प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबा मोदी का 18 जून को जन्मदिन है. इसके साथी ही हीराबा (हीराबेन) अपने जीवन के 100वें वर्ष में प्रवेश कर जाएंगी. हीराबा मोदी 100 साल की होने के बावजूद भी पूरी तरह से स्वस्थ हैं. दरअसल हीराबा सालों से अपने छोटे बेटे पंकज मोदी के साथ गांधीनगर में रहती हैं. हीराबा आज भी अपने घर में बिना किसी सहारे के चलती हैं और अपने घर का सारा काम खुद ही करती हैं.
हीराबा को पसंद है सादा भोजन और लापसी
हीराबा के खाने की बात की जाए तो वो ज्यादातर घर का खाना ही खाती है. वे खिचड़ी, दाल, चावल जैसी चीजें ज्यादा खाती हैं. उन्हें मीठे में लपसी काफी पसंद है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी जब अपने जन्मदिन के मौके पर हीराबा के आर्शीवाद के लिए आते हैं तो उनका मुंह भी मिश्री और लपसी से मीठा कराया जाता है. प्रधानमंत्री भी जब भी हीराबा के साथ खाना खाते हैं तो सादा ही भोजन रहता है जैसे रोटी, सब्जी, दाल,चावल और सलाद.
कोरोना काल में वैक्सीन लेकर समाज को दिया उदाहरण
हीराबा की उम्र भले ही 100 साल की हो रही है, लेकिन 6 महीने पहले ही गांधीनगर के म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के चुनाव में खुद वह स्कूल तक वोट डालने के लिए गई थीं, और लोकशाही के इस पर्व में खुद हिस्सा लिया था. यहां तक कि कोरोना के वक्त जब वैक्सीन को लेकर लोगों के दिलों में असमंजस था तब उन्होंने खुद वैक्सीन लेकर समाज के सामने एक उदाहरण सेट किया था.
हीराबा का स्वास्थ्य आम लोगों से काफी बेहतर
अहमदाबाद के एक डायटिशियन का कहना है कि 100 साल की उम्र में भी हीराबा की बीमारी को लेकर ज्यादा कोई खबर नहीं आती है. उनका स्वास्थ्य आम लोगों के स्वास्थ्य से काफी बेहतर है. सादा खाना ही एक स्वस्थ जीवन की निशानी है. और वे हमेशा सादा खाना ही पसंद करती है, उसमें भी घर का बना खाना.
हीराबा ने अपनी पूरी जिंदगी बेहद सादगीपूर्ण तरीके से बिताई है. स्वस्थ जीवन कैसे जीना चाहिए, इसके लिए हीराबा एक परफेक्ट उदाहरण हैं.