत्यधिक पसीना आना, चक्कर आना या सुन्न होना भी प्री-डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं.
डायबिटीज होने से पहले शरीर में प्री-डायबिटीज के लक्षण दिखाई देने लगते हैं जिनका पता लगाना थोड़ा मुश्किल होता है. बढ़ता शुगर लेवल प्री-डायबिटीज का खतरा बन सकता है लेकिन प्री-डायबिटीज को ठीक किया जा सकता है. लाइफस्टाइल में बदलाव और डाइट से प्री-डायबिटीज को ठीक किया जा सकता है जिससे हार्ट संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है.
क्या है प्री-डायबिटीज
जब रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक होता है लेकिन डायबिटीज की सीमा तक नहीं पहुंचता तो इसे "प्री-डायबिटीज" कहा जाता है. प्री-डायबिटीज के कारण शरीर में काफी बदलाव होते हैं जो कि सामान्य है. इसलिए लोगों को प्री-डायबिटीज के लक्षणों के बारे में जल्दी पता नहीं लग पाता है.
प्री-डायबिटीज कई कारणों से हो सकता है जैसे- खराब जीवनशैली, मोटापा. प्री-डायबिटीज के कारण हाई ब्लड प्रेशर, चक्कर, उल्टी, पसीना, पैरों का सुन्न होना जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं. प्री-डायबिटीज में वजन को नियंत्रित रखना चाहिए, वरना ज्यादा वजन से काफी खतरनाक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जैसे- कैंसर, हाई बी.पी, दिल की समस्या, हार्ट स्ट्रोक आदि.
कैसे कम कर सकते हैं प्री-डायबिटीज के लक्षण
अगर पुरुष की कमर का साइज 40 से ज्यादा और महिला की कमर का साइज 35 से ज्यादा है तो ये लक्षण भी प्री-डायबिटीज के हो सकते हैं इसलिए प्री-डायबिटीज के लक्षणों को कम करने के लिए रोजाना 30 मिनट वॉक करना चाहिए. वॉक करने से सिर्फ अच्छी लाइफस्टाइल ही नहीं बल्कि शरीर का फैट भी खत्म होता है जिससे वजन भी कम होगा.
हाई फाइबर डाइट भी प्री-डायबिटीज में मददगार हो सकती है. हाई फाइबर के लिए रैस्बेरी का सेवन किया जा सकता है. रैस्बेरी के सेवन से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है. प्री-डायबिटीज की डाइ़ट में गाजर, कैबेज, लेटस को भी शामिल किया जा सकता है.